शिमला: आम लोगों को सस्ते हवाई सफर मुहैया कराने के लिए पीएम मोदी ने उड़ान योजना शुरू की थी. लेकिन पिछले 20 दिनों से शिमला एयरपोर्ट से उड़ान वन की एक भी फ्लाइट न तो यहां आई हैं और न ही दिल्ली के लिए गई हैं. इसका कारण तकनीकी खराबी बताया जा रहा है.
पीएम नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजना कब शुरू होगी इसकी जानकारी एयर इंडिया के अधिकारियों को भी नहीं है. फ्लाइट्स का संचालन नहीं होने सेलोगों के साथ-साथ टैक्सी मालिक भी रोजी रोटी के लिए परेशान हो रहे हैं. उड़ाने न होने के कारण सैलानियों की संख्या पर भी असर पड़ रहा है.
![Shimla Delhi flight not operating](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/images/2888626_shimla-airport.jpg)
इस बाबत एयर इंडिया के स्टेशन मैनेजर गुलशन मेहता से पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि तकनीकी कारणों के चलते 13 मार्च से उड़ान वन के तहत हवाई सेवा स्थगित की गई हैं. जल्द से जल्द फ्लाइट्स शुरू करने के लिए कोशिश की जा रही है.
साल 2017 में पीएम मोदी ने शिमला में योजना को दिखाई थी हरी झंडी
आपको बता दें कि 27 अप्रैल 2017 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नागरिक उड्डयन के लिए क्षेत्रीय संपर्क योजना 'उड़ान-1' की जुबरहट्टी (शिमला) हवाईअड्डे से शुरुआत की थी. इस योजना के तहत शिमला, नांदेड़ और कडप्पा एयरपोर्ट से उड़ाने शुरू हुईं थी. इस मौके पर उन्होंने कहा था कि श्रेणी-2 और श्रेणी-3 के शहर अब विकास का इंजन बन रहे हैं और इनके बीच हवाई संपर्क का बढ़ाना फायदेमंद होगा. उड़ान योजना हिमाचल प्रदेश के पर्यटन क्षेत्र के लिए मददगार साबित होगी.
क्या है उड़ान योजना ?
राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन नीति यानी एनसीएपी ने उड़ान योजना की शुरूआत 15 जून 2016 में की थी. इसके तहत करीब 500 किलोमीटर के लिए एक फिक्स्ड विंग एयरक्राफ्ट विमान से एक घंटे की यात्रा या किसी हेलीकॉप्टर से आधे घंटे की यात्रा का हवाई किराया 2500 रुपए होगा. इसके साथ ही इस योजना के तहत देश के छोटे शहरों को हवाई मार्ग से जोड़ा गया है. इस योजना के तहत देशभर में 141 नए हवाई रूट चिह्नित किए गए थे.
कम किराये के कारण विमान सेवा कंपनियों को होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए वॉयेबिलिटी गैप फंडिंग (वीजीएफ) के रूप में सरकार क्षतिपूर्ति देती है. साथ ही इस योजना के तहत भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण ने हवाई अड्डा शुल्क माफ कर दिया है. वहीं सुरक्षा, बिजली तथा अग्निशमन सुविधाएं भी राज्य सरकारें नि:शुल्क दे रही हैं.