शिमला: देश में 26 जनवरी 2022 को 73वें गणतंत्र दिवस का जश्न लाल किले से लेकर कन्याकुमारी तक बड़ी ही धूमधाम से मनाया जा रहा है. शांत और अपने प्राकृतिक सौंदर्य से लोगों को अपनी ओर आकर्षित करने वाला छोटा सा पहाड़ी राज्य हिमाचल भी इससे अछूता नहीं है. साल 1971 में 21वें गणतंत्र दिवस से ठीक एक दिन पहले ही इसे पूर्ण राज्य का दर्जा मिला था. हिमाचल 51 साल का हो चला है, लेकिन इस दौरान इस छोटे से प्रदेश ने लगभग हर क्षेत्र में अपनी छाप छोड़ी है. 26 जनवरी यानी गणतंत्र दिवस के मौके पर आपको बताते हैं वो 26 अनमोल तोहफे जो हिमाचल ने देश को दिए.
1. शौर्य और बलिदान: हिमाचल प्रदेश छोटा राज्य है, लेकिन यहां के वीर सपूतों ने देश की सेना में शौर्य और बलिदान की कभी ना भूलने वाली गाथा लिखी है. हिमाचल के हिस्से 1160 गैलेंटरी अवार्ड आए हैं. चार परमवीर चक्र, दस महावीर चक्र, 18 कीर्ति चक्र, 51 वीर चक्र और 89 शौर्य चक्र हिमाचल के जांबाजों ने अपने नाम किए हैं. हिमाचल प्रदेश में 1.28 लाख के करीब पूर्व सैनिक हैं. इसके अलावा सेना व अर्धसैनिक बलों में हिमाचल से डेढ़ लाख से अधिक जवान देश की सेवा कर रहे हैं. अकेले देश की सेना में 55 हजार से अधिक अफसर व सैनिक भारत मां की सेवा कर रहे हैं. करगिल युद्ध में हिमाचल के कैप्टन विक्रम बत्रा ने सर्वोच्च बलिदान दिया था. उन्हें परमवीर चक्र (बलिदान उपरांत) दिया गया. साथ ही सूबेदार मेजर संजय कुमार को भी सर्वोच्च शौर्य सम्मान परमवीर चक्र मिला था.
2. हिमाचल एशिया का फार्मा (HIMACHAL PHARMA HUB OF ASIA) हब कहलाता है. सोलन जिला के बीबीएन यानी बद्दी-बरोटीवाला-नालागढ़ में सालाना 45 हजार करोड़ रुपए की दवाएं बनती हैं. कोरोना काल में बीबीएन ने अहम भूमिका निभाई. प्रदेश ने पूरे देश के साथ-साथ दुनिया के 30 देशों को भी दवा पहुंचाई है. राज्य में बनने वाले फार्मास्युटिकल प्रोडक्ट की वजह से देश की निर्भरता अन्य देशों पर कम हो गई है.
3. हिमाचल प्रदेश को भारत का एप्पल बाउल (APPLE BOWL OF INDIA) कहा जाता है. यहां सालाना तीन से पांच करोड़ पेटी सेब का उत्पादन होता है. यहां 55 से अधिक विदेशी किस्मों के सेब भी सफलता से उगाए जा रहे हैं. प्रति हेक्टेयर सेब उत्पादन का विश्व रिकार्ड भी हिमाचल के बागवान संजीव चौहान के नाम है. हिमाचल में सेब को लाने का श्रेय एक अमेरिकन सैंमुअल्स ईवान स्टोक्स को जाता है. सेब के कारण ही हिमाचल के दो गांव लंबे समय तक एशिया के सबसे अमीर गांव रहे हैं. अस्सी के दशक में ऊपरी शिमला का क्यारी गांव और हाल ही में ऊपरी शिमला का ही मड़ावग गांव एशिया के सबसे अमीर गांवों में दर्ज रहे हैं. यहां के बागवान हर साल यहां के बागवान 150 करोड़ के करीब का सेब उत्पादन करते हैं.
4. एप्पल स्टेट के साथ-साथ हिमाचल पावर स्टेट (POWER STATE HIMACHAL) भी कहलाता है. यहां जलविद्युत उत्पादन की क्षमता देश के अन्य राज्यों के मुकाबले (Hydroelectric power in Himachal)अच्छी है. प्रदेश के पास 27 हजार मेगावाट से ज्यादा उर्जा दोहन की क्षमता है. हिमाचल देश के कई राज्यों को रोशनी देता है. उर्जा राज्य से दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और पश्चिमी बंगाल तक को बिजली मिलती है.
