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एचपीयू में एसएफआई का प्रदर्शन, प्रशासन पर लगाए ये आरोप - एचपीयू पीएचडी प्रवेश मामला

हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय की एसएफआई इकाई ने (SFI Protest in HPU) शुक्रवार को विश्वविद्यालय में छात्र मांगों को लेकर पिंक पेटल पर धरना प्रदर्शन किया. इस दौरान एसएफआई ने विश्वविद्यालय की मुख्य लाइब्रेरी के 24 सेक्शन को 24 घंटे के खोले जाने और छात्रों को सब्सिडाइज एजुकेशन दिए जाने की मांग (SFI Protest at Pink Petals) उठाई.

SFI Protest in HPU
एचपीयू में एसएफआई का प्रदर्शन
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Published : Dec 10, 2021, 5:20 PM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय की एसएफआई इकाई ने (SFI Protest in HPU) शुक्रवार को विश्वविद्यालय में छात्र मांगों को लेकर पिंक पेटल पर धरना प्रदर्शन किया. इस दौरान प्रदर्शन को संबोधित करते हुए छात्र नेता पवन ने कहा कि विश्वविद्यालय में अब नियमित कक्षाएं शुरू हो गई हैं. लेकिन इसके बावजूद विश्वविद्यालय की मुख्य लाइब्रेरी के 24 सेक्शन को अभी तक नहीं खोला गया है. (SFI Protest at Pink Petals) उन्होंने कहा कि लाइब्रेरी का 24 सेक्शन पिछले 2 साल से बंद है, जिससे छात्रों की पढ़ाई पर असर पड़ रहा है.

उन्होंने कहा कि एसएफआई के आंदोलन के चलते ही (SFI Protest to open Library) इसका समय सुबह 9 बजे से शाम 9 तक किया गया था, लेकिन छात्र यह मांग कर रहे हैं कि इसे 24 घंटे के लिए खुला रखा जाए, ताकि जो विद्यार्थी दिन में किसी न किसी कारण अपनी पढ़ाई नहीं कर पाते हैं, वो रात में लाइब्रेरी में बैठ कर अपनी पढ़ाई कर सकें. इसके अलावा जो शोधार्थी दिन भर अपने शोध का कार्य कर रहे होते हैं, वो भी रात में अपनी पढ़ाई कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा 24 घण्टे सेक्शन को न खोलने से छात्रों की पढ़ाई का नुकसान हो रहा है. इस विश्वविद्यालय में ऐसे भी छात्र पड़ते हैं, जो दिन भर मेहनत करते हैं और रात को अपनी पढ़ाई का काम करते हैं.

वहीं, परिसर अध्यक्ष रॉकी ने कहा कि इसके (Admission in PHD 2021 HPU) अलावा दूसरी महत्वपूर्ण मांग यह है कि जिस प्रकार विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा यूजीसी की गाइडलाइन को दरकिनार करते हुए अपने चहेतों की पीएचडी के अंदर एडमिशन बिना प्रवेश परीक्षा के करवाई है, वह भी न्याय संगत नहीं है. उन्होंने कहा कि जब भी विश्वविद्यालय के अंदर पीएचडी में डायरेक्ट एडमिशन होती है, तो उसके लिए छात्रों को जेआरएफ क्वालीफाई करना पड़ता है. इसके अलावा दूसरा कोई भी रास्ता पीएचडी के अंदर प्रवेश लेने के लिए नहीं है.

एसएफआई का कहना है कि जब आम छात्रों द्वारा प्रशासन से इस पर जवाब मांगा जाता है, तो प्रशासन द्वारा ईसी की मीटिंग का हवाला देते हुए कहा जाता है कि यह फैसला ईसी द्वारा पास किया गया है. इसके अलावा उन्होंने यूनिवर्सिटी अथॉरिटी द्वारा विश्वविद्यालय के अंदर प्राइवेटाइजेशन की मुहिम को तुरंत बंद करने की मांग भी उठाई. इसके साथ ही उन्होंने यूनिवर्सिटी के अंदर छात्रों को सब्सिडाइज एजुकेशन (Subsidize Education HPU) दिए जाने की मांग भी उठाई.

ये भी पढ़ें: मंडी में चरस बरामद, 1 किलो 803 ग्राम चरस के साथ युवक-युवती गिरफ्तार

शिमला: हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय की एसएफआई इकाई ने (SFI Protest in HPU) शुक्रवार को विश्वविद्यालय में छात्र मांगों को लेकर पिंक पेटल पर धरना प्रदर्शन किया. इस दौरान प्रदर्शन को संबोधित करते हुए छात्र नेता पवन ने कहा कि विश्वविद्यालय में अब नियमित कक्षाएं शुरू हो गई हैं. लेकिन इसके बावजूद विश्वविद्यालय की मुख्य लाइब्रेरी के 24 सेक्शन को अभी तक नहीं खोला गया है. (SFI Protest at Pink Petals) उन्होंने कहा कि लाइब्रेरी का 24 सेक्शन पिछले 2 साल से बंद है, जिससे छात्रों की पढ़ाई पर असर पड़ रहा है.

उन्होंने कहा कि एसएफआई के आंदोलन के चलते ही (SFI Protest to open Library) इसका समय सुबह 9 बजे से शाम 9 तक किया गया था, लेकिन छात्र यह मांग कर रहे हैं कि इसे 24 घंटे के लिए खुला रखा जाए, ताकि जो विद्यार्थी दिन में किसी न किसी कारण अपनी पढ़ाई नहीं कर पाते हैं, वो रात में लाइब्रेरी में बैठ कर अपनी पढ़ाई कर सकें. इसके अलावा जो शोधार्थी दिन भर अपने शोध का कार्य कर रहे होते हैं, वो भी रात में अपनी पढ़ाई कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा 24 घण्टे सेक्शन को न खोलने से छात्रों की पढ़ाई का नुकसान हो रहा है. इस विश्वविद्यालय में ऐसे भी छात्र पड़ते हैं, जो दिन भर मेहनत करते हैं और रात को अपनी पढ़ाई का काम करते हैं.

वहीं, परिसर अध्यक्ष रॉकी ने कहा कि इसके (Admission in PHD 2021 HPU) अलावा दूसरी महत्वपूर्ण मांग यह है कि जिस प्रकार विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा यूजीसी की गाइडलाइन को दरकिनार करते हुए अपने चहेतों की पीएचडी के अंदर एडमिशन बिना प्रवेश परीक्षा के करवाई है, वह भी न्याय संगत नहीं है. उन्होंने कहा कि जब भी विश्वविद्यालय के अंदर पीएचडी में डायरेक्ट एडमिशन होती है, तो उसके लिए छात्रों को जेआरएफ क्वालीफाई करना पड़ता है. इसके अलावा दूसरा कोई भी रास्ता पीएचडी के अंदर प्रवेश लेने के लिए नहीं है.

एसएफआई का कहना है कि जब आम छात्रों द्वारा प्रशासन से इस पर जवाब मांगा जाता है, तो प्रशासन द्वारा ईसी की मीटिंग का हवाला देते हुए कहा जाता है कि यह फैसला ईसी द्वारा पास किया गया है. इसके अलावा उन्होंने यूनिवर्सिटी अथॉरिटी द्वारा विश्वविद्यालय के अंदर प्राइवेटाइजेशन की मुहिम को तुरंत बंद करने की मांग भी उठाई. इसके साथ ही उन्होंने यूनिवर्सिटी के अंदर छात्रों को सब्सिडाइज एजुकेशन (Subsidize Education HPU) दिए जाने की मांग भी उठाई.

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