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बजट में वाइब्रेंट विलेज योजना का ऐलान, हिमाचल में चीन से लगती सीमा के गांवों तक पहुंचेगा विकास

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Union Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने आम बजट पेश (Union Budget 2022) किया है, उसमें वाइब्रेंट विलेज योजना की घोषणा की है. इस योजना के तहत केंद्र सरकार ने उत्तर भारत में अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर से लगे हुए क्षेत्रों के विकास पर फोकस किया है. सीएम जयराम ठाकुर ने इस योजना के प्रस्ताव का स्वागत किया है.

NEW VIBRANT VILLAGE SCHEME
वाइब्रेंट विलेज योजना
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Published : Feb 1, 2022, 6:21 PM IST

Updated : Feb 1, 2022, 7:52 PM IST

शिमला: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार एक फरवरी को आम बजट (Union Budget 2022) पेश किया. इस बार बजट में केंद्र सरकार ने उत्तर भारत में अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर से लगे हुए क्षेत्रों के विकास पर फोकस किया है. सीमांत गांवों के विकास को लेकर केंद्र सरकार नई वाइब्रेंट विलेज योजना (new vibrant village scheme) शुरू करने जा रही है. इस योजना का मकसद पाकिस्तान और चीन से लगते गांवों का विकास करना है. इस योजना का फायदा हिमाचल प्रदेश को भी मिलेगा.

चीन से लगती है हिमाचल के दो जिलों की सीमा- हिमाचल प्रदेश के लाहौल स्पीति और किन्नौर जिले की सीमा चीन के साथ लगती है. हिमाचल प्रदेश का ये लगभग 250 किलोमीटर का इलाका चीन से लगता है. बॉर्डर के नजदीक करीब 50 से 60 गांव हैं. और इस वाइब्रेंट विलेज योजना के जरिये इन गांवों का ही विकास करना है.

पीएम नरेंद्र मोदी.

सीमावर्ती गांवों में मूलभूत सुविधाएं बढ़ेंगी- वाइब्रेंट विलेज योजना के तहत सीमावर्ती गांवों में (LAST VILLAGE OF HIMACHAL) बुनियादी सुविधाओं के साथ आवास, सड़क, बिजली, स्वास्थ्य और शिक्षा जैसी मूलभूत सुविधाओं को विकसित किया जाएगा. हिमाचल जैसे पहाड़ी राज्य और इसके दूर-दराज के दुर्गम इलाकों में कठिन भौगोलिक परिस्थितियों के बीच मूलभूत सुविधाएं पहुंचने से कई फायदे होंगे.

दुर्गम इलाकों तक पहुंच- पहाड़ी राज्य होने के कारण प्रदेश की भौगोलिक संरचना सबसे बड़ी मुसीबत बनती है. खासकर दूर-दराज के इलाकों के दुर्गम क्षेत्रों तक पहुंच लगभग नामुमकिन हो जाती है. कनेक्टिविटी की कमी हमेशा खलती है, जिसे ये योजना दूर कर सकती है. किन्नौर के नेसंग, कुनोचारंग, छितकुल, रकछम, नमग्या, पूह, टशीगंग, खाब, डूबलिंग नाको, मलिंग, यंगथंग गांव चीन बॉर्डर के सबसे करीब हैं. जहां तक इस योजना से कनेक्टिविटी आसान हो सकेगी.

ये भी पढ़ें: आम बजट 2022: पर्वतमाला योजना से मजबूत होगा हिमाचल का मॉडर्न ट्रांसपोर्टेशन सिस्टम

कनेक्टिविटी बढ़ाना है मकसद- इस योजना का मकसद दूर-दराज के इन गांवों तक कनेक्टिविटी बढ़ाना है, फिर चाहे दूरसंचार सेवाएं हों या फिर सड़क परिवहन जैसी मूलभूत सुविधाएं. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण सीतारमण (Union Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने कहा कि सीमावर्ती गांव जहां की जनसंख्‍या बहुत कम है, वहां पर बुनियादी सुविधाएं और कनेक्टिविटी बहुत ही कम है, ये गांव या क्षेत्र विकास के लाभ से वंचित रह गए हैं. उत्तरी सीमा के ऐसे ही गांवों को इस नए वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम के अंतर्गत लाया जाएगा.

सीमा तक सेना की पहुंच- जानकार मानते हैं कि ये वाइब्रेंट विलेज भी केंद्र सरकार की उस योजना का हिस्सा है, जिसके जरिये बॉर्डर तक सेना की पहुंच को आसान बनाया जाए. बॉर्डर तक के आखिरी गांव तक सड़क, दूरसंचार जैसी मूलभूत सुविधाएं होने से पाकिस्तान और चीन जैसे देशों को कभी भी मुंहतोड़ जवाब दिया जा सकेगा. दुर्गम इलाकों तक पहुंच आसान होने का फायदा मिलेगा.

ये भी पढ़ें: Union Budget 2022: निर्मला सीतारमण के बजट से हिमाचल को क्या-क्या मिला?

पर्यटन, रोजगार और विकास- उत्तराखंड से लेकर हिमाचल जैसे राज्यों की सीमाएं चीन से लगती है. कई पर्यटन स्थल ऐसे हैं जो दूर-दराज के दुर्गम स्थानों पर हैं, लेकिन मूलभूत सुविधाओं की कमी के कारण पहुंच से दूर हैं. वाइब्रेंट विलेज जैसी योजना से पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा और सड़क सुविधा होने से स्वास्थ्य, शिक्षा जैसे कई क्षेत्रों का विकास होगा. इस योजना से रोजगार को भी बढ़ावा मिलेगा.

