शिमला: प्रदेश के अस्पतालों में पैरामेडिकल स्टाफ की कमी को पूरा करने के लिए अब प्रदेश सरकार ने आउटसोर्स आधार पर पद भरने का निर्णय लिया है. कोरोना वायरस से प्रभावित मरीजों की संख्या में लगातार हो रही बढ़ोतरी को देखते हुए प्रदेश सरकार ने यह निर्णय लिया है.
इसके अलावा प्रदेश सरकार टेलिमेडिसिन प्रणाली को बढ़ावा देने पर भी जोर दे रही है. अतिरिक्त मुख्यसचिव स्वास्थ्य आरडी धीमान ने कहा कि वर्तमान में टेलिमेडिसिन प्रणाली से 312 पीएचसी, 235 हेल्थ सब सेंटर को इस प्रणाली से जोड़ा गया है और प्रदेश सरकार कोशिश कर रही है कि इस प्रणाली के माध्यम से आईजीएमसी में उपलब्ध विशेषज्ञ डॉक्टरों की सलाह मरीजों तक आसानी से पहुंचा सके.
अतिरिक्त मुख्यसचिव स्वास्थ्य आरडी धीमान ने कहा कि कोरोना वायरस कोविड-19 के संक्रमण के कारण पैदा हुई स्थिति से निपटने के लिए प्रदेश सरकार ने राज्य में विभिन्न स्वास्थ्य संस्थानों और मेडिकल कॉलेजों में उपलब्ध श्रमशक्ति को मजबूत करने का फैसला लिया है. सीएमओ या एमएस अपने आधार पर ही इनकी नियुक्ति कर सकते हैं. प्रदेश के अस्पतालों में पैरामेडिकल स्टाफ और डॉक्टरों की भारी कमी है जिसको लेकर अब प्रदेश सरकार ने यह कदम उठाया है.
इससे पहले भी प्रदेश सरकार ने स्वास्थ्य विभाग में कार्य कर रहे कर्मियों, चिकित्सा अधिकारियों, संकाय सदस्यों और पैरामेडिकल स्टाफ की सेवानिवृत्ति को स्थगित करने और इसे अगामी अवधि तक बढ़ाने करने का आदेश जारी किया था. इसके अनुसार उनको अंतिम पद पर 1 अप्रैल, 2020 से आगामी आदेशों तक पुनर्रोजगार दिया जाएगा.
ये भी पढ़ें: CURFEW : शिमला में मुसीबत में फंसे लोगों की सहायता के लिए हाथ बढ़ा रहे समाजसेवी