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किन्नौर में डाक विभाग मंडल रामपुर ने लगाई प्रदर्शनी, हिमाचली 'चुली' तेल के स्पेशल एनवलप का किया अनावरण

भारतीय डाक विभाग के रामपुर मण्डल (postal division rampur program in kinnaur) द्वारा शनिवार को किन्नौर जिले के मुख्यालय रिकांगपिओ स्थित वचत भवन में एक कार्यक्रम को आयोजन किया (Special Envelope of Himachali Chuli Tel) गया. इस दौरान कार्यक्रम में मुख्य पोस्ट मास्टर जनरल हिमाचल प्रदेश मीरा रंजन शेरिंग ने किन्नौरी शॉल व हिमाचली चुली तेल के विशेष आवरण का अनावरण किया. वहीं, लोगों को चुली का तेल इस्तेमाल करने के लाभी भी बताए गए.

Special Envelope of Himachali Chuli Tel
हिमाचली चुली तेल का स्पेशल एनवलप
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Published : Dec 25, 2021, 7:10 PM IST

किन्नौर: भारतीय डाक विभाग के रामपुर मण्डल द्वारा शनिवार को किन्नौर जिले के मुख्यालय रिकांगपिओ स्थित वचत भवन में एक कार्यक्रम को आयोजन किया गया. इस दौरान कार्यक्रम (postal division rampur program in kinnaur) में मुख्य पोस्ट मास्टर जनरल हिमाचल प्रदेश मीरा रंजन शेरिंग ने किन्नौरी शॉल व हिमाचली चुली तेल के स्पेशल एनवलप का अनावरण किया.


मुख्य पोस्टमॉस्टर जनरल हिमाचल प्रदेश मीरा रंजन शेरिंग ने कहा कि डाक विभाग द्वारा जियोग्राफिकल इंडिकेशन टेग वाले उत्पादो पर विशेष आवरण जारी करने की श्रंखला आरंभ की है. उन्होंने (Special Envelope of Himachali Chuli Tel) कहा कि जीआई टेग किसी वस्तु , कला, उत्पाद आदि को एक निद्रिष्ट स्थान से जोड़ती है. जीआई टेग एक प्रतीक है, जो मुख्य रूप से किसी उत्पाद को उसके मूल क्षेत्र से जोड़ने के लिए दिया जाता है.

उन्होंने कहा कि यह उस उत्पाद की गुणवत्ता व विशेषता को भी बताता है. यह उन उत्पादों को मिलता है, जिनका वशिष्ट मूल क्षेत्र होता है. किन्नौर जिले की किन्नौरी शॉल, चुली तेल व काला (Benifits of Chuli Tel) जीरा को भी जीआई टेग प्राप्त है. उन्होंने कहा कि इस विशेष आवरण को कुछ खास बनाने की कोशिश की गई है और किन्नौरी शॉल के आवरण में शॉल की कतरने व चुली तेल को थ्री डी इफेक्ट देने का प्रयास किया गया है.

उन्होंने उम्मीद जताई कि किन्नौरी शॉल व चुली तेल (Himachali Kinnauri shawl) के विशेष आवरण के अनावरण से इन उत्पादों को राष्ट्रीय तथा अंतरास्ट्रीय स्तर पर पहचान मिलेगी. जिस से जिले लोगों सहित इन उत्पादों से जुड़े लोग लाभान्वित होंगे. यह प्रयास उनकी आर्थिकी सुदृढ़ करने मे भी सहायक होगा. उन्होंने कहा कि (GI tag to Kinnauri shawl) किन्नौरी शॉल के बुनाई के अनूठे डिजाइन यहां की संस्कृति से जुड़े हैं, जो इसे अलग पहचान देते हैं.

मीरा रंजन ने चुली तेल के औषधीय गुणों के अपने अनुभवों को सांझा करते कहा कि वह भी कोरोना की चपेट में आ गई थी. इस कारण उनके सिर के बाल बड़ी मात्रा मे झडने आरंभ हो गये थे. कई उपाय करने के बाद उन्होंने बालो में चुली तेल लगाना शुरू किया, जिसके दो सप्ताह में ही सकारात्मक परिणाम सामने आने शुरू हो गए और बाल झड़ने बन्द हो गये.

मुख्य पोस्टमॉस्टर जनरल ने इस अवसर पर किन्नौरी शॉल निर्माता आनंद कुमार, भक्त चंद ,सुनील कुमार, सनम दोरजे व चूली तेल निर्माता मनमोहन नेगी,कमलेश कुमारी को सम्मानित (SDM Kalpa Swati Dogra) किया. उपमंडलाधिकारी कल्पा स्वाति डोगरा ने भी इस अवसर पर अपने विचार रखे. उन्होंने विभाग के प्रयासों की सराहना करते कहा कि इससे जिले की किन्नौरी शॉल व चुली तेल को वैश्विक स्तर पर पहचान मिलेगी. वहीं, (Kinnaur Handloom Weavers Organization) किन्नौर हथकरघा बुनकर संगठन के महा सचिव आनंद कुमार ने किन्नौरी शॉल व मालनर नेगी ने चुली तेल के उपयोग व औषिधीय गुणों की जानकारी दी.

