शिमला: प्रदेश के स्कूलों की इंस्पेक्शन के लिए इंस्पेक्शन टीम होने के बाद भी स्कूलों में इंस्पेक्शन नहीं हो पा रही है. जिसके चलते स्कूल किस तरह से छात्रों को शिक्षा दे रहे हैं और इनमें क्या खामियां हैं, इसकी जानकारी विभाग को नहीं मिल पा रही है. अब टीम की लापरवाही पर शिक्षा विभाग मामले में सख्ती दिखा रहा है.
बता दें कि शिक्षा विभाग की ओर से प्रदेश के हर जिला में इंस्पेक्शन कैडर बनाया गया है. हर जिला में करीब सात अधिकारियों को इसके तहत रखा गया है. जिला ने इंस्पेक्शन कैडर के तहत अधिकारी तो रख दिए गए हैं, लेकिन स्कूलों में इंस्पेक्शन फिर भी नहीं हो पा रहा है और न ही विभाग शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने को लेकर इंस्पेक्शन से जुड़ी कोई रिपोर्ट सौंपी जा रही है. शिक्षा विभाग के अधिकारियों की मानें तो प्रदेश के मात्र दो जिला सोलन ओर सिरमौर से ही इंस्पेक्शन की रिपोर्ट आ रही है और बाकि जिलों से कोई भी रिपोर्ट विभाग को नहीं मिल पाई है.
इंस्पेक्शन कैडर में जो अधिकारी विभाग की ओर से शामिल किए गए हैं, उनमें कई शिक्षक भी शामिल हैं और ये शिक्षक न तो स्कूलों में जा कर इंस्पेक्शन कर रहे हैं और न ही छात्रों को पढ़ा रहे हैं. ऐसे में अब विभाग जल्द ही इंस्पेक्शन कैडर में शामिल अधिकारियों का भी फेरबदल करेगा. इसमें शमिल शिक्षकों को वापिस स्कूलों में पढ़ाने के लिए भेजा जाएगा. बीते एक साल से निरीक्षण की रिपोर्ट ना आने के बाद विभाग ने ये निर्देश जारी किए हैं कि उपनिदेशकों की अध्यक्षता में कार्य कर रहे इंस्पेक्शन कैडर के अधिकारियों को इंस्पेक्शन के कार्य पर लगाया जाए.
अगर ये प्रक्रिया अभी भी पूरी नहीं होती है तो अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. विभाग इन अधिकारियों के वेतन पर लाखों खर्च कर रहा है, लेकिन विभाग को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है और ना ही शिक्षा के स्तर को सुधारने में इस कैडर की कोई मदद विभाग को मिल पा रही है.