5. हिमाचल में अटल टनल दुनिया की सबसे ऊंचाई पर बनी सबसे लंबी हाईवे सुरंग है. इसे बनाने में 10 साल लगे और 3200 करोड़ रुपये की लागत आई है. अटल टनल बनने से बर्फबारी की वजह से शेष विश्व से छह महीने कटी रहने वाली लाहौल घाटी सारा साल देश से जुड़ी रहेगी. अटल टनल की वजह से हिमाचल में पर्यटन को भी बढ़ावा देने में अहम भूमिका निभाई है.
6. हिमाचल को देवभूमि के नाम से भी जाना जाता है. यहां पर सैकड़ों मंदिर हैं. ज्वालामुखी, चामुंडा, बज्रेश्वरी देवी, नयना देवी और चिंतपूर्णी के रूप में शक्तिपीठ हैं. यहां अनेक रहस्यमयी दैवीय चमत्कारों वाले देव स्थान हैं, जिनमें लोगों की आस्था है. इसके अलावा सोलन जिले में एशिया का सबसे ऊंचा शिव मंदिर जटोली महादेव के नाम से विख्यात है. यह मंदिर अपनी अनूठी निर्माण शैली के लिए विख्यात है. इसके अलावा कांगड़ा के बैजनाथ में अद्भुत शिव मंदिर है. मंडी शिव नगरी कहलाती है. मंडी में अनेक पुरातन शिव मंदिर हैं.
7. हिमाचल का फॉरेस्ट कवर देश के लिए उदाहरण है. यहां ग्रीन फैलिंग यानी हरी टहनी और हरा पेड़ काटने पर पाबंदी है. हिमाचल का फॉरेस्ट कवर 33 फीसदी करने का लक्ष्य है. हिमाचल प्रदेश वन विभाग पेरिस समझौते में पीएम मोदी के वादे को पूरा करने के लिए प्रतिबद्धता से काम कर रहा है. इसके लिए कई योजनाएं चलाई जा रही हैं.
8. वातावरण में कार्बन को कम करके ऑक्सीजन बढ़ाने वाला हिमाचल प्रदेश एशिया का पहला राज्य है. कार्बन क्रेडिट हासिल करने वाला हिमाचल एशिया का पहला राज्य है. कार्बन क्रेडिट यानी वातावरण से कार्बन को कम करने में उल्लेखनीय काम करने के लिए हिमाचल को 6 साल पहले विश्व बैंक से इनाम के तौर पर 1.93 करोड़ रुपए की राशि भी मिली थी. हिमाचल प्रदेश अपने फॉरेस्ट कवर एरिया को 33 प्रतिशत तक बढ़ाने की योजना पर काम कर रहा है अभी यह 27 फीसदी है.
9. हिमाचल प्रदेश ने पहुंचाई देश के शीत मरुस्थल लाहौल स्पीति (cold desert lahaul spiti) में नल से जल की सुविधा. योजना के तहत सबसे ऊंचे मतदान केंद्र वाले गांव टशीगंग के हर घर में नल से जल पहुंचाया गया. हिमाचल में 14.5 लाख घरों में नल लगाए जा चुके हैं और पानी की सप्लाई भी. हिमाचल नल से जल देने वाला देश का पहला राज्य होगा.
10. हिमाचल देश का पहला एलपीजी युक्त और धुआं मुक्त प्रदेश है. यहां हर घर में गैस चूल्हा है. मुख्यमंत्री गृहणी सुविधा योजना की शुरुआत 26 मई, 2018 को हुई. हिमाचल सरकार की गृहिणी सुविधा योजना के तहत करीब 120 करोड़ रुपये खर्च कर 3.23 लाख गृहिणियों को मुफ्त गैस सिलेंडर दिए गए.
11. देश को मशरूम का स्वाद चखाने का श्रेय हिमाचल के सोलन जिले को जाता है. सोलन में 1961 में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीआर) ने 1961 में मशरूम पर काम करना शुरू किया. 10 सितंबर 1997 को सोलन को मशरूम सिटी ऑफ इंडिया के खिताब से नवाजा गया. इसी शहर में मशरूम की दर्जनों किस्मों की खोज की गई. मशरूम में कुपोषण, ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, शुगर विटामिन, कैंसर जैसी बीमारी से लड़ने की क्षमता होती है. इनमें गनोडरमा, कोर्डिसेप्स, शिटाके मशरूम कई गंभीर रोगों को दूर करने में लाभदायक सिद्ध हो रही हैं.
12- हिमाचल का आलू अपने औषधीय गुणों के कारण देश में नई पहचान बनाएगा. राजधानी शिमला के समीप केंद्रीय आलू अनुसंधान केंद्र कुफरी ने आलू की कई यूनिक किस्में विकसित की हैं. उनमें से एक तो अपने कैंसर रोधी गुणों के कारण बहुत उपयोगी साबित हो रही है. हिमाचल सरकार यहां के आलू को नई पहचान देने के लिए कई कदम उठा रही है. आलू अनुसंधान संस्थान कुफरी ने आलू की एक ऐसी किस्म विकसित की है, जो कि केमिकल मुक्त है. साथ ही साथ अनेक रोगों से लड़ने में भी सहायक की भूमिका निभा रही है. कुफरी नीलकंठ नामक आलू की यह वैरायटी देश में पहली बार विकसित की गई है.
