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कंपनियों को दी गई प्रीमियम राशि और किसानों को दिए गए मुआवजे को सार्वजनिक करे सरकार- दीपक राठौर

राजीव गांधी पंचायती राज संगठन ने शिमला में प्रेस वार्ता के दौरान सरकार से कंपनियों को दी गई प्रीमियम राशि और किसानों को दिए गए मुआवजे को सार्वजनिक करने की मांग रखी है. राठौर ने प्रदेश के किसानों बागवानों से कृषि कानूनों के खिलाफ लामबंद होने का आह्वान किया है, ताकि केंद्र सरकार की ओर से लाए गए कानूनों को वापस करवाया जाए. उन्होंने कहा कि काले कानूनों के खिलाफ संघर्ष जारी रहेगा.

Rajiv Gandhi Panchayati Raj Organization held press conference in shimla
Rajiv Gandhi Panchayati Raj Organization held press conference in shimla
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Published : Jan 13, 2021, 6:34 PM IST

Updated : Jan 13, 2021, 7:56 PM IST

शिमलाः प्रदेश सरकार की ओर से फसल बीमा योजना के तहत निजी कंपनियों ने बीते 3 सालों में एकत्रित की गई प्रीमियम की राशि और किसानों को जारी किए गए मुआवजे की राशि के आंकड़ों को सार्वजनिक करने की मांग राजीव गांधी पंचायती राज संगठन ने की है.

सरकार पर लगाए आरोप

वीडियो.

शिमला में आयोजित पत्रकार वार्ता में संगठन के अध्यक्ष दीपक राठौर ने सरकार पर आरोप लगाया कि किसान और बागवानों से केसीसी के समय बीमा का प्रीमियम काट दिया गया, लेकिन अब ओलावृष्टि या अन्य प्राकृतिक आपदाओं से फसलें खराब होने के बाद मुआवजे देने की बात आती हैं, तो किसानों को यह नहीं मिल रहा है. इससे किसान ठगा महसूस कर रहे हैं.

कृषि कानूनों के खिलाफ लामबंद होने का आह्वान

इसके साथ ही राठौर ने प्रदेश के किसानों बागवानों से कृषि कानूनों के खिलाफ लामबंद होने का आह्वान किया है, ताकि केंद्र सरकार की ओर से लाए गए कानूनों को वापस करवाया जाए. उन्होंने कहा कि काले कानूनों के खिलाफ संघर्ष जारी रहेगा.

केंद्र सरकार ने कोरोना काल में आनन-फानन में अध्यादेश के माध्यम से कृषि कानून लाए हैं. इसके पीछे सरकार की मंशा जीडीपी में कृषि व बागवानी के 48 हिस्से पर बड़े उद्योगपतियों के माध्यम से कब्जा करवाना है. दीपक राठौर ने कहा कि यदि सरकार कृषि कानून बनाने के लिए संसद के माध्यम से पूरी प्रक्रिया बनाती है तो वर्तमान स्थिति ना होती और किसानों को सड़कों पर उतरना न पड़ता.

लोगों को किया जागरूक

दीपक राठौर ने कहा कि राजीव गांधी पंचायती राज संगठन ने बीते 28 दिसंबर को शिमला से धर्मशाला के लिए शुरू की गई पदयात्रा पूरी तरह से सफल रही. करीब 315 किलोमीटर की पदयात्रा 12 दिनों में पूरी गई. इसमें लोगों का सहयोग व समर्थन मिला. इस दौरान 12 नुक्कड़ सभाएं की गई और लोगों को इस काले कानून के बारे में जागरूक किया गया.

शिमलाः प्रदेश सरकार की ओर से फसल बीमा योजना के तहत निजी कंपनियों ने बीते 3 सालों में एकत्रित की गई प्रीमियम की राशि और किसानों को जारी किए गए मुआवजे की राशि के आंकड़ों को सार्वजनिक करने की मांग राजीव गांधी पंचायती राज संगठन ने की है.

सरकार पर लगाए आरोप

वीडियो.

शिमला में आयोजित पत्रकार वार्ता में संगठन के अध्यक्ष दीपक राठौर ने सरकार पर आरोप लगाया कि किसान और बागवानों से केसीसी के समय बीमा का प्रीमियम काट दिया गया, लेकिन अब ओलावृष्टि या अन्य प्राकृतिक आपदाओं से फसलें खराब होने के बाद मुआवजे देने की बात आती हैं, तो किसानों को यह नहीं मिल रहा है. इससे किसान ठगा महसूस कर रहे हैं.

कृषि कानूनों के खिलाफ लामबंद होने का आह्वान

इसके साथ ही राठौर ने प्रदेश के किसानों बागवानों से कृषि कानूनों के खिलाफ लामबंद होने का आह्वान किया है, ताकि केंद्र सरकार की ओर से लाए गए कानूनों को वापस करवाया जाए. उन्होंने कहा कि काले कानूनों के खिलाफ संघर्ष जारी रहेगा.

केंद्र सरकार ने कोरोना काल में आनन-फानन में अध्यादेश के माध्यम से कृषि कानून लाए हैं. इसके पीछे सरकार की मंशा जीडीपी में कृषि व बागवानी के 48 हिस्से पर बड़े उद्योगपतियों के माध्यम से कब्जा करवाना है. दीपक राठौर ने कहा कि यदि सरकार कृषि कानून बनाने के लिए संसद के माध्यम से पूरी प्रक्रिया बनाती है तो वर्तमान स्थिति ना होती और किसानों को सड़कों पर उतरना न पड़ता.

लोगों को किया जागरूक

दीपक राठौर ने कहा कि राजीव गांधी पंचायती राज संगठन ने बीते 28 दिसंबर को शिमला से धर्मशाला के लिए शुरू की गई पदयात्रा पूरी तरह से सफल रही. करीब 315 किलोमीटर की पदयात्रा 12 दिनों में पूरी गई. इसमें लोगों का सहयोग व समर्थन मिला. इस दौरान 12 नुक्कड़ सभाएं की गई और लोगों को इस काले कानून के बारे में जागरूक किया गया.

Last Updated : Jan 13, 2021, 7:56 PM IST
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