शिमला: हिमाचल प्रदेश सरकार की कैबिनेट में एक मात्र महिला सरवीण चौधरी ने विक्रमादित्य सिंह के बयान पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि प्रदेश की जनता कांग्रेस नेताओं के चरित्र से अच्छी तरह वाकिफ हैं. उन्होंने हाल की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि थाना अंब में कांग्रेस के ब्लॉक नेताओं ने (महिला कांग्रेस कार्यकर्ता) को परेशान किया, जिन्होंने कांग्रेस कार्यकर्ता सुदर्शन बबलू और राकेश सोनी के खिलाफ सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर तस्वीरें और वीडियो पोस्ट करने के लिए एफआरआई भी दर्ज की थी.
पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री सरवीन चौधरी ने कहा कि विक्रमादित्य को स्पष्ट करना चाहिए कि गोद में बैठने का उनका क्या मतलब है. इस तरह की भाषा अस्वीकार्य है. विधायक विक्रमादित्य सिंह का रोहड़ू में दिया गया बयान काफी निराशाजनक एवं निंदनीय है. उनकी मांगी गई माफी आम जनता को मंजूर नहीं होगी.
यदि कांग्रेस नेता के खिलाफ मामला दर्ज किया (MLA Vikramaditya Singh controversial Statement) जाता है तो उन्हें अत्याचारों के लिए मुकदमे का सामना करना पड़ेगा. विक्रमादित्य को बोलने से पहले सोचना चाहिए, सब कुछ मजाक नहीं है. उन्होंने कहा कि रोहड़ू एक आरक्षित निर्वाचन क्षेत्र है और अनुसूचित जाति वर्ग से संबंधित है, इस तरह की दुखद टिप्पणी को तत्काल प्रभाव से बंद किया जाना चाहिए. यह बयान कांग्रेस नेताओं की महिलाओं के प्रति मानसिकता को दर्शाता है और विक्रमादित्य को यह नहीं भूलना चाहिए कि उनकी मां प्रतिभा सिंह भी महिलाएं हैं.
उन्होंने कहा कि जयराम सरकार ने महिला सशक्तिकरण के लिए 1515 गुड़िया हेल्पलाइन (Gudiya Helpline in himachal) और गुड़िया बोर्ड दिया है. जयराम सरकार ने महिलाओं पर हो रहे अत्याचार को रोकने के लिए बड़े कदम उठाए हैं. इस हेल्पलाइन पर किसी भी प्रकार की शिकायत दर्ज होने पर 24 घंटे में की गई कार्रवाई की रिपोर्ट मुख्यमंत्री को दी जाती है. जिसके तहत चार वर्षों में 8409 शिकायतें प्राप्त हुई हैं, जिनका समाधान कर दिया गया है. इस सम्मेलन के दौरान सरवीन चौधरी के साथ उप मुख्य सचेतक कमलेश कुमारी, विधायक रीता धीमान और रीना कश्यप भी उपस्थित रही.