13. हिमाचल प्रदेश में देश का पहला हाइड्रो इंजीनियरिंग कॉलेज है. बिलासपुर के बंदला में इस कॉलेज में सेशन शुरू हो चुका है. कॉलेज का निर्माण 62.08 बीघा भूमि पर 105 करोड़ की लागत से बनकर तैयार हुआ है. हर बैच में 240 हाइड्रो इंजीनियर पास आउट होंगे.
14- विश्व धरोहर में शामिल ऐतिहासिक कालका-शिमला रेलवे मार्ग की शुरुआत 1903 में हुई थी. अपने 119 साल के सफर में यह रेलमार्ग कई इतिहास संजोए हैं. 96 किमी लंबे रेलमार्ग पर 18 स्टेशन और 103 सुरंगें पड़ती है. जो सफर को रोमांचक बनाती हैं. कालका-शिमला रेलमार्ग को केएसआर के नाम से भी जाना जाता है. 1921 में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने भी इस मार्ग से यात्रा की थी.
15- देश की 130 करोड़ से अधिक आबादी के इलाज के लिए आशा के बड़े केंद्र एम्स दिल्ली व पीजीआई चंडीगढ़ सहित कई अन्य स्वास्थ्य संस्थाओं में हिमाचल के डॉक्टर्स अहम पदों पर हैं. इनमें प्रमुख नामों में डॉ. रणदीप गुलेरिया, डॉ. संदीप गुलेरिया, प्रो. डॉक्टर जगतराम, डॉ. राजबहादुर, डॉ. अरुण शर्मा, डॉ. सुरजीत भारद्वाज, डॉ. डीएस राणा, डॉ. सुरेंद्र कश्यप, डॉ. जेआर ठाकुर जैसे कई नामचान डॉक्टर्स के नाम शामिल हैं, जो सरकारी समेत प्राइवेट हॉस्पिटल में लोगों की सेवाएं कर रहे हैं.
16. हिमाचल को देश की पहली ई-विधानसभा स्थापित करने का गौरव हासिल है. देश के सबसे साक्षर राज्य केरल सहित करीब दस राज्य हिमाचल से ई विधान प्रणाली सीखने आ चुके हैं और अपने यहां इस प्रणाली को स्थापित करने की इच्छा जता चुके हैं. डिजिटल इंडिया के सपने को हिमाचल ने साकार किया है. ई-कैबिनेट करने वाला हिमाचल देश का पहला राज्य है. जल्द ही हिमाचल प्रदेश में सचिवालय भी ऑनलाइन हो जाएगा. हिमाचल के डॉक्टर ओमेश भारती ने रैबीज की रोकथाम के सबसे सस्ता इलाज खोजा है. उनके प्रोटोकॉल को विश्व स्वास्थ्य संगठन ने लागू किया है. डॉ. भारती की खोज के बाद अब रैबीज की रोकथाम में उनका ईजाद किया प्रोटोकॉल लागू होता है. इस खोज के लिए डॉ भारती को पद्मश्री मिल चुका है.
17- यूं तो राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपने खेल की छाप छोड़ने वाले हिमाचल के खिलाड़ियों की फेहरिस्त लंबी है लेकिन हाल के वर्षों में इस छोटे से पहाड़ी राज्य की प्रतिभाओं ने खेलों की दुनिया में काफी नाम कमाया है. इनमें ओलंपिक पदक विजेता विजय कुमार, कबड्डी किंग के नाम से मशहूर अजय ठाकुर, बॉक्सिंग में आशीष चौधरी, क्रिकेट में ऋषि धवन, महिला विकेट कीपर सुषमा वर्मा जैसे खिलाड़ियों ने अपनी अलग पहचान बनाई है. वहीं, सिरमौर जिले से ताल्लुक रखने वाले द ग्रेट खली जिन्होंने रेस्लिंग की दुनिया में हिमाचल का नाम रौशन किया है.
18. हिमाचल प्रदेश सैलानियों का स्वर्ग है. यहां सालाना दो करोड़ सैलानियों की आमद का लक्ष्य रखा गया है. हिमाचल में साल भर में इस समय 1.85 लाख तक सैलानी आ रहे हैं. शिमला ब्रिटिश कालीन समर कैपिटल रही है. ऐसे में यहां अनेक ऐतिहासिक इमारतें हैं, जिन्हें निहारने के लिए देश विदेश के सैलानी आते हैं.
