शिमला: पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश के पूर्ण राज्यत्व के स्वर्ण जयंती वर्ष में देश की सेनाओं के सर्वोच्च कमांडर के समक्ष हिमालयन रेजीमेंट की मांग उठाई गई. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद शुक्रवार को हिमाचल विधानसभा के विशेष सत्र को संबोधित किया. वे हिमाचल विधानसभा के काउंसिल चैंबर में आयोजित किए जा रहे समारोह में शामिल हुए. उनके स्वागत में विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने पहाड़ी राज्य हिमाचल की मांगों को भी उठाया.
मुकेश अग्निहोत्री ने राष्ट्रपति से आग्रह किया कि हिमाचल वीर भूमि है, देश का पहला परमवीर चक्र भी हिमाचल के सपूत मेजर सोमनाथ शर्मा को हासिल हुआ था. करगिल युद्ध में कैप्टन विक्रम बत्रा, राइफलमैन संजय कुमार व पूर्व में मेजर धनसिंह थापा को परमवीर चक्र मिला है. मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि पूर्व सीएम प्रेम कुमार धूमल ने हिमालयन रेजीमेंट के गठन की मांग उठाई थी. उन्होंने राष्ट्रपति से आग्रह किया कि वे सेना के सर्वोच्च कमांडर हैं और हिमाचल की इस मांग पर गौर करें.
इसके अलावा मुकेश अग्निहोत्री ने हिमाचल में वन कटान पर पूर्ण प्रतिबंध लगाए जाने के एवज में मदद दिए जाने का मामला भी उठाया. उन्होंने कहा कि भाखड़ा बांध व अन्य परियोजनाओं में हिमाचल के त्याग का प्रतिदान भी हिमाचल को मिल सकता है, यदि राष्ट्रपति मामले में हस्तक्षेप करें.
नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने अपने संबोधन में हिमाचल के उर्जा सेक्टर व फल राज्य की बात भी रखी. उन्होंने आग्रह किया कि सेब पर आयात शुल्क बढ़ाया जाए या फिर विदेश से सेब का आयात बंद किया जाए, ताकि हिमाचल के बागवानों को अपने उत्पाद का सही मूल्य मिल सके. अग्निहोत्री ने हिमाचल के विकास की नींव रखने का श्रेय हिमाचल निर्माता डॉ. वाईएस परमार को दिया. उन्होंने हिमाचल के पूर्ण राज्यत्व के गौरव के लिए इंदिरा गांधी का भी स्मरण किया.
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