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शिमला-कालका ट्रैक पर बढ़ेगी रेलगाड़ी की रफ्तार, मोडिफाइड कोच के साथ होगा ट्रायल

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Published : Dec 8, 2019, 6:19 PM IST

शिमला-कालका ट्रैक पर चलने वाली गाड़ियों की रफ्तार में अब 30 किलोमीटर प्रति घंटा से दौड़ेंगी. इसके लिए रेलवे विभाग जल्द ट्रायल करेगा.

ailway track kalka-shimla speed trial
ailway track kalka-shimla speed trial

शिमलाः विश्व हेरीटेज शिमला-कालका ट्रैक पर चलने वाली गाड़ियों की रफ्तार में अब 30 किलोमीटर प्रति घंटा से दौड़ेंगी. ट्रैक पर स्पीड बढ़ाने को लेकर 15 दिनों के अंदर ट्रायल किया जाएगा. ट्रायल के सफल रहने पर रेलगाड़ियों की रफ्तार को बढ़ा दिया जाएगा.

रेल विभाग ट्रायल इस बात को ध्यान में रखकर किया जा रहा है कि ट्रैक पर किस हद तक स्पीड बढ़ाना कारगर साबित हो सकता है. हेरिटेज ट्रैक पर स्पीड बढ़ाने को लेकर रेलवे की ओर से कोच भी मोडिफाइएड किए गए है. 3 कोच बनकर तैयार हैं जबकि अन्य तीन कोच स्पीड के ट्रायल के लिए तैयार किए जा रहे हैं.

उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक टीपी सिंह ने कहा है की ट्रैक पर स्पीड बढ़ाने को लेकर ट्रायल 15 दिनों के अंदर किया जाएगा. अगर यह ट्रायल सफल रहा तो उसके बाद ट्रैक पर गाड़ियों की स्पीड बढ़ाई जाएगी. यह ट्रायल 30 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से किया जाएगा.

इस से पहले भी ट्रैक पर स्पीड को बढ़ाने को लेकर ट्रायल किए है. इस बार के ट्रायल में कोच मोडिफाइएड किए गए हैं. हालांकि मोडिफाइएड कोचीज के साथ ही समतल ट्रैक पर ही गाड़ियों की स्पीड बढ़ाई जा सकेगी. ट्रैक पर बेहद ही घुमावदार मोड़ है जहां स्पीड को बढ़ाना संभव नहीं है . ऐसे में प्रयास यही किया जा रहा है किसी तरह का रिस्क ना लेते हुए इस ट्रायल के बाद ही ट्रैक पर गाड़ियों की स्पीड बढ़ाई जाए.

वीडियो.

गौरतलब है कि शिमला-कालका ट्रैक पर सफर करने में 5 घंटे से अधिक का समय लगता है. इस ट्रैक पर सफर करने वाले पर्यटकों की संख्या अधिक है. ऐसे में सफर को जल्द पूरा किया जा सके इसके लिए विश्व धरोहर में शामिल इस ट्रैक पर गाड़ियों की स्पीड बढ़ाने को लेकर निर्देश केंद्रीय रेल मंत्री ने दिए थे.

निर्देश मिलने के बाद 96 किलोमीटर लंबे इस ट्रैक पर गाड़ियों की स्पीड बढ़ाने को लेकर ट्रायल रेलवे की तकनीकी टीम ने शुरू कर दिए थे, लेकिन ट्रैक पर 48 डिग्री के घुमावदार मोड़ होने की वजह से पुराने कोच के साथ स्पीड नहीं बढ़ पा रही है.

स्पीड बढ़ाने से दुर्घटना का खतरा बढ़ रहा है और यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए रेलवे ने मंजूरी के बाद भी स्पीड को नहीं बढ़ाया है. अब तक नए कोच मिलने का इंतजार था और जब यह कोच मिल रहे है तो अब स्पीड बढ़ाने को लेकर ट्रायल किया जाएगा.

