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कोरोना काल में आईजीएमसी में बढ़े न्यूरो सर्जरी के मामले, 1 साल में करीब एक हजार सफल ऑपरेशन

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Published : Sep 8, 2021, 6:28 PM IST

कोरोना काल में आईजीएमसी में न्यूरो सर्जरी के मामलों में बढ़ोतरी दर्ज की गई है. आईजीएमसी के एमएस एवं न्यूरो  सर्जन डॉक्टर जनक राज (MS and Neurosurgeon of IGMC Dr. Janak Raj ) से बात की गई तो उन्होंने बताया कि मार्च 2020 से लेकर मार्च 2021 तक 492 बड़े ऑपरेशन हुए हैं, जबकि  मार्च 2020 से मार्च 2021 तक 420 माइनर ऑपरेशन हुए हैं.

Neuro surgery cases increased in IGMC
आईजीएमसी में बढ़े न्यूरो सर्जरी के मामले.

शिमला: कोरोना काल के दौरान जहां प्रदेश भर में कोविड-19 बनने के कारण मरीजों को इलाज के लिए आईजीएमसी आना पड़ा. वहीं, न्यूरो विभाग में भी मरीजों की संख्या पिछले साल के मुकाबले इस साल ज्यादा रही है. इसका मुख्य कारण यह है कि कोरोना काल में पीजीआई में भी मरीज नहीं देख रहे थे. वहीं, हिमाचल से बाहर जाने में भी परेशानी थी. टांडा मेडिकल कॉलेज कोविड-19 के बाद आईजीएमसी में न्यूरो के मरीज आने लगे.

आंकड़ों के अनुसार 1 साल में 1000 लोगों ने न्यूरो सर्जरी करवाई है. इन सभी मरीजों का आईजीएमसी में डॉक्टर जनक राज न्यूरो सर्जन के नेतृत्व में सफल ऑपरेशन हुए हैं. कोरोना काल में आईजीएमसी में न्यूरो की न केवल साधारण ऑपरेशन हुए बल्कि जटिल ऑपरेशन भी किए गए हैं. जनक राज ने कहा कि आईजीएमसी में कई ऑपरेशन देर रात भी हुए हैं, जब मरीज देर शाम अस्पताल पहुंचा. ऐसे में न्यूरो सर्जन ने मामले की गंभीरता को देखते हुए रात 9:00 बजे भी ऑपरेशन शुरू किया, जोकि रात 12:00 बजे तक चला. बता दें कि यह ऑपरेशन आईजीएमसी के एमएस एवं न्यूरो सर्जन डॉक्टर जनक राज ने किए हैं.

वीडियो.

इस संबंध में जब आईजीएमसी के एमएस एवं न्यूरो सर्जन डॉक्टर जनक राज (MS and Neurosurgeon of IGMC Dr. Janak Raj ) से बात की गई तो उन्होंने बताया कि मार्च 2020 से लेकर मार्च 2021 तक 492 बड़े ऑपरेशन हुए हैं, जबकि मार्च 2020 से मार्च 2021 तक 420 माइनर ऑपरेशन हुए हैं. उन्होंने कहा कि अब तक 1000 के लगभग न्यूरो सर्जरी हो चुकी है. डॉक्टर जनक ने बताया कि कोविड-19 के दौरान हिमाचल में जहां पर न्यूरो सर्जरी थी. वहां पर कोविड-19 सेंटर बना दिया गया, जिसके कारण मरीजों को आईजीएमसी ही आना पड़ा. उन्होंने कहा कि यहां पर सभी मरीजों का पूरा इलाज किया गया और उन्हें बेहतर सुविधाएं भी प्रदान की गई.

जनक राज ने कहा कि कि हर साल के मुकाबले इस साल अधिक न्यूरो सर्जरी हुई है. उन्होंने कहा कि चंडीगढ़ पंजाब की सीमा (Chandigarh Punjab Border) पर लगते हुए मरीज भी आईजीएमसी ही आए हैं, क्योंकि बाहर जाने में दिक्कतें पेश आ रही थी. उन्होंने कहा कि कोरोना काल में पीजीआई में भी हिमाचल के मरीज नहीं देख रहे थे. ऐसे में आईजीएमसी ने ही मरीजों को गले लगाया और उनका इलाज किया.

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आंकड़ों के अनुसार 1 साल में 1000 लोगों ने न्यूरो सर्जरी करवाई है. इन सभी मरीजों का आईजीएमसी में डॉक्टर जनक राज न्यूरो सर्जन के नेतृत्व में सफल ऑपरेशन हुए हैं. कोरोना काल में आईजीएमसी में न्यूरो की न केवल साधारण ऑपरेशन हुए बल्कि जटिल ऑपरेशन भी किए गए हैं. जनक राज ने कहा कि आईजीएमसी में कई ऑपरेशन देर रात भी हुए हैं, जब मरीज देर शाम अस्पताल पहुंचा. ऐसे में न्यूरो सर्जन ने मामले की गंभीरता को देखते हुए रात 9:00 बजे भी ऑपरेशन शुरू किया, जोकि रात 12:00 बजे तक चला. बता दें कि यह ऑपरेशन आईजीएमसी के एमएस एवं न्यूरो सर्जन डॉक्टर जनक राज ने किए हैं.

वीडियो.

इस संबंध में जब आईजीएमसी के एमएस एवं न्यूरो सर्जन डॉक्टर जनक राज (MS and Neurosurgeon of IGMC Dr. Janak Raj ) से बात की गई तो उन्होंने बताया कि मार्च 2020 से लेकर मार्च 2021 तक 492 बड़े ऑपरेशन हुए हैं, जबकि मार्च 2020 से मार्च 2021 तक 420 माइनर ऑपरेशन हुए हैं. उन्होंने कहा कि अब तक 1000 के लगभग न्यूरो सर्जरी हो चुकी है. डॉक्टर जनक ने बताया कि कोविड-19 के दौरान हिमाचल में जहां पर न्यूरो सर्जरी थी. वहां पर कोविड-19 सेंटर बना दिया गया, जिसके कारण मरीजों को आईजीएमसी ही आना पड़ा. उन्होंने कहा कि यहां पर सभी मरीजों का पूरा इलाज किया गया और उन्हें बेहतर सुविधाएं भी प्रदान की गई.

जनक राज ने कहा कि कि हर साल के मुकाबले इस साल अधिक न्यूरो सर्जरी हुई है. उन्होंने कहा कि चंडीगढ़ पंजाब की सीमा (Chandigarh Punjab Border) पर लगते हुए मरीज भी आईजीएमसी ही आए हैं, क्योंकि बाहर जाने में दिक्कतें पेश आ रही थी. उन्होंने कहा कि कोरोना काल में पीजीआई में भी हिमाचल के मरीज नहीं देख रहे थे. ऐसे में आईजीएमसी ने ही मरीजों को गले लगाया और उनका इलाज किया.

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