ETV Bharat / city

एग्रीकल्चर और हॉर्टिकल्चर यूनिवर्सिटी में प्राकृतिक खेती विषय की हो सकती है शुरुआत: CM जयराम

author img

By

Published : Dec 16, 2021, 3:45 PM IST

Updated : Dec 16, 2021, 10:44 PM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्राकृतिक खेती पर केंद्रित कार्यक्रम (PM Modi address on natural farming) को वर्चुअल माध्यम से देश के किसानों को संबोधित (PM Modi address farmers) किया. पीएम मोदी के संबोधन को सुनने के बाद सीएम जयराम ठाकुर ने कहा कि हिमाचल देश में पहला राज्य है जहां प्राकृतिक खेती को सरकार की ओर से बढ़ावा और समर्थन दिया जा रहा है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि एग्रीकल्चर और हॉर्टिकल्चर यूनिवर्सिटी में प्राकृतिक खेती विषय शुरू हो सकता है.

CM jairam on natural farming
हिमाचल में प्राकृतिक खेती पर सीएम जयराम का बयान.

शिमला: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्यों को एग्रीकल्चर और हॉर्टिकल्चर यूनिवर्सिटी में प्राकृतिक खेती विषय शुरू करने का सुझाव दिया है. प्राकृतिक खेती कर रहे किसानों को वर्चुअल माध्यम से संबोधित करते हुए नरेंद्र मोदी (PM Modi address farmers) ने राज्य सरकारों से केमिकल मुक्त खेती पर अधिक समर्थन करने का भी आह्वान (PM Modi address on natural farming) किया है. पीएम के संबोधन को सुनने के बाद मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि हिमाचल देश में पहला राज्य है जहां प्राकृतिक खेती को सरकार की ओर से बढ़ावा और समर्थन दिया जा रहा है.

सीएम जयराम ठाकुर ने कहा कि पिछले दिनों हुई मुख्यमंत्री परिषद की बैठक में भी प्राकृतिक खेती पर हिमाचल की ओर से प्रेजेंटेशन (Presentation from Himachal on Natural Farming) दी गई. उस वक्त भी प्रधानमंत्री ने इस खेती को अपनाने के लिए किसानों से आग्रह किया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि गुरुवार को प्राकृतिक खेती पर प्रधानमंत्री को सुनने के लिए करीब 8 करोड़ किसान सीधे तौर पर जुड़े थे. मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ने सीधे तौर पर किसानों से प्राकृतिक खेती से जुड़ने का आह्वान किया है.

सीएम ने इस दौरान कहा कि हिमाचल में पहले से ही प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि इसके अलावा इस विधि से खेती करने के लिए पहाड़ी नस्ल की गाय खरीदने में भी हिमाचल सरकार वित्तीय सहायता प्रदान कर रही है. हिमाचल में प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना के कार्यकारी निदेशक प्रो. राजेश्वर सिंह चंदेल का कहना है कि यह हमारे लिए बड़े ही गर्व की बात है कि छोटे से पहाड़ी राज्य हिमाचल की ओर से की गई पहल आज राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति पा रही है.

ये भी पढ़ें: भारत-पाकिस्तान युद्ध के 50 साल: कुल्लू में पूर्व सैनिकों ने मनाया विजय दिवस, शहीदों को किया याद

राजेश्वर सिंह चंदेल ने कहा कि इस खेती विधि से प्रदेश में अभी तक 1,64,756 किसान-बागवानों को प्रशिक्षित (Training to farmers in Himachal) किया गया है, जिनमें से 1,53,643 किसान-बागवान परिवारों ने 1 लाख बीघा (9,192 हेक्टेयर) से ज्यादा भूमि पर इस खेती विधि को खेती-बागवानी में अपनाया है.

इस कार्यक्रम के दौरान पूर्व में हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल और वर्तमान में गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने अपने संबोधन में हिमाचल प्रदेश में चल रही प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना से किसानों को मिल रहे लाभों के बारे में जानकारी दी. राज्यपाल ने हिमाचल प्रदेश में योजना का कुशल कार्यान्वयन करने के लिए राज्य परियोजना निदेशक राकेश कंवर और कार्यकारी निदेशक प्रो. राजेश्वर सिंह चंदेल के प्रयासों की सराहना की.

