शिमला: भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान में कर्मचारियों के वेतन और पेंशन से जुड़ा मामला सुलझ गया है. कर्मचारियों को वेतन संस्थान प्रबंधन की ओर से जारी कर दिया गया है जिसके बाद कर्मचारियों को भी बड़ी राहत मिली है.
त्योहारी सीजन में कर्मचारियों का वेतन रुका था और वेतन ना मिलने से कर्मचारियों को परेशानी उठानी पड़ रही थी. यही वजह भी रही कि कर्मचारियों को आंदोलन का रास्ता इख्तियार करना पड़ा था. कई दिनों तक उन्होंने संस्थान के बाहर अपने अधिकारों को लेकर प्रदर्शन भी किया और संस्थान के सचिव के साथ ही संस्थान के निदेशक के समक्ष अपनी परेशानी और मांगों को रखा था जिसके बाद अब उन्हें वेतन जारी किया गया है.
प्रदर्शन की मीडिया कवरेज के बाद संस्थान की ओर से बिना समय गवांते हुए कर्मचारियों को उनका वेतन जारी कर दिया गया हैं. वहीं, कर्मचारियों का कहना है कि संस्थान के निदेशक और सचिव के बीच आपसी विवाद के चलते यह समस्या पैदा हुई है, जिसके बाद से कर्मचारियों को वेतन देने में देरी संस्थान की ओर से की जा रही है. पिछले चार पांच महीनों से इसी तरह के माहौल संस्थान में बना हुआ है जिसमें कर्मचारियों को पीसना पड़ रहा हैं.
वहीं, संस्थान के निदेशक प्रो. आर मकरंद परांजपे ने कमर्चारियों के प्रदर्शन और वेतन ना मिलने के मामले पर अपना स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि उनकी ओर से कर्मचारियों को वेतन जारी करने में किसी तरह की कोई देरी नहीं की गई है. उन्होंने फाइल पर साइन कर दिए हैं, लेकिन जब तक चैक पर संस्थान के सचिव के साइन नहीं होते है तब तक वेतन कर्मचारियों को जारी नहीं होगा.
प्रो. आर मकरंद परांजपे ने वेतन समय पर जारी ना होने की वजह संस्थान के सचिव के व्यवहार बताया है. संस्थान में फंड की कमी चल रही है, लेकिन फंड की कमी की वजह से संस्थान ने कमर्चारियों का वेतन नहीं रोका है. संस्थान बैंक से लोन ले कर भी कर्मचारियों को वेतन दे रहा है.
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