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प्रवासी मजदूरों को सुविधाएं नहीं मिलने पर सरकार से जवाब तलब, कल होगी सुनवाई - High court seeks response from Himachal government

लॉकडाउन के दौरान प्रवासी मजदूरों और गरीबों को मूलभूत सुविधाएं नहीं मिले को लेकर हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई है. इस याचिका की सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने हिमाचल सरकार से 22 अप्रैल तक अपना पक्ष रखने का आदेश जारी किया है.

Response to the government on non-availability of migrant laborers, hearing tomorrow
हिमाचल हाई कोर्ट.
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Published : Apr 21, 2020, 1:41 PM IST

शिमला: प्रदेश हाई कोर्ट ने लॉकडाउन की अवधि के दौरान प्रवासी मजदूरों और गरीब लोगों को होने वाली समस्याओं को दूर करने के आग्रह को लेकर दायर याचिका में राज्य सरकार को अपना पक्ष रखने के आदेश जारी किए.

हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश लिंगप्पा नारायण स्वामी व न्यायाधीश ज्योत्स्ना रिवाल दुआ की खंडपीठ के समक्ष वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मामले पर सुनवाई हुई. हिमाचल प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उपस्थित थे. उन्होंने खंडपीठ को राज्य सरकार की ओर से उठाए गए कदमों के बारे में न्यायालय को अवगत करवाया.

प्रदेश महाधिवक्ता के आग्रह पर राज्य सरकार की ओर से जवाब दाखिल करने लिए 22 अप्रैल, 2020 तक का समय दिया गया. प्रार्थी ने याचिका के अलावा कुछ अतिरिक्त दलीलें रखी. इन्हें लिखित तौर पर पेश करने के लिए प्रार्थी को समय दिया गया. उसकी प्रतिलिपि तुरंत राज्य सरकार को देने के आदेश पारित किए गए ताकि राज्य सरकार पूर्णतया अपना पक्ष न्यायालय के समक्ष रख सके. अब इस मामले को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से 22 अप्रैल, 2020 को दोपहर 2 बजे सुना जाएगा.

ये भी पढ़ें: कार्य स्थल पर कामगारों में सामाजिक दूरी सुनिश्चित करें, CM ने दिए निर्देश

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हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश लिंगप्पा नारायण स्वामी व न्यायाधीश ज्योत्स्ना रिवाल दुआ की खंडपीठ के समक्ष वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मामले पर सुनवाई हुई. हिमाचल प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उपस्थित थे. उन्होंने खंडपीठ को राज्य सरकार की ओर से उठाए गए कदमों के बारे में न्यायालय को अवगत करवाया.

प्रदेश महाधिवक्ता के आग्रह पर राज्य सरकार की ओर से जवाब दाखिल करने लिए 22 अप्रैल, 2020 तक का समय दिया गया. प्रार्थी ने याचिका के अलावा कुछ अतिरिक्त दलीलें रखी. इन्हें लिखित तौर पर पेश करने के लिए प्रार्थी को समय दिया गया. उसकी प्रतिलिपि तुरंत राज्य सरकार को देने के आदेश पारित किए गए ताकि राज्य सरकार पूर्णतया अपना पक्ष न्यायालय के समक्ष रख सके. अब इस मामले को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से 22 अप्रैल, 2020 को दोपहर 2 बजे सुना जाएगा.

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