शिमला: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) 90 के दशक में हिमाचल भाजपा के प्रभारी रहे हैं. वे हिमाचल में कुल्लू से किन्नौर और शिमला से सिरमौर सहित सभी इलाकों में पार्टी के काम से यात्राएं करते रहे हैं. प्रधानमंत्री बनने के बाद भी पीएम मोदी का हिमाचल से स्नेह (PM Modi Connection With Himachal) बना हुआ है. वे देव भूमि को अपना दूसरा घर कहते हैं.
केंद्र में प्रधानमंत्री के तौर पर आठ साल का कार्यकाल पूरा कर रहे नरेंद्र मोदी 31 मई को शिमला (PM Modi Rally in Shimla) आ रहे हैं. पहली बार प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी जब मंडी आए थे तो उन्होंने कहा था कि बड़ी काशी का सांसद छोटी काशी में आया है. यहां यह देखना दिलचस्प होगा कि नरेंद्र मोदी ने आठ साल में अपने दूसरे घर हिमाचल को क्या-क्या तोहफे दिए हैं. इसके अलावा हिमाचल को लेकर पीएम मोदी के क्या वादे और इरादे रहे हैं, इसपर भी चर्चा जरूरी है.
पीएम मोदी के वादे और इरादे: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में हिमाचल को अटल टनल पूर्ण होने का तोहफा मिला. बड़े प्रोजेक्ट्स की बात की जाए तो रेणुका बांध परियोजना के रास्ते की काफी अड़चने दूर हो चुकी हैं. इसके अलावा मंडी में एक हजार करोड़ रुपए का ग्रीन फील्ड इंटरनेशनल एयरपोर्ट (Greenfield International Airport in Mandi), ऊना में बल्क ड्रग फार्मा पार्क (Bulk Drug Pharma Park in Una), नालागढ़ में मेडिकल डिवाइस पार्क (Medical Device Park in Nalagarh) के अलावा किरतपुर-मनाली फोरलेन जैसे प्रोजेक्ट गति पकड़ रहे हैं.
वर्ष 2019 में केंद्र ने हिमाचल को 4893 करोड़ रुपए का फ्लड प्रोजेक्ट मंजूर किया था. इसके अलावा भारत माला प्रोजेक्ट में हिमाचल की चार सड़कें शामिल हुई हैं. हिमाचल में वीरभद्र सरकार के समय 2017 में मोदी सरकार ने हिमालयन सर्किट ऑफ स्वदेश दर्शन योजना (Himalayan Circuit of Swadesh Darshan Scheme) के लिए 100 करोड़ रुपए घोषित किया था. हिमाचल सरकार के चार साल पूरा होने पर पीएम नरेंद्र मोदी मंडी आए थे और उन्होंने हिमाचल को 11581 करोड़ रुपए की परियोजनाओं के तोहफे दिए थे.
पीएम मोदी के ये वादे अभी भी हैं अधूरे: यदि हिमाचल की जरूरतों की बात की जाए तो लंबे समय से देवभूमि के नेता और जनता हिमालयन रेजिमेंट की मांग कर रहे हैं. पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने सबसे पहले यह मांग उठाई थी. देश की सेना में हिमाचल के योगदान की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कई मंचों पर तारीफ कर चुके हैं. फिर भी हिमाचल को हिमालयन रेजिमेंट की मांग पर रत्ती भर भी आश्वासन नहीं मिला है. इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हिमाचल से वादा किया था कि यहां के किसानों को स्थानीय उत्पादों को लेकर एमएसपी दिया जाएगा. प्रधानमंत्री का यह वादा भी अधूरा है. हिमाचल के किसान और मक्की, सब्जियां और शहद को एमएसपी के दायरे में लाने की मांग करते रहे हैं. सेब उत्पादक राज्य हिमाचल के बागवान विदेशी सेब पर आयात शुल्क बढ़ाने की मांग करते रहे हैं.
