शिमला: राजधानी शिमला के एक निजी स्कूल पर फीस न जमा करने पर छात्रों को मानसिक रूप से परेशान करने का आरोप लगा है. सोमवार को अभिभावक उपायुक्त आदित्य नेगी के पहुंचे थे. उनका आरोप है कि लॉक डाउन के दौरान फीस जमा नहीं करने पर स्कूल 9 छात्रों की न तो हजारी लगा रहा है और ना ही उनका होमवर्क चेक कर रहा है. साथ ही ऑनलाइन ग्रुप से भी छात्रों को बाहर कर दिया गया है. अभिभावकों ने डीसी को ज्ञापन सौंपकर स्कूल पर कार्रवाई की मांग की है.
अभिभावकों का कहना है कि शिक्षा विभाग और सरकार की ओर से लॉक डाउन के दौरान ऑनलाइन कक्षाओं के दौरान पूरी फीस नहीं लेने के निर्देश थे. केवल टयूशन फीस ही ली जा सकती थी, लेकिन स्कूल ने लॉकडाउन के दौरान पूरी फीस अभिभावकों से वसूली है और जो अभिभावक फीस नहीं दे रहे हैं उनके बच्चों की न तो क्लास में हाजिरी लगाई जा रही है और न ही उनका होमवर्क चेक किया जा रहा है और छात्रों को मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है.
अभिभावक वीरेंद्र ने कहा कि दयानंद पब्लिक स्कूल द्वारा मनमर्जी से फीस बढ़ाई (increase fees in Dayanand School) जा रही है, जबकि शिक्षा विभाग द्वारा अधिसूचना जारी की गई है कि बिना जनरल हाउस बुलाए कोई भी स्कूल फीस नहीं बढ़ा सकता, लेकिन दयानंद स्कूल ने बिना जनरल हाउस बुलाए फीस में भारी भरकम वृद्धि कर दी है. इसके अलावा स्कूल द्वारा लॉकडाउन के दौरान भी पूरी फीस जमा करवाने को लेकर दवाब बनाया जा गया.
वहीं, अभिभावक अंजना ने कहा कि छात्रों को स्कूल में फीस को लेकर मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है. शिक्षा मंत्री ने लॉकडाउन के दौरान केवल ट्यूशन फीस लेने के निर्देश दिए थे, लेकिन स्कूल मनमानी कर रहे हैं और छात्रों को हर रोज फीस जमा करवाने का दवाब बनाया जा रहा है. यहां तक होम वर्क भी चेक नहीं किया जा रहा है. ऐसे में उन्होंने जिला प्रशासन से मांग की है कि जल्द से जल्द स्कूल पर कार्रवाई की जाए.
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