हिमाचल के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने राजभवन में किसानों के साथ और मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने अपने सरकारी निवास में प्रधानमंत्री का संबोधन सुना. प्राकृतिक खेती कॉनक्लेव के दौरान प्रधानमंत्री का संबोधन किसानों को सुनाने के लिए प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना के तहत प्रदेश की सभी पंचायतों में विशेष इंतजाम किए गए थे, जिसके तहत प्रदेश के 71,405 किसानों ने वर्चुअल मोड में प्रधानमंत्री समेत अन्य वक्ताओं का संबोधन सुना. प्रधानमंत्री का संबोधन सुनने में महिला किसानों की संख्या पुरुषों के मुकाबले अधिक रही. इस कार्यक्रम में 39,792 महिलाओं और 31,613 पुरुषों ने प्रधानमंत्री का संबोधन सुना.

इससे पहले 14 दिसंबर को प्री-वाइब्रेंट गुजरात समिट (Pre Vibrant Gujarat Summit) में हिमाचल प्रदेश में प्राकृतिक खेती के कार्यान्वयन पर भी प्रस्तुती दी गई थी. राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी योजना प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान के कार्यकारी निदेशक प्रो. राजेश्वर सिंह चंदेल बेस्ट प्रैक्टिस ऑफ नेचुरल फार्मिंग विषय पर प्रस्तुति दी थी. योजना के परियोजना निदेशक राकेश कंवर और कार्यकारी निदेशक प्रो. राजेश्वर सिंह चंदेल ने बताया कि प्रधानमंत्री का संबोधन प्रदेश की सभी पंचायतों में सुनाया गया.

इस कार्यक्रम (Natural Farming Seminar) में महिलाओं ने विशेष रूचि ली. उन्होंने कहा कि यह हमारे लिए बड़े ही गर्व की बात है कि छोटे से पहाड़ी राज्य हिमाचल की ओर से की गई पहल आज राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति पा रही है. प्रदेश में अभी तक 1,53,643 किसान-बागवान परिवारों ने 1 लाख बीघा (9,192 हेक्टेयर) से ज्यादा भूमि पर इस खेती विधि को खेती-बागवानी में अपनाया है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री और कृषि मंत्री के नेतृत्व व मार्गदर्शन में चरणबद्ध तरीके से प्रदेश के सभी किसान-बागवानों को प्राकृतिक खेती के तहत लाने का लक्ष्य रखा गया है.

ये भी पढ़ें: सोलंग नाला में स्थानीय लोगों ने लेह मनाली हाईवे पर बंद की वाहनों की आवाजाही, शिक्षा मंत्री ने खुलवाया जाम

शिमला: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्यों को एग्रीकल्चर और हॉर्टिकल्चर यूनिवर्सिटी में प्राकृतिक खेती विषय शुरू करने का सुझाव दिया है. प्राकृतिक खेती कर रहे किसानों को वर्चुअल माध्यम से संबोधित करते हुए नरेंद्र मोदी (PM Modi address farmers) ने राज्य सरकारों से केमिकल मुक्त खेती पर अधिक समर्थन करने का भी आह्वान (PM Modi address on natural farming) किया है. पीएम के संबोधन को सुनने के बाद मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि हिमाचल देश में पहला राज्य है जहां प्राकृतिक खेती को सरकार की ओर से बढ़ावा और समर्थन दिया जा रहा है.

सीएम जयराम ठाकुर ने कहा कि पिछले दिनों हुई मुख्यमंत्री परिषद की बैठक में भी प्राकृतिक खेती पर हिमाचल की ओर से प्रेजेंटेशन (Presentation from Himachal on Natural Farming) दी गई. उस वक्त भी प्रधानमंत्री ने इस खेती को अपनाने के लिए किसानों से आग्रह किया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि गुरुवार को प्राकृतिक खेती पर प्रधानमंत्री को सुनने के लिए करीब 8 करोड़ किसान सीधे तौर पर जुड़े थे. मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ने सीधे तौर पर किसानों से प्राकृतिक खेती से जुड़ने का आह्वान किया है.

