शिमलाः हिमाचल में आयुष्मान भारत और प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना को लागू किए दो साल पूरे हो गए हैं. इस योजना से गंभीर बीमारी की स्थिति में गरीब और जरूरतमंद लोगों के सहायता मिल रही है. सरकार के अनुसार से यह योजना राज्य में सार्वजनिक स्वास्थ्य कवरेज बढ़ाने में मददगार बनी है. हिमाचल में 23 सितम्बर 2018 को लागू की गई इस योजना को प्रभावी तरीके से क्रियान्वयन किया जा रहा है.
आयुष्मान भारत और प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना प्रदेश में दो सालों में 71,264 लाभार्थियों ने 71.73 करोड़ रुपये के निशुल्क उपचार की सुविधा का लाभ मिला है. योजना के तहत प्रदेश में लगभग 5 लाख परिवार पात्र हैं.
पांच लाख रुपये तक के निःशुल्क उपचार का प्रावधान
योजना में अस्पताल में भर्ती होने पर पांच लाख रुपये तक के निशुल्क उपचार का प्रावधान है. वर्तमान में प्रदेश में 200 अस्पताल योजना के अन्तर्गत पंजीकृत हैं जिनमें 62 निजी अस्पताल भी शामिल हैं. लाभार्थी राज्य से बाहर पूरे देश में, अन्य राज्यों या केन्द्र शासित प्रदेशों में पंजीकृत अस्पतालों में भी निशुल्क चिकित्सा का लाभ ले सकते हैं. आयुष्मान भारत के अन्तर्गत निशुल्क उपचार के लिए लगभग 1579 प्रक्रियाएं शामिल की गई हैं, जिसमें डे-केयर सर्जरीज भी शामिल हैं.
सुष्मा देवी बनीं योजना की पहली लाभार्थी
प्रदेश में आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के अन्तर्गत उपचार प्राप्त करने वाली पहली लाभार्थी जिला सिरमौर के राजगढ़ की निवासी सुष्मा देवी बनीं हैं. उन्होंने 27 सितम्बर 2018 से 3 अक्तूबर 2018 तक नागरिक अस्पताल राजगढ़ में अपना उपचार सफलतापूर्वक करवाया.
स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्री डॉ. राजीव सैजल का कहना है कि आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के अन्तर्गत गोल्डन कार्ड निरन्तर जारी किए जा रहे हैं ताकि अधिक से अधिक जरूरतमंद परिवार इसका लाभ उठा सकें. पात्र परिवार नजदीकी लोक मित्र केन्द्र में आधार कार्ड और राशन कार्ड ले जाकर गोल्डन कार्ड बनवा सकते हैं.
उन्होंने लाभार्थी परिवारों से आग्रह किया है कि जिनके कार्ड नहीं बने हैं, वे जल्द अपना गोल्डन कार्ड बनवा लें ताकि जरूरत पड़ने पर पांच लाख रुपये तक निशुल्क चिकित्सा का लाभ उठाया जा सके.
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