शिमलाः दीपों का त्योहार दिवाली को लेकर राजधानी शिमला के बाजार सज चुके हैं. लोग भी बाजारों में शॉपिंग के लिए पहुंच रहे हैं. पर्व के लिए जम कर खरीदारी की जा रही है, लेकिन इस बार खास ये देखने को मिल रहा है कि बाजारों से 'मेड इन चाइना' सामान गायब है.
इस बार दुकानदार व ग्राहक स्वदेशी सामान को तरजीह दे रहे हैं और बाजार में सजी दुकानों पर भी स्वदेशी सामान अपनी छटा बिखेर रहा है. विभिन्न रंगों से सजे दिये और माटी व रंगों से बनी भगवान की मूर्तियां लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर रही हैं.
इस बार बाजार में रंग-बिरंगी चाइनीज लाइट्स गायब हैं और इनकी जगह मिट्टी के बने दीयों ने ले ली है. दीयों को अलग-अलग रंगों से सजाया गया है तो वहीं कई तरह के आकर्षक डिजाइन भी दीयों के बनाए गए हैं जो घरों को रोशन करने के साथ ही घरों के शोभा भी बढाएंगे.
सजावटी समान सहित मिट्टी के मां लक्ष्मी और भगवान गणेश
दिवाली के त्योहार के लिए अक्सर बाजारों में यह देखा जाता था कि जो मूर्तियां सहित अन्य साजो-सामान चाइना से ही लोकल बाजारों में पहुंचता था, लेकिन इस बार बाजारों में मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की मूर्तियां भी मिट्टी की बनी हुई हैं. ज्यादातर यही मूर्तियां दुकानदारों ने अपनी दुकानों पर सजा रखी हैं. इसके साथ ही दीपावली की पूजा में इस्तेमाल होने वाले खील-बताशे भी लोग खरीद रहे हैं. दुकानदारों के मुताबिक लोग इस बार स्वदेशी सामान की मांग कर रहे हैं. मिट्टी के दीयों सहित लोकल सामान की डिमांड ज्यादा हैं.
कोविड-19 के प्रोटोकॉल्स को हो रही अवहेलना
त्योहारी सीजन पर कोविड-19 प्रोटोकॉल्स को भी नजरअंदाज किया जा रहा है. कई जगह लोग बिना मास्क पहने और कई गलत तरीके से मास्क को लगाए नजर आ रहे हैं. इसके साथ ही फिजिक्ल डिटस्टेंसिंग के नियमों का भी उल्लघंन हो रहा है. प्रशासन की ओर से हिदयात तो जारी की गई है, लेकिन इसकी पालना होती नजर नहीं आ रही है.
बीते साल के मुकाबले कम हो रही खरीदारी
वहीं, कोरोना वायरस के चलते इस बार बीते साल के मुकाबले कम ही लोग बाजार पहुंच रहे हैं. दुकानदार भी संक्रमण के बचाव के लिए सावधानी बरत रहे हैं. इस बार कारोबार भी बीते साल के मुकाबले कम हो रहा है. कारोबारियों का कहना है कि उन्हें उम्मीद जगी है कि धनतेरस और दिवाली के त्योहार के दिन लोग उनकी दुकानों पर आकर खरीदारी करेंगे जिससे कि उनका त्यौहार भी बेहतर बन सकेगा.
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