शिमला: प्रदेश में छात्रों के लिए स्कूल खोलने का फैसला लंबे समय के लिए टल गया है. प्रदेश में केंद्र सरकार की मंजूरी के तहत 15 अक्टूबर यानी वीरवार से स्कूल छात्रों के लिए खोले जाएंगे या नहीं इसे लेकर फैसला कैबिनेट की बैठक में होना था, लेकिन कैबिनेट की बैठक स्थगित हो गई.
मुख्यमंत्री के कोरोना पॉजिटिव होने के साथ ही कुछ अन्य मंत्रियों की भी कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई है. ऐसे में कैबिनेट की बैठक को स्थगित कर दिया गया था. अब यह बैठक आगामी समय में कब होगी, इस पर भी स्थिति स्पष्ट नहीं है. अब शिक्षा विभाग ने यह फैसला लिया है कि इस माह यानी 31 अक्टूबर तक प्रदेश के स्कूल छात्रों के लिए नहीं खोले जाएंगे.
31 अक्टूबर तक पुरानी व्यवस्था के आधार पर ही नवीं कक्षा से लेकर 12वीं कक्षा तक के छात्र अपने अभिभावकों के अनुमति के साथ स्कूलों में शिक्षकों से परामर्श लेने के लिए आ सकते हैं. वहीं, स्कूलों में अब जहां 100 फीसदी स्टाफ आ रहे हैं, तो ऐसे में स्कूल अपना माइक्रो प्लान तैयार करेंगे. इस प्लान में यह बताया जाएगा कि अगर छात्र स्कूल आते हैं तो किस तरह की व्यवस्था स्कूल प्रबंधन की ओर से की जाएगी.
माइक्रो प्लान को बनाने के लिए 17 अक्टूबर तक का समय सभी स्कूलों को दिया गया है. यह प्लान सभी स्कूलों को छात्रों की संख्या और स्कूल में कितने कमरे हैं, उसके अनुसार बनाना होगा. जिससे कि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए छात्रों को पढ़ाया जा सके.
मई 16 अक्टूबर से 19 अक्टूबर तक स्कूल अभिभावकों के साथ ही ई-पीटीएम के माध्यम से संवाद करेंगे. इसमें अभिभावकों को माइक्रो प्लान के बारे में जानकारी दी जाएगी और उन्हें अवगत करवाया जाएगा कि अगर स्कूल खोले जाते हैं तो छात्रों की सुरक्षा को लेकर स्कूल प्रबंधक की ओर से किस तरह की व्यवस्था होगी. हर घर पाठशाला के तहत करवाई जा रही छात्रों की ऑनलाइन क्विज प्रतियोगिता के साथ ही फर्स्ट टर्म की जो परीक्षाएं विभाग की ओर से ऑनलाइन करवाई गई हैं, उसमें छात्रों की परफॉर्मेंस के बारे में भी अभिभावकों को जानकारी दी जाएगी.
वहीं, स्कूल खोलने को लेकर राय भी अभिभावकों से ली जाएगी. सभी स्कूल अपनी रिपोर्ट तैयार कर शिक्षा विभाग को भेजेंगे और इसके बाद आगामी समय में जब कैबिनेट की बैठक होगी तो उस बैठक में सरकार स्कूलों को खोलने का फैसला लेगी.