शिमला: प्रदेश में आज से बस सेवा शुरू कर दी गई है. 60 फीसदी सवारियों के साथ यह बस सेवा शुरू की गई है. राजधानी शिमला में भी आज सरकारी बसों के साथ ही निजी बस सेवा शुरू हो गई है. बसें सड़कों पर दौड़ रही हैं और नियमों के अनुसार ही सवारियों को बसों में बैठाया जा रहा है.
बस सेवा बहाल होने से 72 दिनों से परेशानी झेल रहे लोगों को राहत मिली है, लेकिन लोगों में कहीं-कहीं कोरोना को लेकर डर अभी साफ देखा जा रहा है. यही वजह है कि आज कम ही लोग आज बसों में सफर करते हुए दिखे और बस स्टॉप पर भी लोगों की संख्या कम ही नजर आई. कुछ एक रूट ऐसे थे जहां पर लोगों की संख्या अधिक थी.
सीटों पर लगाए गए मार्क
वहीं, पूरी व्यवस्था को बनाये रखा जा सके इसके लिए बसों में दो की सीट पर एक-एक व्यक्ति को बैठाया जा रहा है. सीटों पर मार्क लगाए गए है और उसी के हिसाब से सवारियों को बैठाया जा रहा है. वहीं निजी बसों में भी यही व्यवस्था रखी गई है. इसके साथ ही आईएसबीटी और ओल्ड बस स्टैंड पर लोगों की थर्मल स्कैनिंग की जा रही है.
बस स्टॉप पर कराया जा रहा सोशल डिस्टेंसिंग का पालन
शहर के बस स्टॉप पर पुलिस प्रशासन पूरी तरह से व्यवस्था को संभाले हुए है. जो लोग बस स्टैंड में बसों में सफर करने के लिए आ रहे है उन्हें थर्मल स्कैनिंग के बाद ही बस स्टैंड के अंदर प्रवेश दिया जा रहा है. यही व्यवस्था न्यू बस स्टैंड पर भी की गई है. वहीं जिन बस स्टॉप पर ज्यादा भीड़-भाड़ होती है वहां पुलिस बल तैनात किया गया है. ताकि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करवाया जा सके.
सवारियां नहीं होने से बस मालिक निराश
बस चालकों का भी कहना है कि आज बसें चलाई गई है,लेकिन सवारियां उतनी संख्या में नहीं आ रही है. बसों में 60 फीसदी कैपसिटी रखी गई है, लेकिन उसके बाद भी सवारियां उतनी नहीं है. लोगों में अभी डर है लेकिन यह सही भी है कि लोग तभी बसों में सफर करें जब उन्हें बेहद जरूरी काम हो और उन्हें सफर करना आवश्यक हो. हालांकि निजी बस मालिक इस से थोड़ा निराश नजर आए.
बस सेवा शुरू होने से लोगों में खुशी
वहीं, लोगों ने भी सरकार के बसें चलाने के फैसले को बड़ी राहत बताया हैं, साथ ही, यह भी कहा कि लोगों को भी इस फैसले में सहयोग करना होगा और इस बात को समझना होगा कि सोशल डिस्टेंसिंग के साथ ही सफर करें. बेहद आवश्यक हो तो तभी सफर करें, जिससे की बेकार की भीड़ एकत्र ना हो.