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NSUI ने सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा, छात्र संघ चुनाव बहाल करने की मांग

छात्र संघ चुनाव को बहाल किए जाने की मांग को लेकर एनएसयूआई ने राज्य सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. एनएसयूआई एचपीयू कैंपस अध्यक्ष वीनू मेहता ने कहा कि दस दिनों के अंदर उनकी मांगों को पूरा नहीं किया गया तो सरकार के खिलाफ आंदोलन तेज किया जाएगा.

एनएसयूआई का हल्ला बोल
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Published : Sep 5, 2019, 5:40 AM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय सहित प्रदेश के कॉलेजों में छात्र संघ चुनाव की बहाली की मांग लेकर एनएसयूआई ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. एनएसयूआई छात्र संघ चुनाव की बहाली की मांग को लेकर अनशन शुरू कर दिया है.

एनएसयूआई एचपीयू कैंपस अध्यक्ष वीनू मेहता ने कहा कि जब भाजपा को सत्ता में आना था तो उस समय उन्होंने छात्रों से यह वादा किया था कि छात्र संघ चुनाव पर लगे प्रतिबंध को हटा दिया जाएगा. अब जब बीजेपी सत्ता में आ गई है तो अपने इस वादे को भी भूल गई है. जो छात्रों के साथ सरासर अन्याय है.

उन्होंने कहा कि छात्र संघ चुनाव पर लगे प्रतिबंध को ना हटाने के साथ ही रुसा के नाम पर एचपीयू छात्रों से 600 रुपये वसूल रहा है. एचपीयू कैंपस में साफ सफाई का कोई प्रावधान नहीं है. शिक्षा का व्यापारीकरण किया जा रहा है. उन सभी के विरोध में एनएसयूआई ने अपना यह आंदोलन शुरू किया है.

एनएसयूआई का हल्ला बोल

वीनू मेहता ने कहा कि एनएसयूआई दस दिन का समय सरकार और एचपीयू प्रशासन को उनकी मांगों को पूरा करने के लिए देती है. अगर इन दस दिनों के अंदर उनकी मांगों को पूरा नहीं किया गया तो एनएसयूआई उग्र आंदोलन करेगी.

शिमला: हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय सहित प्रदेश के कॉलेजों में छात्र संघ चुनाव की बहाली की मांग लेकर एनएसयूआई ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. एनएसयूआई छात्र संघ चुनाव की बहाली की मांग को लेकर अनशन शुरू कर दिया है.

एनएसयूआई एचपीयू कैंपस अध्यक्ष वीनू मेहता ने कहा कि जब भाजपा को सत्ता में आना था तो उस समय उन्होंने छात्रों से यह वादा किया था कि छात्र संघ चुनाव पर लगे प्रतिबंध को हटा दिया जाएगा. अब जब बीजेपी सत्ता में आ गई है तो अपने इस वादे को भी भूल गई है. जो छात्रों के साथ सरासर अन्याय है.

उन्होंने कहा कि छात्र संघ चुनाव पर लगे प्रतिबंध को ना हटाने के साथ ही रुसा के नाम पर एचपीयू छात्रों से 600 रुपये वसूल रहा है. एचपीयू कैंपस में साफ सफाई का कोई प्रावधान नहीं है. शिक्षा का व्यापारीकरण किया जा रहा है. उन सभी के विरोध में एनएसयूआई ने अपना यह आंदोलन शुरू किया है.

एनएसयूआई का हल्ला बोल

वीनू मेहता ने कहा कि एनएसयूआई दस दिन का समय सरकार और एचपीयू प्रशासन को उनकी मांगों को पूरा करने के लिए देती है. अगर इन दस दिनों के अंदर उनकी मांगों को पूरा नहीं किया गया तो एनएसयूआई उग्र आंदोलन करेगी.

Intro:हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय सहित प्रदेश के कॉलेजों में छात्र संघ चुनावों की बहाली ना किए जाने के विरोध में छात्र संगठन एनएसयूआई ने आंदोलन का बिगुल फूंक दिया है। एनएसयूआई ने एचपीयू के कैंपस के साथ ही कॉलेजों में छात्र संघ चुनावों की बहाली को लेकर अनशन शुरू कर दिया है। एनएसयूआई का यह अनशन तीन दिनों तक चलेगा ओर अगर मांगे नहीं मानी जाती है तो एनएसयूआई आमरण अनशन पर बैठेगी जिसकी जिम्मेवारी प्रदेश सरकार की होगी। इस दौरान छात्रों ने कैंपस में धरना प्रदर्शन भी किया।
Body:एनएसयूआई एचपीयू कैंपस अध्यक्ष वीनू मेहता ने कहा कि जब भाजपा की सरकार को सत्ता में आना था तो उस समय उन्होंने छात्रों से यह वादा किया था कि छात्र संघ चुनावों पर लगे प्रतिबंध को हटा दिया जाएगा। अब जब सरकार सत्ता में आ गई है तो अपने इस वादे को भी भूल गई जो कि छात्रों के साथ सरासर अन्याय है। इस वर्ष भी प्रदेश विश्वविद्यालय सहित प्रदेश के कॉलेजों में एससीए का गठन मेरिट के आधार पर ही किया जाएगा।
Conclusion:उन्होंने कहा कि छात्र संघ चुनावों पर लगे प्रतिबंध को ना हटाने के साथ ही रूसा के नाम पर एचपीयू छात्रों से 600 रुपए वसूल रहा है। एचपीयू कैंपस में साफ सफाई का कोई प्रावधान नहीं है। इसी के साथ जो नेशनल एडुक्शन पॉलिसी लाई जा रही है जिसके तहत शिक्षा का व्यापारीकरण किया जा रहा है उन सभी के विरोध में एनएसयूआई ने अपना यह आंदोलन शुरू किया है। वीनू मेहता ने कहा कि एनएसयूआई दस दिन का समय सरकार और एचपीयू प्रशासन को उनकी मांगे पूरा करने के लिए देती है। अगर इन दस दिनों के भीतर मांगे नहीं मानी जाती है तो एनएसयूआई अपने आंदोलन को तेज करते हुए आमरण अनशन करने से भी पीछे नहीं हटेगी ओर इसकी पूरी जिम्मेवारी प्रदेश सरकार की होगी।
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