शिमलाः हिमाचल के जिला सिरमौर के गिरी पार क्षेत्र को अनुसूचित जनजाति क्षेत्र का दर्जा दिलाने को लेकर हाटी समुदाय संघर्षरत (Shillai MLA Harshwardhan Chauhan) है. वहीं हिमाचल विधानसभा बजट सत्र में भी गिरी पार को ट्राइबल का दर्जा देने का मुद्दा (hati community in himachal) गूंजा. वीरवार को प्रश्नकाल के दौरान शिलाई के विधायक हर्षवर्धन चौहान ने ये मामला उठाया और कहा कि जिला सिरमौर के गिरि पार क्षेत्र की 144 पंचायतों को अनुसूचित जनजाति का दर्जा प्रदान करने का मामला लंबे समय से चर्चा में है.
प्रदेश सरकार ने कई बार इस मामले को केंद्र के समक्ष उठाया है और ये क्षेत्र सभी मापदंडों पर खरा उतरता है. जिसकी रिपोर्ट भी केंद्र को भेज दी गई है. उत्तराखंड का हिस्सा जो पहले सिरमौर रियासत का हिस्सा रहा था. उसे काफी पहले ही ट्राइबल घोषित किया जा चुका है और सिरमौर के लोग भी लंबे अरसे से मांग कर रहे हैं. भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे राजनाथ सिंह ने ट्राइबल घोषित करने की घोषणा की थी.
उन्होंने कहा कि आज सदन में ये मामला उठाया है और मुख्यमंत्री से निवेदन किया गया है कि अपने स्तर पर प्रधानमंत्री से बात कर इस क्षेत्र को जल्दी से जल्दी अनुसूचित जनजाति क्षेत्र घोषित करने का मांग की (himachal vidhansabha budget session 2022) है. हर्ष वर्धन ने कहा कि ये कोई राजनीतिक मामला नहीं है बल्कि सभी राजनीतिक दल इस की मांग कर रहे हैं, ताकि क्षेत्र के युवाओं को रोजगार में अवसर मिले और क्षेत्र का विकास को गति मिल सके.
उन्होंने कहा कि इस समय प्रदेश और केंद्र में दोनों ही सरकारें भाजपा की है. ऐसे में मुख्यमंत्री प्रधानमंत्री के समक्ष इस मामले को उठाए और लोगों की वर्षों की मांग को पूरा करे. वहीं मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने इसमें कहा कि हाटी समुदाय के लोगों को जनजातीय का दर्जा मिलना चाहिए. पिछले दिनों हाटी समुदाय का एक प्रतिनिधिमंडल मिलने के लिए आया था. सरकार ने इस प्रतिनिधिमंडल की बात को गंभीरता से सुना है.
सरकार चाहती है कि हाटी समुदाय के लोगों को अपने दूसरे समुदायों की तरह दर्जा मिल (cm jairam on hati community) जाए. मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार लंबे समय से रही. तब कांग्रेस को चाहिए था कि इस समुदाय के लोगों को जनजातीय का दर्जा दिलवाने के लिए गंभीरता पूर्वक प्रयास करते. उन्होंने कहा कि मौजूदा प्रदेश सरकार इस दिशा में काम कर रही है और सरकार सिरमौर जिले के गिरी क्षेत्र के लोगों को जनजातियों का दर्जा दिलाने का हर संभव प्रयास करेगी.
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