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शिमला में निजी स्कूल के खिलाफ अभिभावकों का प्रदर्शन, मांगे पूरी नहीं होने पर महाधरने की चेतावनी

शिक्षा निदेशालय की अधिसूचना के बावजूद छात्रों व अभिभावकों पर भारी फीसें लाद रहे हैं. अभिभावक मंच ने 8 अप्रैल को शिक्षा निदेशालय के बाहर उग्र आंदोलन शुरू करने की चेतावनी भी दी है.

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Published : Mar 28, 2019, 3:41 PM IST

शिमला में निजी स्कूल के खिलाफ अभिभावकों का प्रदर्शन

शिमला: निजी स्कूलों की मनमर्जी के खिलाफ अभिभावक मंच ने अपना आंदोलन उग्र कर दिया है. अभिभावक मंच ने गुरुवार को शहर के एक प्रतिष्ठित स्कूल के बाहर धरना प्रदर्शन किया और सरकार से निजी स्कूलों की मनमानी पर रोक लगाने की मांग की.

मंच ने आरोप लगाया है कि प्रदेश सरकार व शिक्षा विभाग की खामोशी के कारण निजी स्कूलों की मनमानी को मूक समर्थन मिल रहा है व ये स्कूल 18 मार्च की शिक्षा निदेशालय की अधिसूचना के बावजूद छात्रों व अभिभावकों पर भारी फीसें लाद रहे हैं. अभिभावक मंच ने 8 अप्रैल को शिक्षा निदेशालय के बाहर उग्र आंदोलन शुरू करने की चेतावनी भी दी है.

शिमला में निजी स्कूल के खिलाफ अभिभावकों का प्रदर्शन

मंच के सह संयोजक इंदु जोशी ने कहा है कि निजी स्कूलों की मनमानी, लूट व भारी फीसों पर आश्वासन के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है. जिसके विरोध में 8 अप्रैल को सैकड़ों लोग शिक्षा निदेशालय के बाहर प्रदर्शन करेंगे.

उन्होंने कहा कि निजी स्कूल मनमानी से बाज नहीं आ रहे हैं. जहां इन स्कूलों में फीस में भारी बढ़ोतरी की जा रही है तो वहीं आई कार्ड के नाम पर भी भारी ठगी की जा रही है. इसके अलावा पिकनिक को स्वैच्छिक करने के बजाए अनिवार्य करके अभी भी हज़ारों रुपये वसूले जा रहे हैं.

अभिभावकों का आरोप है कि शहर के प्रतिष्ठित स्कूल प्लस वन में छात्रों से दसवीं के मुकाबले लगभग ढाई गुणा अधिक फीस वसूल रहे हैं. निजी स्कूलों की मनमानी अभिभावक बर्दाश्त नहीं करेंगे. शिक्षा विभाग से हमारी मांग है कि स्कूलों के इस रवैये पर गौर करे और आवश्यक कार्रवाई करे.

शिमला: निजी स्कूलों की मनमर्जी के खिलाफ अभिभावक मंच ने अपना आंदोलन उग्र कर दिया है. अभिभावक मंच ने गुरुवार को शहर के एक प्रतिष्ठित स्कूल के बाहर धरना प्रदर्शन किया और सरकार से निजी स्कूलों की मनमानी पर रोक लगाने की मांग की.

मंच ने आरोप लगाया है कि प्रदेश सरकार व शिक्षा विभाग की खामोशी के कारण निजी स्कूलों की मनमानी को मूक समर्थन मिल रहा है व ये स्कूल 18 मार्च की शिक्षा निदेशालय की अधिसूचना के बावजूद छात्रों व अभिभावकों पर भारी फीसें लाद रहे हैं. अभिभावक मंच ने 8 अप्रैल को शिक्षा निदेशालय के बाहर उग्र आंदोलन शुरू करने की चेतावनी भी दी है.

शिमला में निजी स्कूल के खिलाफ अभिभावकों का प्रदर्शन

मंच के सह संयोजक इंदु जोशी ने कहा है कि निजी स्कूलों की मनमानी, लूट व भारी फीसों पर आश्वासन के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है. जिसके विरोध में 8 अप्रैल को सैकड़ों लोग शिक्षा निदेशालय के बाहर प्रदर्शन करेंगे.

उन्होंने कहा कि निजी स्कूल मनमानी से बाज नहीं आ रहे हैं. जहां इन स्कूलों में फीस में भारी बढ़ोतरी की जा रही है तो वहीं आई कार्ड के नाम पर भी भारी ठगी की जा रही है. इसके अलावा पिकनिक को स्वैच्छिक करने के बजाए अनिवार्य करके अभी भी हज़ारों रुपये वसूले जा रहे हैं.

