शिमला: प्रदेश सरकार ने कोरोना महामारी के चलते लगाए गए लॉकडाउन के दौरान लाभार्थियों को पेंशन उपलब्ध करवाने के लिए डाक विभाग का प्रयोग किया. सरकार ने लोगों को उनके घर द्वार पेंशन उपलब्ध करवाई, जिससे संकट की घड़ी में लोगों को दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ा.
लॉकडाउन के दौरान शिमला में करीब 4,408 नए पात्र लोगों को सामाजिक सुरक्षा पेंशन प्रदान की गई. इस दौरान 70 साल से अधिक आयु वर्ग के 1018 बुजुर्गों को ये पेंशन कोरोना संकट काल में नई आशा की किरण लेकर आई है. इसके अलावा 60 साल के आयु वर्ग में 3 हजार 524, विधवा पेंशन में 556, दिव्यांगजनों में 327 और कुष्ठ रोगी पुर्नवास भत्ते के तहत एक व्यक्ति को पहली बार इस तिमाही के दौरान पेंशन दी गई है.
जिला में लक्षित 62 हजार 755 विभिन्न पेंशन धारकों में से 6 हजार 146 पेंशन धारकों को 22 करोड़ 76 लाख 52 हजार रुपये तिमाही पेंशन के रूप में वितरित किए गए हैं. इसके अलावा 60 हजार 749 व्यक्तियों को 22 करोड़ 51 लाख 59 हजार की राशि डाक सेवा के माध्यम से दी गई है, जबकि 24 लाख 93 हजार 150 रुपये की राशि पात्र पेंशन धारकों को तिमाही के दौरान दी गई है.
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना के तहत 1 हजार 506 व्यक्तियों को 5 करोड़ 89 लाख 34 हजार 850 रुपये दिए गए हैं. वहीं, प्रदेश सरकार की वृद्धावस्था पेंशन योजना के तहत जिला में लाभार्थियों को 27 हजार 997 लोगों को 10 करोड़ 76 लाख19 हजार 900 रुपये की राशि दी गई है.
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय विधवा पेंशन योजना के तहत 3004 पात्र व्यक्तियों को 1 करोड़ 24 लाख 7 हजार 700 रुपये दिए गए हैं, जबकि विधवा पेंशन योजना के तहत 9 हजार 222 पात्र महिलाओं को 2 करोड़ 92 लाख 45 हजार 200 रुपये और इंदिरा गांधी राष्ट्रीय अपंग पेंशन योजना के तहत 37 व्यक्तियों को 1 लाख 66 हजार 500 रुपये दिए गए हैं.
वहीं, अपंग राहत भत्ता के तहत 5 हजार 958 लोगों को 2 करोड़ 8 लाख 2 हजार 300 रुपये और कुष्ठ रोगी पुर्नवास भत्ते के तहत जिला में 180 रोगियों को 6 लाख 36 हजार 450 रुपये की राशि वितरित की गई है.
उल्लेखनीय है कि अप्रैल में आए सभी आवेदनों में पात्र लोगों को पेंशन सुविधा प्रदान की गई है और ये लक्ष्य शत-प्रतिशत पूर्ण कर लिया गया है. वहीं, अगर किसी व्यक्ति को इस संबंध में कोई सूचना या शिकायत करनी है तो वो तहसील कल्याण अधिकारी से संपर्क कर सकता है.
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