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निजी विश्वविद्यालयों में कुलपतियों की नियुक्ति का मामला, 7 यूनिवर्सिटी को नोटिस जारी करेगा नियामक आयोग

निजी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों की नियुक्ति करने के लिए 25 फरवरी तक का समय दिया गया था. इस तय समय के बीच है जिन 7 विश्वविद्यालयों ने जानकारी आयोग को नहीं भेजी है उन्हें आयोग की ओर से नोटिस भेजने की तैयारी की जा रही है.

Private Educational Institutions Regulatory Commission
निजी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों की नियुक्ति
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Published : Feb 25, 2021, 11:18 AM IST

शिमला: प्रदेश के जिन 8 निजी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को अयोग्य करार देने के बाद उन कुलपतियों को पद से हटा दिया है. इन कुलपतियों की जगह पर अब नए कुलपतियों की नियुक्ति इन विश्वविद्यालयों को करनी है. कुलपतियों की नियुक्ति के लिए निजी शिक्षण संस्थान नियामक आयोग की ओर से 25 फरवरी तक समय विश्वविद्यालयों को दिया गया था लेकिन अभी तक मात्र एक ही विश्वविद्यालय ने नए कुलपति की नियुक्ति की है जिसकी जानकारी विश्वविद्यालय की ओर से आयोग को दी गई है. अब जिन विश्वविद्यालयों की ओर से कुलपति की नियुक्ति नहीं की गई है उन्हें नोटिस निजी शिक्षण संस्थान नियामक आयोग की ओर से जारी किए जाएंगे.

25 फरवरी तक जानकारी नहीं देने वाले विश्वविद्यालयों को नोटिस

आयोग की ओर से 25 फरवरी तक जानकारी नहीं देने वाले विश्वविद्यालयों को नोटिस देकर तलब किया जाएगा. इसके साथ ही उनसे अभी तक कुलपति पद पर नियुक्ति ना करने का कारण भी पूछा जाएगा. आयोग की ओर से जिन विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को अयोग्य करार दिया गया था उन्हें आदेश जारी किए गए थे कि वह किसी योग्य और पात्र व्यक्ति की ही नियुक्ति कुलपति पद पर करें.

आयोग ने नियुक्त किए जाने वाले कुलपतियों की शैक्षणिक योग्यता से जुड़ी जानकारी और अन्य जानकारी भी आयोग को मुहैया करवाने के निर्देश सभी विश्वविद्यालयों को दिए थे, जिसमें से अभी तक मात्र बाहारा विश्वविद्यालय ने ही कुलपति पद पर नियुक्ति की है और इसकी जानकारी सभी आवश्यक दस्तावेजों के साथ आयोग को भी भेजी गई है.

7 विश्वविद्यालयों ने आयोग को नहीं भेजी है जानकारी

आयोग के अध्यक्ष मेजर जनरल सेवानिवृत्त अतुल कौशिक ने कहा कि विश्वविद्यालयों के कुलपतियों की नियुक्ति करने के लिए 25 फरवरी तक का समय दिया गया था. इस तय समय के बीच है जिन 7 विश्वविद्यालयों ने जानकारी आयोग को नहीं भेजी है उन्हें आयोग की ओर से नोटिस भेजा जाएगा.

बता दें कि निजी विश्वविद्यालयों में कुलपति की नियुक्ति अपने स्तर पर ही की जाती है. नियुक्ति में किसी तरह का कोई दखल आयोग का नहीं रहता है, लेकिन आयोग इस बार इन विश्वविद्यालयों पर यह नजर बनाए हुए हैं कि अब किसी भी अयोग्य व्यक्ति की नियुक्ति विश्वविद्यालय के अहम पद पर ना की जाए. यही वजह भी है कि आयोग ने विश्वविद्यालयों को चेताया है कि योग्य और पात्र उम्मीदवारों की ही नियुक्ति कुलपति पद पर करें जिससे कि किसी तरह की दिक्कतों का सामना आगे चलकर विश्वविद्यालयों को ना करना पड़े.

ये भी पढ़ें: शिमला शहर के 90 फीसदी हिस्से में सीवरेज सुविधा, 6 जगहों पर होता है ट्रीटमेंट

शिमला: प्रदेश के जिन 8 निजी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को अयोग्य करार देने के बाद उन कुलपतियों को पद से हटा दिया है. इन कुलपतियों की जगह पर अब नए कुलपतियों की नियुक्ति इन विश्वविद्यालयों को करनी है. कुलपतियों की नियुक्ति के लिए निजी शिक्षण संस्थान नियामक आयोग की ओर से 25 फरवरी तक समय विश्वविद्यालयों को दिया गया था लेकिन अभी तक मात्र एक ही विश्वविद्यालय ने नए कुलपति की नियुक्ति की है जिसकी जानकारी विश्वविद्यालय की ओर से आयोग को दी गई है. अब जिन विश्वविद्यालयों की ओर से कुलपति की नियुक्ति नहीं की गई है उन्हें नोटिस निजी शिक्षण संस्थान नियामक आयोग की ओर से जारी किए जाएंगे.

25 फरवरी तक जानकारी नहीं देने वाले विश्वविद्यालयों को नोटिस

आयोग की ओर से 25 फरवरी तक जानकारी नहीं देने वाले विश्वविद्यालयों को नोटिस देकर तलब किया जाएगा. इसके साथ ही उनसे अभी तक कुलपति पद पर नियुक्ति ना करने का कारण भी पूछा जाएगा. आयोग की ओर से जिन विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को अयोग्य करार दिया गया था उन्हें आदेश जारी किए गए थे कि वह किसी योग्य और पात्र व्यक्ति की ही नियुक्ति कुलपति पद पर करें.

आयोग ने नियुक्त किए जाने वाले कुलपतियों की शैक्षणिक योग्यता से जुड़ी जानकारी और अन्य जानकारी भी आयोग को मुहैया करवाने के निर्देश सभी विश्वविद्यालयों को दिए थे, जिसमें से अभी तक मात्र बाहारा विश्वविद्यालय ने ही कुलपति पद पर नियुक्ति की है और इसकी जानकारी सभी आवश्यक दस्तावेजों के साथ आयोग को भी भेजी गई है.

7 विश्वविद्यालयों ने आयोग को नहीं भेजी है जानकारी

आयोग के अध्यक्ष मेजर जनरल सेवानिवृत्त अतुल कौशिक ने कहा कि विश्वविद्यालयों के कुलपतियों की नियुक्ति करने के लिए 25 फरवरी तक का समय दिया गया था. इस तय समय के बीच है जिन 7 विश्वविद्यालयों ने जानकारी आयोग को नहीं भेजी है उन्हें आयोग की ओर से नोटिस भेजा जाएगा.

बता दें कि निजी विश्वविद्यालयों में कुलपति की नियुक्ति अपने स्तर पर ही की जाती है. नियुक्ति में किसी तरह का कोई दखल आयोग का नहीं रहता है, लेकिन आयोग इस बार इन विश्वविद्यालयों पर यह नजर बनाए हुए हैं कि अब किसी भी अयोग्य व्यक्ति की नियुक्ति विश्वविद्यालय के अहम पद पर ना की जाए. यही वजह भी है कि आयोग ने विश्वविद्यालयों को चेताया है कि योग्य और पात्र उम्मीदवारों की ही नियुक्ति कुलपति पद पर करें जिससे कि किसी तरह की दिक्कतों का सामना आगे चलकर विश्वविद्यालयों को ना करना पड़े.

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