शिमलाः राजधानी शिमला में पानी के संकट से शहरवासियों को फिर से जूझना पड़ सकता है. बारिश न होने से जल स्त्रोतों में पानी कम हो गया है, जिसके चलते शहर में पानी कम पहुंच रहा है.
दराअसल गुम्मा और गिरी परियोजना में पानी की सप्लाई कम हो गई है. शहर में हर रोज 48 से 50 एमएलडी पानी की जरूरत रहती हैं, लेकिन आजकल 35 से 40 एमएलडी पानी शहर में पहुंच रहा है.
गुमा से ही शहर में सबसे ज्यादा पानी की सप्लाई होती है. जहां से 22 एमएलडी पानी शहर के लिए आता है. जहां से आजकल 18 एमएलडी पानी की ही सप्लाई हो रही है. शहर की दूसरी सबसे बड़ी परियोजना गिरि में जलस्तर काफी घट गया है.
18 एमएलडी की क्षमता वाली परियोजना से अब 13 से 14 एमएलडी पानी ही शहर के लिए लिफ्ट हो पा रहा है. कोटी बरांडी, चूरट में भी पानी की सप्लाई घटकर आधी रह गई है. ऐसे में जल निगम शहर में अब एक दिन छोड़ कर कई हिस्सों में पानी की सप्लाई दे पा रहा है. हालांकि जल निगम शहर में नियमित पानी की सप्लाई देने का दावा कर रहा है, लेकिन स्त्रोत में पानी कम होने से आने वाले दिनों में पानी के संकट से जूझना पड़ रहा है.
जल निगम के एसडीओ सुशील शर्मा ने कहा कि इस बार न तो मानसून में ज्यादा बारिश हुई है और न ही दो महीने से बारिश हो रही है, जिससे पानी के स्त्रोत में पानी कम हो गया है. लेकिन शहर में अभी फिलहाल किसी तरह का पानी का संकट नही है. शहर में अभी पानी दिया जा रहा है और आने वाले समय में पानी और कम होता है तो इसके लिए प्लान तैयार किया जाएगा.
राजधानी में साल 2018 में भी पेयजल संकट खड़ा हुआ था और शहर में लोगों को एक सप्ताह बाद पानी मिल रहा था. वहीं, अब दोबारा से शहर में पानी का संकट गहरा सकता है. बारिश न होने से जल निगम की मुश्किलें बढ़ गई हैं और अब शहर में पानी हर रोज मुहैया करवाना मुश्किल हो रहा है.