ये भी पढ़ें- इन्वेस्टर्स मीट: बेहतर आगाज के बाद अब अंजाम पर नजर, क्या निवेश से दूर होगी बेरोजगारी, आएगी खुशहाली?

शिमलाः विश्व हेरीटेज शिमला-कालका ट्रैक पर चलने वाली गाड़ियों की रफ्तार में अब 30 किलोमीटर प्रति घंटा से दौड़ेंगी. ट्रैक पर स्पीड बढ़ाने को लेकर 15 दिनों के अंदर ट्रायल किया जाएगा. ट्रायल के सफल रहने पर रेलगाड़ियों की रफ्तार को बढ़ा दिया जाएगा.

रेल विभाग ट्रायल इस बात को ध्यान में रखकर किया जा रहा है कि ट्रैक पर किस हद तक स्पीड बढ़ाना कारगर साबित हो सकता है. हेरिटेज ट्रैक पर स्पीड बढ़ाने को लेकर रेलवे की ओर से कोच भी मोडिफाइएड किए गए है. 3 कोच बनकर तैयार हैं जबकि अन्य तीन कोच स्पीड के ट्रायल के लिए तैयार किए जा रहे हैं.

उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक टीपी सिंह ने कहा है की ट्रैक पर स्पीड बढ़ाने को लेकर ट्रायल 15 दिनों के अंदर किया जाएगा. अगर यह ट्रायल सफल रहा तो उसके बाद ट्रैक पर गाड़ियों की स्पीड बढ़ाई जाएगी. यह ट्रायल 30 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से किया जाएगा.

इस से पहले भी ट्रैक पर स्पीड को बढ़ाने को लेकर ट्रायल किए है. इस बार के ट्रायल में कोच मोडिफाइएड किए गए हैं. हालांकि मोडिफाइएड कोचीज के साथ ही समतल ट्रैक पर ही गाड़ियों की स्पीड बढ़ाई जा सकेगी. ट्रैक पर बेहद ही घुमावदार मोड़ है जहां स्पीड को बढ़ाना संभव नहीं है . ऐसे में प्रयास यही किया जा रहा है किसी तरह का रिस्क ना लेते हुए इस ट्रायल के बाद ही ट्रैक पर गाड़ियों की स्पीड बढ़ाई जाए.

वीडियो.

गौरतलब है कि शिमला-कालका ट्रैक पर सफर करने में 5 घंटे से अधिक का समय लगता है. इस ट्रैक पर सफर करने वाले पर्यटकों की संख्या अधिक है. ऐसे में सफर को जल्द पूरा किया जा सके इसके लिए विश्व धरोहर में शामिल इस ट्रैक पर गाड़ियों की स्पीड बढ़ाने को लेकर निर्देश केंद्रीय रेल मंत्री ने दिए थे.

निर्देश मिलने के बाद 96 किलोमीटर लंबे इस ट्रैक पर गाड़ियों की स्पीड बढ़ाने को लेकर ट्रायल रेलवे की तकनीकी टीम ने शुरू कर दिए थे, लेकिन ट्रैक पर 48 डिग्री के घुमावदार मोड़ होने की वजह से पुराने कोच के साथ स्पीड नहीं बढ़ पा रही है.

स्पीड बढ़ाने से दुर्घटना का खतरा बढ़ रहा है और यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए रेलवे ने मंजूरी के बाद भी स्पीड को नहीं बढ़ाया है. अब तक नए कोच मिलने का इंतजार था और जब यह कोच मिल रहे है तो अब स्पीड बढ़ाने को लेकर ट्रायल किया जाएगा.

ये भी पढ़ें- इन्वेस्टर्स मीट: बेहतर आगाज के बाद अब अंजाम पर नजर, क्या निवेश से दूर होगी बेरोजगारी, आएगी खुशहाली?