ये भी पढ़ें: Indian coffee house shimla जहां पंडित नेहरू से लेकर नरेंद्र मोदी तक ले चुके हैं कॉफी की चुस्की
हिमाचल को रेल विस्तार का इंतजार: हिमाचल में रेल विस्तार (Rail extension in Himachal) भी उपेक्षा का शिकार है. समय-समय पर हिमाचल के राजनेता कर्ज में डूबे प्रदेश को बेल आउट पैकेज की मांग करते आ रहे हैं. यह भी सच है कि हिमाचल प्रदेश में आने पर नरेंद्र मोदी ने यहां के लिए खास तौर पर कोई बड़ी घोषणा नहीं की. वर्ष 2017 में शिमला से उड़ान योजना शुरू हुई, लेकिन जुब्बड़हट्टी हवाई अड्डे में अभी तक हवाई पट्टी का विस्तार कार्य पूरा नहीं हुआ है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पीएम बनने से पहले और अब अपने आठ साल के कार्यकाल में शिमला, मंडी, बिलासपुर, धर्मशाला, सोलन व लाहौल आ चुके हैं. इस दौरान उन्होंने सिर्फ और सिर्फ हिमाचल के लिए कोई बड़ी घोषणा नहीं की है. जहां तक कर्ज की समस्या को दूर करने के लिए बेल आउट पैकेज (Debt on Himachal Pradesh) की बात है, इसमें तकनीकी पेच भी है. यदि हिमाचल को पैकेज मिलता है तो देश के अन्य राज्य भी इसकी मांग करेंगे, लेकिन नरेंद्र मोदी अपने दूसरे घर के लिए कोई बड़ा पैकेज तो दे ही सकते हैं. बीबीएमबी परियोजनाओं में हिमाचल के हिस्से को दिलाने के लिए भी पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल नहीं किया है.
ये भी पढ़ें: बिना पैसों के देवभूमि की ब्रांडिंग करते हैं PM Modi, दुनिया भर में पहुंचाई हिमाचली टोपी, ऑर्गेनिक शहद और यह चीजें
हाटी समुदाय की मांग पूरी होने की उम्मीद: सीएम जयराम ठाकुर का कहना है कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने हिमाचल के विकास के लिए दिल खोलकर मदद (development of Himachal) की है. हिमाचल को कई हजार करोड़ रुपए की वित्तीय सहायता केंद्रीय योजनाओं के तहत मिली है. हिमाचल भाजपा अध्यक्ष सुरेश कश्यप (Himachal BJP President Suresh Kashyap) ने कहा कि हिमाचल के डबल इंजन सरकार का लाभ मिल रहा है. पीएम मोदी हिमाचल को दूसरे घर की तरह मानते हैं. इसी कारण वे हिमाचल की सहायता का कोई मौका नहीं चूकते. कोरोना के दौरान प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज से हिमाचल को 288 करोड़ रुपए ट्रांसफर किए गए थे. सुरेश कश्यप का कहना है कि हिमाचल में 60 के दशक से चली आ रही हाटी समुदाय की जनजातीय दर्जा वाली मांग भी, मोदी सरकार के दौरान पूरा होने की उम्मीद है. वहीं, 2018 में पांच महीने में केंद्र ने हिमाचल को 4378 करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट मंजूर किए थे.
क्या कहते हैं विशेषज्ञ: वरिष्ठ पत्रकार धनंजय शर्मा के अनुसार हिमाचल की कई मांगें अभी भी अधूरी हैं. हिमाचल को आर्थिक संसाधन जुटाने के लिए केंद्रीय मदद की जरूरत है. इस बार नरेंद्र मोदी शिमला आ रहे हैं, लेकिन कर्ज पर बेल आउट पैकेज या किसी अन्य बड़े तोहफे की खास उम्मीद नहीं है. नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री (Leader of Opposition Mukesh Agnihotri) भी कई दफा कह चुके हैं कि यदि नरेंद्र मोदी हिमाचल को अपना दूसरा घर कहते हैं तो उन्हें बेल आउट पैकेज का ऐलान करना चाहिए.
ये भी पढ़ें: PM Modi Rally in Shimla: पीएम मोदी की रैली से पहले छावनी में तब्दील हुआ शिमला, चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल तैनात