19- देश के पहले मतदाता श्याम सरण नेगी 105 वर्ष के दौर से गुजर रहे हैं. उनका जन्म 1917 को किन्नौर जिले के कल्पा गांव में हुआ. देश में 1952 में पहला लोकसभा चुनाव हुआ, लेकिन किन्नौर में भारी बर्फबारी के चलते 6 महीने पहले अक्टूबर 1951 में ही चुनाव हो गए. पहले चुनाव के समय श्याम शरण नेगी ने सबसे पहले मताधिकार का प्रयोग किया.
20- हिमाचल प्रदेश एडवेंचर्स गेम के लिए भी दुनिया भर में मशहूर है. बात चाहे पैराग्लाइडिंग की हो या वाटर स्पोर्ट्स की, हिमाचल आने वाले सैलानी इसका मजा जरूर लेते हैं. साल 2020 में कांगड़ा जिले के बीड़ बीलिंग में पैराग्लाइडिंग प्री वर्ल्ड का आयोजन हुआ. इसमें दुनियाभर के 24 देशों से 100 से ज्यादा पैराग्लाइडिंग पायलटों ने भाग लिया था.
21- प्राकृतिक विश्व धरोहर के लिहाज से ग्रेट हिमालयन पार्क देश की 11वीं साइट बनी है. कुल्लू जिले में स्थित ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क 1171 वर्ग किलो मीटर में फैला है. पहले पार्क क्षेत्र 754 वर्ग किलोमीटर था. बाद में इसमें 90 वर्ग किलोमीटर की सैंज सेंचुरी, 61 वर्ग किलोमीटर की तीर्थन सेंचुरी और 265 वर्ग किलोमीटर का इको जोन क्षेत्र शामिल किया गया है. पार्क के दायरे में तीन गांव शाकटी, मरोड़ और शवाड़ हैं. इन गांवों की आबादी सौ से भी कम है. पार्क में देवता आदि ब्रह्मा का मंदिर भी है.
22- हिमाचल प्रदेश देश में इलेक्ट्रिक बस चलाने वाला पहला राज्य बन गया है. हिमाचल के सरकारी सेक्टर में इलेक्ट्रिक टैक्सियां भी चलाई जा रही है. मौजूदा समय में शिमला में 50 और प्रदेश के अन्य जिलों में कुल 60 इलेक्ट्रिक बसें चलाई जा रही हैं. इसके अलावा प्रदेश परिवहन विभाग ने 50 बसों के ऑर्डर दिए हैं.
23- हिमाचल प्रदेश करीब एक दशक पहले ही देश का पहला धूम्रपान मुक्त राज्य बन चुका है. इसके तय मापदंड हिमाचल ने हासिल किए हैं. शिमला हिमाचल प्रदेश की राजधानी है और देश की पहला स्मोक फ्री हिल्स सिटी भी शिमला ही है. प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों में धूम्रपान नियंत्रण कानून 2003 के तहत नियमों का प्रभावी तरीके से पालन किया गया.
24- बॉलीवुड और टीवी जगत में हिमाचल के कई चेहरे अपना नाम कमा रहें हैं. इनमें अनुपम खेर, प्रीति जिंटा, कंगना रनौत, यामी गौतम, रुबीना दिलैक सरीखे कई नाम शामिल हैं. जिन्होंने अपने अभिनय से लोगों के दिलों में अपनी खास पहचान बनाई है. इतना ही नहीं संगीत जगत में मोहित चौहान ने भी खूब नाम कमाया है.
25- हिमाचल की थाली: हिमाचली व्यंजन न केवल अपने स्वाद के लिए, बल्कि अपनी सादगी और पौष्टिकता के लिए भी लोकप्रिय हैं. हिमाचली थाली में राजमा मदरा और चंब्याली पदला, मीठा भात चंबा, सेपु बड़ी, तेलिया माश शामिल हैं. हिमाचली व्यंजन अब प्रदेश ही नहीं राजधानी दिल्ली समेत कई बड़े शहरों में लोगों की पहली पसंद बन गए हैं.
26- राजधानी शिमला की ऐतिहासिक धरोहर इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस्ड स्टडी (आईआईएएस) भवन में ही 1947 में भारत के विभाजन का निर्णय यहीं हुआ था. इसके अलावा साल 1954 में शिमला समझौता भी इसी भवन में हुआ था. पहले यह इमारत ब्रिटिश वायसराय का निवास हुआ करता था. इसे ब्रिटिश आर्किटेक्ट हेनरी इरविन ने डिजाइन किया था. इसका निर्माण 1880 में शुरू हुआ और 1888 में पूरा हुआ. ब्रिटिश काल में शिमला ग्रीष्मकालीन राजधानी थी.