Intro:हेरीटेज कालका-शिमला ट्रैक पर चलने वाली गाड़ियों की रफ़्तार अब 30 किलोमीटर प्रति घंटा होगी। ट्रैक पर स्पीड बढ़ाने को लेकर ट्रायल 10 दिनों के अंदर किया जाएगा। ट्रायल अगर सफल रहा तो इसके बाद ट्रैक पर जो गाड़िया चलेंगी उनकी रफ़्तार 30 किलोमीटर प्रति घंटा के हिसाब से होगी। ट्रायल के सफल रहने के बाद ही ट्रैक पर गाडियों की यह रफ्तार बढ़ाई जाएगी। इस बार का ट्रायल इस बात को ध्यान में रखकर किया जा रहा है कि ट्रैक पर किस हद तक स्पीड बढ़ाना कारगर साबित हो सकता है। हेरिटेज ट्रैक पर स्पीड बढ़ाने को लेकर रेलवे की ओर से कोच भी मोडिफाइएड किए गए है। 3 कोच बनकर तैयार है जबकि अन्य तीन कोच स्पीड के ट्रायल के लिए तैयार किए जा रहे है। 6 नए कोचीज के साथ ट्रैक पर स्पीड का यह ट्रायल किया जाएगा।


Body: रेलवे की ओर से जो नए कोच बनाए गए है उन्हें इसी तरह तैयार किया गया है कि ट्रैक पर तेज स्पीड के साथ इन्हें चलाया जाए। उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक टीपी सिंह ने कहा है की ट्रैक पर स्पीड बढ़ाने को लेकर ट्रायल 15 दिनों के अंदर किया जाएगा। अगर यह ट्रायल सफल रहा तो उसके बाद ही ट्रैक पर गाड़ियों की स्पीड बढ़ाई जाएगी। यह ट्रायल 30 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ़्तार से किया जाएगा। इस से पहले भी ट्रैक पर स्पीड को बढ़ाने को लेकर ट्रायल किए है लेकिन यह ट्रायल जो अब किया जा रहा है इसमें कोच मोडिफाइएड किए गए है। हालांकि मोडिफाइएड कोचीज के साथ ही समतल ट्रैक पर ही गाड़ियों की स्पीड बढ़ाई जा सकेगी। ट्रैक पर बेहद ही घुमावदार मोड़ है जहां स्पीड को बढ़ाना संभव नहीं है । ऐसे में प्रयास यही किया जा रहा है किसी तरह का रिस्क ना लेते हुए इस ट्रायल के बाद ही ट्रैक पर गाड़ियों की स्पीड बढ़ाई जाए।


Conclusion:बता दे कालका-शिमला ट्रैक पर सफर करने में 5 घंटे से अधिक का समय लगता है। इस ट्रैक पर सफ़र करने वाले पर्यटकों की संख्या अधिक है ऐसे में सफर को जल्द पूरा किया जा सके इसके लिए विश्व धरोहर में शामिल इस ट्रैक पर गाड़ियों की स्पीड बढ़ाने को लेकर निर्देश केंद्रीय रेल मंत्री ने दिए थे। निर्देश मिलने के बाद 96 किलोमीटर लंबे इस ट्रैक पर गाड़ियों की स्पीड बढ़ाने को लेकर ट्रायल रेलवे की तकनीकी टीम ने शुरू कर दिए थे, लेकिन ट्रैक पर 48 डिग्री के घुमावदार मोड़ होने की वजह से पुराने कोच के साथ स्पीड नहीं बढ़ पा रही है। स्पीड बढ़ाने से दुर्घटना का खतरा बढ़ रहा है और यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए रेलवे ने मंजूरी के बाद भी स्पीड को नहीं बढ़ाया है। अब तक नए कोच मिलने का इंतजार था और जब यह कोच मिल रहे है तो अब स्पीड बढ़ाने को लेकर ट्रायल किया जाएगा।
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