शिमला: शिमला नगर निगम वार्डों का डिलिमिटेशन (Delimitation of wards in Shimla) कर 34 वार्डों से 41 वार्ड बना दिए गए (New wards in shimla) हैं. वार्डों के डिलिमिटेशन पर लोगों से 17 फरवरी तक आपत्तियां दर्ज करने का समय दिया गया था और 206 लोगों ने अपनी आपत्तियां भी दर्ज करवाई हैं. वहीं, शनिवार को लोगों की आपत्तियों को अतिरिक्त उपायुक्त शिमला शिवम प्रताप सिंह ने 16 वार्डों के लोगों की आपत्तियों को सुना. इसमें शहर के 16 वार्डों से आए 27 लोगों ने एडीसी शिवम प्रताम सिंह के समक्ष अपनी आपत्तियां दर्ज करवाई.
कुल 206 लोगों ने अपनी आपत्तियां दर्ज करवाई हैं. ज्यादातर शिकायतें वार्डों की सीमाएं बदलने व एक से दूसरे वार्ड में शिफ्ट होने को लेकर है. एडीसी ने सभी लोगों की आपत्तियाें को सुना. एडीसी ने एसडीएम को निर्देश दिए कि वह वार्डों में जाकर फील्ड इंस्पेक्शन करें. आपत्तियां दर्ज करवाने के बाद बाहर पहुंचे विकासनगर, देवनगर, कैथू, रामबाजार के लोगों ने कहा कि यदि उनकी आपत्तियों पर कार्रवाई नहीं होती, तो वह मंडलायुक्त के पास अपील करेंगे. यदि फिर भी उनकी मांगों को अनदेखा किया जाता है, तो वह कोर्ट जाएंगे.
समरहिल वार्ड से बाहर हो बालूगंज बाजार: समरहिल से आए राजकुमार ने कहा कि समरहिल बाजार में बालूगंज बाजार को शामिल किया गया है. बाजार वार्ड की पहचान होती है. उन्होंने कहा कि बालूगंज बाजार को समरहिल वार्ड से बाहर करना चाहिए. वहीं, विकास नगर के मनोज भारद्वाज ने कहा कि विकासनगर वार्ड का पुनर्सीमांकन गलत हुआ है. इसे दोबारा से करें ताकि पूरे वार्ड के लोगों को सुविधाएं मिले. उन्होंने कहा कि एक ही वार्ड में सारी सुविधाएं रह गई हैं.
लोअर विकास नगर में कोई भी सरकारी भूमि नहीं है, जिस पर विकास कार्य करवाए जा सकें. उन्होंने कहा कि देव नगर को अलग से वार्ड बनाया जाए और यदि उनकी सुनवाई नहीं होती है, तो इस डिलिमिटेशन के खिलाफ वह कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे. इसके अलावा राम बाजार वार्ड पर भी लोगों ने आपत्तियां दर्ज कर्रवाई और इस वार्ड को पहले जैसा ही रखने की मांग की. लोगों का कहना है कि पहले ही ये वार्ड काफी छोटा था और अब और छोटा हो गया है. ऐसे में इस वार्ड का जो पहले स्वरूप था, वहीं रखा जाए.
वार्डों का पुनर्सीमांकन पूरी तरह गलत: नगर निगम के पाषर्द व पूर्व डिप्टी मेयर राकेश शर्मा ने कहा कि वार्डों का पुनर्सीमांकन में कई गलतियां हुई है. उनके वार्ड के कई क्षेत्र दो वार्डों में बंट गए हैं. इसे दुरूस्त करने की जरूरत है. उन्होंने वार्ड के राजस्व दस्तावेज दिखाकर इसे दुरूस्त करने की मांग उठाई. पंथाघाटी से आए राकेश महाजन ने वार्ड के पुनर्सीमांकन से लेकर पोलिंग स्टेशनों का मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि मेरे बेटे का वोट कसुम्पटी में होगा, जबकि मैं पंथाघाटी वार्ड में हूं. उन्होंने कहा कि इसमें बदलाव होना चाहिए.
वहीं, अतिरिक्त उपायुक्त शिमला शिवम प्रताप सिंह (ADC Shimla Shivam Pratap Singh) ने बताया कि हिमाचल प्रदेश नगर निगम (निर्वाचन) नियम 2012 के नियम 3(7) के अनुसार नगर निगम शिमला में वार्डों के पुनर्सीमांकन के लिए प्राप्त 206 दावे एवं आपत्तियों की सुनवाई के दौरान 27 लोग उपस्थित रहे. सुनवाई के दौरान उपस्थित सभी लोगों के सुझाव एवं आपत्तियों को दर्ज कर लिया गया है. उन्होंने बताया कि वार्डों के पुनर्सीमांकन के लिए राज्य निर्वाचन आयोग से प्राप्त दिशा-निर्देशानुसार कार्रवाई अमल में लाई गई है.
यदि फिर भी पुनर्सीमांकन में त्रुटि, सुझाव एवं आपत्तियां सही पाई जाती हैं, तो निश्चित तौर पर उसमें परिवर्तन किया जाएगा. उन्होंने बताया कि 24 फरवरी, 2022 तक सभी आपत्तियों एवं सुझाव का निपटारा कर प्रस्ताव को साझा किया जाएगा. यदि फिर भी कोई व्यक्ति उस प्रस्ताव से संतुष्ट न हो, तो वह आगामी 3 मार्च, 2022 तक मंडलायुक्त के पास अपील दर्ज कर सकते हैं.