शिमलाः आईजीएमसी अस्पताल में अब तीमारदारों को ठहरने में दिक्कतें नहीं आएगी. नोफल संस्था ने आईजीएमसी में गुरुनानक के घर का निर्माण किया है. संस्था के अध्यक्ष गुरमीत सिंह ने बताया कि आईजीएमसी में वे जगह के लिये काफी समय से जदोजहद कर रहे थे, लेकिन अब जगह मिल गई है.
उस जगह का इस्तेमाल 'माल होम अवे फ्रॉम होम' यानी कई बार जब दूर से लोग आईजीएमसी अस्पताल अपने मरीज को दिखाने आते हैं, तब उन्हें यहां ठहरने में काफी दिक्कतें आती है. ऐसे लोगों के लिए नोफल संस्था ने आईजीएमसी में गुरुनानक के घर में ठहरने की व्यवस्था की है.
जरुरतमंद लोगों के लिए सुविधा
इसमें आकर कोई भी जरुरतमंद व्यक्ति यहां आकर रह सकता हैं. इसमें घर की तरह सुविधाएं होंगी. अभी इसमें 30 बेड लगे हैं, लेकिन कुछ समय बाद इसे ओर बढ़ाया जाएगा. उन्होंने बताया कि वहां पर एक डाइटीशियन रखेंगे जो जिस तरह का खाने के डॉ. सलाह देंगे उसी तरह का खाना मरीजों को उपलब्ध करवाएंगे.
हर वार्ड में लागाएं जाएंगे स्ट्रेचर
गुरमीत ने बताया कि आने वाले समय वह राजधानी शिमला में हर वार्ड में दस स्ट्रेचर लागाएं जाएंगे, ताकि कभी भी आपदा आती हैं तो उनके पास 20 वोलेंटियर और 10 स्ट्रेचर तो उस जगह पर उपलब्ध हो, ताकि आपदा से निपटा जा सके.
लोगों से की ये अपील
उन्होंने बताया कि आने वाले समय में फ्री एम्बुलेंस सेवा शुरू करेंगे. जोकि शिमला में ही नहीं प्रदेश भर में चलाई जाएगी. उन्होंने शिमला की जनता से अपील की फ्री समय में वह गुरुनानक के घर में सेवा करने का सहयोग करें.
डीडीयू और पीजीआई में लंगर लगाती है संस्था
सामाजिक संस्था के साथ हजारों लोग जुड़े हुए हैं जो अपनी कमाई का दसवां हिस्सा देते हैं, जिससे गरीब लोगों और जरूरत मंदों की सहायता की जाती है. उन्होंने बताया कि कोरोना काल के दौरान संस्था ने जरूरत मंदों की सेवा के लिए लंगर और राशन वितरित किया है, जिसमें रिज पर घोड़ों से अपनी रोजी रोटी कमाने वालों की सहायता की है.