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SFI ने राजभवन के बाहर किया प्रदर्शन, जानिए क्या है कारण - protested in Shimla

शिमला में सोमवार को राजभवन(Raj Bhavan) के बाहर एसएफआई ( SFI ) ने राष्ट्रीय शिक्षा नीती((national education policy) ) के खिलाफ प्रदर्शन किया.एसएफआई राज्य सचिव अमित ठाकुर(SFI State Secretary Amit Thakur) ने बताया कि इस नीति के द्वारा छात्रों को शिक्षा से वंचित किया जाएगा.

SFI protested outside Raj Bhavan in Shimla
एसएफआई
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Published : Nov 15, 2021, 5:39 PM IST

शिमला: सोमवार को एसएफआई ने अखिल भारतीय कमेटी के आह्वान पर राष्ट्रीय शिक्षा नीती के खिलाफ राजभवन((Raj Bhavan)) के बाहर धरना प्रदर्शन किया. एसएफआई(SFI) का कहना है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति(national education policy) गैर - लोकतांत्रिक(non-democratic)तरीके से बिना संसद सदनों मे चर्चा के तैयार की गई. राष्ट्रीय शिक्षा नीति पूरी तरह से छात्र विरोधी है. एसएफआई राज्य सचिव अमित ठाकुर(SFI State Secretary Amit Thakur) ने बताया कि इस नीति के द्वारा छात्रों को शिक्षा से वंचित किया जाएगा.

राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत शिक्षा के क्षेत्र मे निजीकरण और शिक्षा के व्यापारीकरण को बढ़ावा दिया जा रहा. वहीं, दूसरी तरफ शिक्षा मे शोध को भी खत्म किया जा रहा है. इस नीती के माध्यम से फाउंडेशन स्टेज में प्री - नर्सरी की बात की गई जो 3 से 8 वर्ष तक के बच्चों के लिए. इसमें आंगनवाड़ी(Anganwadi) को मर्ज करके कमज़ोर करने की कोशिश की जा रही है. उन्होंने कहा कि इसमे कई खामियां जो छात्रों को हितों में नहीं. वहीं, प्रदेश विश्वविद्यालय में पीएचडी(PHD )में बिना प्रवेश परीक्षा के हुए दाखिलों को रद्द करने की मांग की गई. बिना प्रवेश परीक्षा के दाखिले से शोध की गुणवत्ता में कमी आएगी.

शिमला: सोमवार को एसएफआई ने अखिल भारतीय कमेटी के आह्वान पर राष्ट्रीय शिक्षा नीती के खिलाफ राजभवन((Raj Bhavan)) के बाहर धरना प्रदर्शन किया. एसएफआई(SFI) का कहना है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति(national education policy) गैर - लोकतांत्रिक(non-democratic)तरीके से बिना संसद सदनों मे चर्चा के तैयार की गई. राष्ट्रीय शिक्षा नीति पूरी तरह से छात्र विरोधी है. एसएफआई राज्य सचिव अमित ठाकुर(SFI State Secretary Amit Thakur) ने बताया कि इस नीति के द्वारा छात्रों को शिक्षा से वंचित किया जाएगा.

राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत शिक्षा के क्षेत्र मे निजीकरण और शिक्षा के व्यापारीकरण को बढ़ावा दिया जा रहा. वहीं, दूसरी तरफ शिक्षा मे शोध को भी खत्म किया जा रहा है. इस नीती के माध्यम से फाउंडेशन स्टेज में प्री - नर्सरी की बात की गई जो 3 से 8 वर्ष तक के बच्चों के लिए. इसमें आंगनवाड़ी(Anganwadi) को मर्ज करके कमज़ोर करने की कोशिश की जा रही है. उन्होंने कहा कि इसमे कई खामियां जो छात्रों को हितों में नहीं. वहीं, प्रदेश विश्वविद्यालय में पीएचडी(PHD )में बिना प्रवेश परीक्षा के हुए दाखिलों को रद्द करने की मांग की गई. बिना प्रवेश परीक्षा के दाखिले से शोध की गुणवत्ता में कमी आएगी.

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