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अवैध खनन से पौंग डैम वाइल्ड लाइफ सेंचुरी को नुकसान, हाईकोर्ट ने पीसीसीएफ से मांगा जवाब - हिमाचल हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश

कांगड़ा जिले में पौंग बांध वाइल्ड लाइफ सेंचुरी एरिया में अवैध खनन पर हाई कोर्ट ने नाराजगी जताई है. अदालत ने वन विभाग के पीसीसीएफ वाइल्ड लाइफ (Pong Dam Wildlife Sanctuary) यानी प्रधान मुख्य अरण्यपाल (वन्य जीव) से जवाब तलब किया है. पढ़ें पूरी खबर...

Pong Dam Wildlife Sanctuary
हिमाचल हाई कोर्ट (फाइल फोटो).
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Published : Aug 1, 2022, 8:25 PM IST

शिमला: कांगड़ा जिले में पौंग बांध वाइल्ड लाइफ सेंचुरी एरिया में अवैध खनन पर हाई कोर्ट ने नाराजगी जताई है. अदालत ने पौंग बांध एरिया में अवैध खनन और असामाजिक गतिविधियों को लेकर वन विभाग के मुखिया से जवाब तलब किया है. इस संदर्भ में हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी. याचिका की सुनवाई के बाद अदालत ने वन विभाग के पीसीसीएफ वाइल्ड लाइफ (Pong Dam Wildlife Sanctuary) यानी प्रधान मुख्य अरण्यपाल (वन्य जीव) से जवाब तलब किया है.

हिमाचल हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश अमजद एहतेशाम सईद व न्यायाधीश ज्योत्सना रिवाल दुआ की खंडपीठ ने वन विभाग के मुखिया को इस बारे में विस्तार से जवाब दाखिल करने के आदेश जारी किए. मामले के याचिकाकर्ता एमआर शर्मा व अन्यों ने पौंग बांध एरिया में वाइल्ड लाइफ सेंचुरी को खनन से हो रहे नुकसान पर हाई कोर्ट से संज्ञान लेने व राज्य सरकार को उचित आदेश पारित करने की गुहार लगाई थी. याचिका की सुनवाई के बाद मुख्य न्यायाधीश की अगुवाई वाली खंडपीठ ने पीसीसीएफ वाइल्ड लाइफ को चार सप्ताह में पौंग डैम अभ्यारण्य को सुरक्षित बनाने के लिए उठाए जाने वाले कदमों से अदालत को अवगत करवाने के आदेश दिए.

याचिकाकर्ताओं के अनुसार 207 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल में फैला पौंग बांध वन्य जीव अभ्यारण्य असामाजिक तत्वों के अवैध खनन अस्तित्व के संकट से जूझ रहा है. इस क्षेत्र में अवैध रूप से हो रही खेती के कारण अनेक वन्य जीव के प्राकृतिक विचरण पर असर पड़ा है. साथ ही यहां नेचुरल रूप से उगने वाले पौधों की किस्में बर्बाद हो रही हैं. इलाके में भारी मशीनरियों के उपयोग से भू-क्षरण हो रहा है. यहां सक्रिय असामाजिक तत्वों द्वारा विभिन्न उर्वरकों व कीटनाशकों का उपयोग करने से अनेक वन्य प्राणियों के साथ साथ पौधों की प्रजातियों को नुकसान हो रहा है. फसलों के अवशेषों को आग लगाकर भी अभयारण्य क्षेत्र को नुकसान पहुंचाया जा रहा है. प्रार्थियों ने इस क्षेत्र को गैर कानूनी गतिविधियों से बचाने के आदेश जारी करने की मांग की है.

ये भी पढे़ं- Himachal Monsoon Session 2022: मानसून सत्र हंगामेदार रहने की उम्मीद, सदन में गूंजेंगे ये मुद्दे

शिमला: कांगड़ा जिले में पौंग बांध वाइल्ड लाइफ सेंचुरी एरिया में अवैध खनन पर हाई कोर्ट ने नाराजगी जताई है. अदालत ने पौंग बांध एरिया में अवैध खनन और असामाजिक गतिविधियों को लेकर वन विभाग के मुखिया से जवाब तलब किया है. इस संदर्भ में हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी. याचिका की सुनवाई के बाद अदालत ने वन विभाग के पीसीसीएफ वाइल्ड लाइफ (Pong Dam Wildlife Sanctuary) यानी प्रधान मुख्य अरण्यपाल (वन्य जीव) से जवाब तलब किया है.

हिमाचल हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश अमजद एहतेशाम सईद व न्यायाधीश ज्योत्सना रिवाल दुआ की खंडपीठ ने वन विभाग के मुखिया को इस बारे में विस्तार से जवाब दाखिल करने के आदेश जारी किए. मामले के याचिकाकर्ता एमआर शर्मा व अन्यों ने पौंग बांध एरिया में वाइल्ड लाइफ सेंचुरी को खनन से हो रहे नुकसान पर हाई कोर्ट से संज्ञान लेने व राज्य सरकार को उचित आदेश पारित करने की गुहार लगाई थी. याचिका की सुनवाई के बाद मुख्य न्यायाधीश की अगुवाई वाली खंडपीठ ने पीसीसीएफ वाइल्ड लाइफ को चार सप्ताह में पौंग डैम अभ्यारण्य को सुरक्षित बनाने के लिए उठाए जाने वाले कदमों से अदालत को अवगत करवाने के आदेश दिए.

याचिकाकर्ताओं के अनुसार 207 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल में फैला पौंग बांध वन्य जीव अभ्यारण्य असामाजिक तत्वों के अवैध खनन अस्तित्व के संकट से जूझ रहा है. इस क्षेत्र में अवैध रूप से हो रही खेती के कारण अनेक वन्य जीव के प्राकृतिक विचरण पर असर पड़ा है. साथ ही यहां नेचुरल रूप से उगने वाले पौधों की किस्में बर्बाद हो रही हैं. इलाके में भारी मशीनरियों के उपयोग से भू-क्षरण हो रहा है. यहां सक्रिय असामाजिक तत्वों द्वारा विभिन्न उर्वरकों व कीटनाशकों का उपयोग करने से अनेक वन्य प्राणियों के साथ साथ पौधों की प्रजातियों को नुकसान हो रहा है. फसलों के अवशेषों को आग लगाकर भी अभयारण्य क्षेत्र को नुकसान पहुंचाया जा रहा है. प्रार्थियों ने इस क्षेत्र को गैर कानूनी गतिविधियों से बचाने के आदेश जारी करने की मांग की है.

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