सीएम ने इस दौरान कहा कि हिमाचल में पहले से ही प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि इसके अलावा इस विधि से खेती करने के लिए पहाड़ी नस्ल की गाय खरीदने में भी हिमाचल सरकार वित्तीय सहायता प्रदान कर रही है. हिमाचल में प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना के कार्यकारी निदेशक प्रो. राजेश्वर सिंह चंदेल का कहना है कि यह हमारे लिए बड़े ही गर्व की बात है कि छोटे से पहाड़ी राज्य हिमाचल की ओर से की गई पहल आज राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति पा रही है.

ये भी पढ़ें: भारत-पाकिस्तान युद्ध के 50 साल: कुल्लू में पूर्व सैनिकों ने मनाया विजय दिवस, शहीदों को किया याद

राजेश्वर सिंह चंदेल ने कहा कि इस खेती विधि से प्रदेश में अभी तक 1,64,756 किसान-बागवानों को प्रशिक्षित (Training to farmers in Himachal) किया गया है, जिनमें से 1,53,643 किसान-बागवान परिवारों ने 1 लाख बीघा (9,192 हेक्टेयर) से ज्यादा भूमि पर इस खेती विधि को खेती-बागवानी में अपनाया है.

इस कार्यक्रम के दौरान पूर्व में हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल और वर्तमान में गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने अपने संबोधन में हिमाचल प्रदेश में चल रही प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना से किसानों को मिल रहे लाभों के बारे में जानकारी दी. राज्यपाल ने हिमाचल प्रदेश में योजना का कुशल कार्यान्वयन करने के लिए राज्य परियोजना निदेशक राकेश कंवर और कार्यकारी निदेशक प्रो. राजेश्वर सिंह चंदेल के प्रयासों की सराहना की.

हिमाचल के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने राजभवन में किसानों के साथ और मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने अपने सरकारी निवास में प्रधानमंत्री का संबोधन सुना. प्राकृतिक खेती कॉनक्लेव के दौरान प्रधानमंत्री का संबोधन किसानों को सुनाने के लिए प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना के तहत प्रदेश की सभी पंचायतों में विशेष इंतजाम किए गए थे, जिसके तहत प्रदेश के 71,405 किसानों ने वर्चुअल मोड में प्रधानमंत्री समेत अन्य वक्ताओं का संबोधन सुना. प्रधानमंत्री का संबोधन सुनने में महिला किसानों की संख्या पुरुषों के मुकाबले अधिक रही. इस कार्यक्रम में 39,792 महिलाओं और 31,613 पुरुषों ने प्रधानमंत्री का संबोधन सुना.

इससे पहले 14 दिसंबर को प्री-वाइब्रेंट गुजरात समिट (Pre Vibrant Gujarat Summit) में हिमाचल प्रदेश में प्राकृतिक खेती के कार्यान्वयन पर भी प्रस्तुती दी गई थी. राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी योजना प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान के कार्यकारी निदेशक प्रो. राजेश्वर सिंह चंदेल बेस्ट प्रैक्टिस ऑफ नेचुरल फार्मिंग विषय पर प्रस्तुति दी थी. योजना के परियोजना निदेशक राकेश कंवर और कार्यकारी निदेशक प्रो. राजेश्वर सिंह चंदेल ने बताया कि प्रधानमंत्री का संबोधन प्रदेश की सभी पंचायतों में सुनाया गया.

इस कार्यक्रम (Natural Farming Seminar) में महिलाओं ने विशेष रूचि ली. उन्होंने कहा कि यह हमारे लिए बड़े ही गर्व की बात है कि छोटे से पहाड़ी राज्य हिमाचल की ओर से की गई पहल आज राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति पा रही है. प्रदेश में अभी तक 1,53,643 किसान-बागवान परिवारों ने 1 लाख बीघा (9,192 हेक्टेयर) से ज्यादा भूमि पर इस खेती विधि को खेती-बागवानी में अपनाया है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री और कृषि मंत्री के नेतृत्व व मार्गदर्शन में चरणबद्ध तरीके से प्रदेश के सभी किसान-बागवानों को प्राकृतिक खेती के तहत लाने का लक्ष्य रखा गया है.

ये भी पढ़ें: सोलंग नाला में स्थानीय लोगों ने लेह मनाली हाईवे पर बंद की वाहनों की आवाजाही, शिक्षा मंत्री ने खुलवाया जाम

Last Updated : Dec 16, 2021, 10:44 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.