शिमला: बाहरी राज्यों में कोविड 19 के कारण कॉलेजों की परीक्षाएं न करवा कर छात्रों को प्रमोट करने का फैसला लिया गया है. ऐसे में प्रदेश में भी छात्रों की परीक्षाएं न करवा कर उन्हें प्रमोट करने की मांग उठाई जा रही है. दरअसल सेव फ्यूचर प्रमोट स्टूडेंट्स की मांग को लेकर एनएसयूआई ने उपायुक्त कार्यालय के बाहर शुक्रवार को धरना प्रदर्शन किया और बिना परीक्षाएं लिए छात्रों को अगली कक्षाओं में प्रमोट करने की मांग की.
एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं ने कहा कि कोरोना महामारी के कारण लंबे अरसे से स्कूल और कॉलेज बंद पड़े हुए हैं, जिससे छात्रों की परीक्षाएं भी नहीं हो पा रही हैं और उनका भविष्य अधर में लटक गया है. ऐसे में सरकार को चाहिए कि वो अन्य राज्यों की तरह प्रदेश में भी छात्रों को अगली कक्षाओं में प्रमोट करें, ताकि उनका भविष्य सुरक्षित हो सके.
एनएसयूआई के कार्यकर्ता शुभम वर्मा ने बताया कि कोरोना महामारी के दौर में अगर प्रदेश सरकार परीक्षाएं करवाती है, तो छात्रों को कोरोना संक्रमण का खतरा हो सकता है, क्योंकि अगर परीक्षा केंद्र में कोई छात्र कोरोना पॉजिटिव पाया जाता है तो वो अन्य छात्रों को भी संक्रमित कर सकता है. ऐसे में छात्रों को अगली कक्षा में सीधा प्रमोट करें और फाइनल ईयर के छात्र को 10 फीसदी अतिरिक्त अंक देकर पास किया जाए.
इसके अलावा एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं ने एचपीयू की ओर से फीस पर 18 फीसदी लगाई गई जीएसटी का विरोध करते हुए इस फैसले को वापस लेने की मांग की है. कार्यकर्ताओं ने सरकार को चेताया है कि अगर सरकार ने उनकी मांगें नहीं मानी तो वो प्रदेश भर में आंदोलन करेंगे.
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