किन्नौर: चीन सीमावर्ती किन्नौर जिले के युवाओं के लिए प्रदेश सरकार द्वारा आरंभ की गई मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना वरदान सिद्ध हो रही (MUKHYAMANTRI SWAVALAMBAN YOJANA IN KINNAUR) है. योजना से जहां सीमावर्ती जिले के युवाओं को स्वरोजगार प्राप्त करने में सहायता मिल रही है, वहीं दूसरी ओर अन्य को रोजगार देने में भी ये युवा समर्थ हो रहे हैं. जिले में योजना के तहत 169 इकाइयां स्वीकृत की गई हैं, जिनमें 24 महिला उद्यमि भी शामिल हैं. औद्योगिक इकाइयों को स्थापित करने के लिए विभाग द्वारा बैंकों के माध्यम से 13 करोड़ 64 लाख रुपये के ऋण प्रदान किए गए हैं और लगभग 3 करोड़ 51 लाख रुपये का अनुदान प्रदान किया गया है.
जिले के दूर-दराज गांव नाको की छैरिंग छूडुन के लिए मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना कोविड काल के दौरान वरदान बनकर सामने आई. छैरिंग छूडुन गृहणी के रूप में कार्य करती थी और इनके पति का पर्यटन का व्यवसाय (TRADERS GET BENEFIT IN KINNAUR) था. कोविड के कारण पर्यटन गतिविधियां पूरी तरह से प्रभावित हुई जिससे इस परिवार को भी आर्थिक तंगी से जूझना पड़ा. ऐसे में जब इन्हें मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना की जानकारी हासिल हुई तो इन्होंने तुरंत ही जिला उद्योग केंद्र से संपर्क साधा और रिकांगपिओ में एक मिनी माॅल खोलने का निर्णय लिया.
छैरिंग छूडुन का कहना है कि योजना के तहत विभिन्न औपचारिकताओं को पूर्ण करने के उपरांत एक माह से पूर्व ही इनका 10 लाख रुपये का ऋण स्वीकृत किया गया, जिसमें इन्हें 30 प्रतिशत का उपदान भी प्राप्त हुआ जिससे आज जहां इनकी आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ, वहीं आज वे स्वयं माॅल में कार्य करती है. इन्होंने एक व्यक्ति को भी रोजगार प्रदान किया है. उनका मानना है कि यह योजना उनके लिए एक प्रकार से वरदान साबित हुई है जिसके लिए उन्होंने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का आभार जताया है.
रिकांगपिओ के ही हरमिंदर सिंह के लिए भी मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना एक नयी रोशनी के रूप में (MUKHYAMANTRI SWAVALAMBAN YOJANA IN HIMACHAL) आई. हरमिंदर की 2 पीढ़ियां पिछले 70 वर्ष से रिकांगपिओ में व्यवसाय का कार्य कर रहे थे. इन्हें भी कोविड काल के दौरान कई परेशानियों का सामना करना पड़ा. 42 वर्षीय हरमिंदर सिंह का कहना है कि उनका जन्म यहीं किन्नौर में हुआ और आज वे यहां की संस्कृति में पूरी तरह से रस-बस गए हैं.
कोविड काल के दौरान उन्हें अनेक कठिनाईयों का सामना करना (PEOPLE BENEFITED FROM MUKHYAMANTRI SWAVALAMBAN YOJANA) पड़ा. ऐसे में इन्हें प्रदेश सरकार द्वारा आरंभ की गई महत्वकांक्षी मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना की जानकारी हासिल हुई और उन्होंने रेडीमेड गारमेंट का शोरूम खोलने का निर्णय लिया जिसके लिए उन्हें विभाग द्वारा 10 लाख रुपये का ऋण प्रदान किया गया. जिस पर उन्हें 25 प्रतिशत का अनुदान विभाग द्वारा दिया गया.
हरमिंदर का कहना है कि आज वे जहां स्वयं रेडिमेड कपड़ों का व्यवसाय कर रहे हैं. वहीं, वे 3 व्यक्तियों को रोजगार भी प्रदान कर रहे हैं. उनका मानना है कि यह योजना युवाओं को स्वावलंबी बनाने में सहायक है.
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