सीएम जयराम ने योजना का किया स्वागत- वहीं, हिमाचल प्रदेश के सीएम जयराम ठाकुर ने आम बजट 2022 की सराहना की है. उन्होंने केंद्र की नई वाइब्रेंज विलेज योजना के आरंभ करने के प्रस्ताव का स्वागत किया है. उन्होंने कहा कि इससे प्रदेश के सीमावर्ती इलाकों का विकास सुनिश्ति होगा. इस योजना की मदद से चीन से सटे गांव तक पहुंच आसान हो जाएगी.

ये भी पढ़ें: Union Budget 2022: बजट में 3T का नहीं रखा गया ख्याल, हिमाचल को मिलना चाहिए था रेल विस्तार

शिमला: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार एक फरवरी को आम बजट (Union Budget 2022) पेश किया. इस बार बजट में केंद्र सरकार ने उत्तर भारत में अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर से लगे हुए क्षेत्रों के विकास पर फोकस किया है. सीमांत गांवों के विकास को लेकर केंद्र सरकार नई वाइब्रेंट विलेज योजना (new vibrant village scheme) शुरू करने जा रही है. इस योजना का मकसद पाकिस्तान और चीन से लगते गांवों का विकास करना है. इस योजना का फायदा हिमाचल प्रदेश को भी मिलेगा.

चीन से लगती है हिमाचल के दो जिलों की सीमा- हिमाचल प्रदेश के लाहौल स्पीति और किन्नौर जिले की सीमा चीन के साथ लगती है. हिमाचल प्रदेश का ये लगभग 250 किलोमीटर का इलाका चीन से लगता है. बॉर्डर के नजदीक करीब 50 से 60 गांव हैं. और इस वाइब्रेंट विलेज योजना के जरिये इन गांवों का ही विकास करना है.

पीएम नरेंद्र मोदी.

सीमावर्ती गांवों में मूलभूत सुविधाएं बढ़ेंगी- वाइब्रेंट विलेज योजना के तहत सीमावर्ती गांवों में (LAST VILLAGE OF HIMACHAL) बुनियादी सुविधाओं के साथ आवास, सड़क, बिजली, स्वास्थ्य और शिक्षा जैसी मूलभूत सुविधाओं को विकसित किया जाएगा. हिमाचल जैसे पहाड़ी राज्य और इसके दूर-दराज के दुर्गम इलाकों में कठिन भौगोलिक परिस्थितियों के बीच मूलभूत सुविधाएं पहुंचने से कई फायदे होंगे.

दुर्गम इलाकों तक पहुंच- पहाड़ी राज्य होने के कारण प्रदेश की भौगोलिक संरचना सबसे बड़ी मुसीबत बनती है. खासकर दूर-दराज के इलाकों के दुर्गम क्षेत्रों तक पहुंच लगभग नामुमकिन हो जाती है. कनेक्टिविटी की कमी हमेशा खलती है, जिसे ये योजना दूर कर सकती है. किन्नौर के नेसंग, कुनोचारंग, छितकुल, रकछम, नमग्या, पूह, टशीगंग, खाब, डूबलिंग नाको, मलिंग, यंगथंग गांव चीन बॉर्डर के सबसे करीब हैं. जहां तक इस योजना से कनेक्टिविटी आसान हो सकेगी.

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कनेक्टिविटी बढ़ाना है मकसद- इस योजना का मकसद दूर-दराज के इन गांवों तक कनेक्टिविटी बढ़ाना है, फिर चाहे दूरसंचार सेवाएं हों या फिर सड़क परिवहन जैसी मूलभूत सुविधाएं. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण सीतारमण (Union Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने कहा कि सीमावर्ती गांव जहां की जनसंख्‍या बहुत कम है, वहां पर बुनियादी सुविधाएं और कनेक्टिविटी बहुत ही कम है, ये गांव या क्षेत्र विकास के लाभ से वंचित रह गए हैं. उत्तरी सीमा के ऐसे ही गांवों को इस नए वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम के अंतर्गत लाया जाएगा.

सीमा तक सेना की पहुंच- जानकार मानते हैं कि ये वाइब्रेंट विलेज भी केंद्र सरकार की उस योजना का हिस्सा है, जिसके जरिये बॉर्डर तक सेना की पहुंच को आसान बनाया जाए. बॉर्डर तक के आखिरी गांव तक सड़क, दूरसंचार जैसी मूलभूत सुविधाएं होने से पाकिस्तान और चीन जैसे देशों को कभी भी मुंहतोड़ जवाब दिया जा सकेगा. दुर्गम इलाकों तक पहुंच आसान होने का फायदा मिलेगा.

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पर्यटन, रोजगार और विकास- उत्तराखंड से लेकर हिमाचल जैसे राज्यों की सीमाएं चीन से लगती है. कई पर्यटन स्थल ऐसे हैं जो दूर-दराज के दुर्गम स्थानों पर हैं, लेकिन मूलभूत सुविधाओं की कमी के कारण पहुंच से दूर हैं. वाइब्रेंट विलेज जैसी योजना से पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा और सड़क सुविधा होने से स्वास्थ्य, शिक्षा जैसे कई क्षेत्रों का विकास होगा. इस योजना से रोजगार को भी बढ़ावा मिलेगा.

सीएम जयराम ने योजना का किया स्वागत- वहीं, हिमाचल प्रदेश के सीएम जयराम ठाकुर ने आम बजट 2022 की सराहना की है. उन्होंने केंद्र की नई वाइब्रेंज विलेज योजना के आरंभ करने के प्रस्ताव का स्वागत किया है. उन्होंने कहा कि इससे प्रदेश के सीमावर्ती इलाकों का विकास सुनिश्ति होगा. इस योजना की मदद से चीन से सटे गांव तक पहुंच आसान हो जाएगी.

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Last Updated : Feb 1, 2022, 7:52 PM IST
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