ये भी पढे़ं: Vipin Singh Parmar in palampur: ग्राम पंचायत बसकेहड़ में विधानसभा अध्यक्ष ने लोगों को दी लाखों की सौगात

किन्नौर: भारतीय डाक विभाग के रामपुर मण्डल द्वारा शनिवार को किन्नौर जिले के मुख्यालय रिकांगपिओ स्थित वचत भवन में एक कार्यक्रम को आयोजन किया गया. इस दौरान कार्यक्रम (postal division rampur program in kinnaur) में मुख्य पोस्ट मास्टर जनरल हिमाचल प्रदेश मीरा रंजन शेरिंग ने किन्नौरी शॉल व हिमाचली चुली तेल के स्पेशल एनवलप का अनावरण किया.


मुख्य पोस्टमॉस्टर जनरल हिमाचल प्रदेश मीरा रंजन शेरिंग ने कहा कि डाक विभाग द्वारा जियोग्राफिकल इंडिकेशन टेग वाले उत्पादो पर विशेष आवरण जारी करने की श्रंखला आरंभ की है. उन्होंने (Special Envelope of Himachali Chuli Tel) कहा कि जीआई टेग किसी वस्तु , कला, उत्पाद आदि को एक निद्रिष्ट स्थान से जोड़ती है. जीआई टेग एक प्रतीक है, जो मुख्य रूप से किसी उत्पाद को उसके मूल क्षेत्र से जोड़ने के लिए दिया जाता है.

उन्होंने कहा कि यह उस उत्पाद की गुणवत्ता व विशेषता को भी बताता है. यह उन उत्पादों को मिलता है, जिनका वशिष्ट मूल क्षेत्र होता है. किन्नौर जिले की किन्नौरी शॉल, चुली तेल व काला (Benifits of Chuli Tel) जीरा को भी जीआई टेग प्राप्त है. उन्होंने कहा कि इस विशेष आवरण को कुछ खास बनाने की कोशिश की गई है और किन्नौरी शॉल के आवरण में शॉल की कतरने व चुली तेल को थ्री डी इफेक्ट देने का प्रयास किया गया है.

उन्होंने उम्मीद जताई कि किन्नौरी शॉल व चुली तेल (Himachali Kinnauri shawl) के विशेष आवरण के अनावरण से इन उत्पादों को राष्ट्रीय तथा अंतरास्ट्रीय स्तर पर पहचान मिलेगी. जिस से जिले लोगों सहित इन उत्पादों से जुड़े लोग लाभान्वित होंगे. यह प्रयास उनकी आर्थिकी सुदृढ़ करने मे भी सहायक होगा. उन्होंने कहा कि (GI tag to Kinnauri shawl) किन्नौरी शॉल के बुनाई के अनूठे डिजाइन यहां की संस्कृति से जुड़े हैं, जो इसे अलग पहचान देते हैं.

मीरा रंजन ने चुली तेल के औषधीय गुणों के अपने अनुभवों को सांझा करते कहा कि वह भी कोरोना की चपेट में आ गई थी. इस कारण उनके सिर के बाल बड़ी मात्रा मे झडने आरंभ हो गये थे. कई उपाय करने के बाद उन्होंने बालो में चुली तेल लगाना शुरू किया, जिसके दो सप्ताह में ही सकारात्मक परिणाम सामने आने शुरू हो गए और बाल झड़ने बन्द हो गये.

मुख्य पोस्टमॉस्टर जनरल ने इस अवसर पर किन्नौरी शॉल निर्माता आनंद कुमार, भक्त चंद ,सुनील कुमार, सनम दोरजे व चूली तेल निर्माता मनमोहन नेगी,कमलेश कुमारी को सम्मानित (SDM Kalpa Swati Dogra) किया. उपमंडलाधिकारी कल्पा स्वाति डोगरा ने भी इस अवसर पर अपने विचार रखे. उन्होंने विभाग के प्रयासों की सराहना करते कहा कि इससे जिले की किन्नौरी शॉल व चुली तेल को वैश्विक स्तर पर पहचान मिलेगी. वहीं, (Kinnaur Handloom Weavers Organization) किन्नौर हथकरघा बुनकर संगठन के महा सचिव आनंद कुमार ने किन्नौरी शॉल व मालनर नेगी ने चुली तेल के उपयोग व औषिधीय गुणों की जानकारी दी.

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