अभिभावकों का आरोप है कि शहर के प्रतिष्ठित स्कूल प्लस वन में छात्रों से दसवीं के मुकाबले लगभग ढाई गुणा अधिक फीस वसूल रहे हैं. निजी स्कूलों की मनमानी अभिभावक बर्दाश्त नहीं करेंगे. शिक्षा विभाग से हमारी मांग है कि स्कूलों के इस रवैये पर गौर करे और आवश्यक कार्रवाई करे.

अभिभावकों ने चेप्सली स्कूल के बाहर दिया धरना, मनमानी फीस वसूलने के आरोप , 8 अप्रैल को शिक्षा निदेशालय के बाहर महाधरना का किया ऐलान

शिमला:निजी स्कूलों की मनमर्जी के खिलाफ लगाम न लगने पर अभिभावक मंच ने अपना आंदोलन उग्र कर दिया है। अभिभावक मंच ने वीरवार को शहर के प्रतिष्ठित स्कूल चेप्सली के बाहर धरना प्रदर्शन किया और सरकार से निजी स्कूलों की मनमानी पर रोक लगाने की मांग की। मंच ने आरोप लगाया है कि प्रदेश सरकार व शिक्षा विभाग की इसी खामोशी के कारण निजी स्कूलों की मनमानी को मूक समर्थन मिल रहा है व ये स्कूल 18 मार्च की शिक्षा निदेशालय की अधिसूचना के बावजूद छात्रों व अभिभावकों पर भारी फीसें लाद रहे हैं। अभिभावक मंच ने 8 अप्रैल को शिक्षा निदेशालय के बाहर उग्र आंदोलन शुरू करने की चेतावनी भी दी। 
मंच के सह संयोजक इंदु जोशी ने कहा है कि निजी स्कूलों की मनमानी,लूट व भारी फीसों पर आश्वासन के बाद भी कोई कार्यवाही नहीं कि जेआ रही है। और अब 8 अप्रैल को सैकड़ों लोग शिक्षा निदेशालय पर जबरदस्त प्रदर्शन करेंगे। उन्होंने कहा कि निजी स्कूल मनमानी से बाज नहीं आ रहे हैं। जहां इन स्कूलों के द्वारा फीसों में भारी बढ़ोतरी की जा रही है वहीं आई कार्ड के नाम पर भी भारी ठगी की जा रही है। इसके अलावा पिकनिक को स्वैच्छिक करने के बजाए अनिवार्य करके अभी भी हज़ारों रुपये वसूले जा रहे हैं। मनमानी इस कदर बढ़ चुकी है कि चेप्सली जैसा स्कूल प्लस वन में छात्रों से दसवीं के मुकाबले में लगभग ढाई गुणा राशि वसूल रहा है। प्लस वन में दाखिल होने वाले छात्रों से स्कूल के प्रबंधन ने दसवीं में लगभग अट्ठाइस हज़ार रुपये फीस वसूली थी परन्तु प्लस वन में यह स्कूल इन छात्रों से कला,वाणिज्य विज्ञान संकाय के लिए अब तिरसठ हज़ार से लेकर पैंसठ हज़ार रुपये फीस वसूल रहा है। एक ही वर्ष में यह लगभग दो सौ बत्तीस प्रतिशत अथवा ढाई गुणा की फीस बढ़ोतरी है। इसी तरह इस स्कूल की पहली से दसवीं कक्षा तक कि फीस 2014 व 2019 के मध्य ग्यारह हजार रुपये से बढ़कर लगभग इकत्तीस हज़ार रुपये हो गई है जोकि लगभग तीन गुणा बढ़ोतरी है। इसके अलावा हर वर्ष हर छात्र से  चार हज़ार रुपये एडवांस फीस के रूप में भी वसूले जा रहे हैं। यह खुली लूट है व निजी स्कूलों की शैक्षणिक अराजकता नहीं तो और क्या है। इस तरह यह निजी स्कूलों की मनमानी है जिसे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इस पर हर हाल में रोक लगनी चाहिए। चेप्सली स्कूल की इस मनमानी से स्पष्ट है कि वह सरकारी निर्देशों व न्यायालयों कद आदेशों की परवाह नहीं करता है। उन्होंने चेप्सली स्कूल से तत्काल प्लस वन की फीस बढ़ोतरी वापिस लेने की मांग की है म

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