शिमलाः पुरानी पेंशन की बहाली को लेकर पिछले 8 दिनों से शिमला के उपायुक्त कार्यालय के बाहर न्यू पेंशन स्कीम कर्मचारी संघ धरना प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन सरकार की ओर से कोई भी आश्वासन नहीं मिल रहा है. हर रोज अलग-अलग जिलों से कर्मचारी धरने पर बैठ रहे हैं.
पुरानी पेंशन स्कीम बहाली की मांग
रविवार को चंबा हमीरपुर के कर्मचारियों ने मौन प्रदर्शन किया और प्रदेश सरकार से नई पेंशन स्कीम को वापस लेकर पुरानी पेंशन स्कीम को बहाल करने की मांग की साथ ही मांगें पूरी नहीं होने पर 18 मार्च को प्रदेशभर में ब्लैक डे मनाने के साथ ही पूरे प्रदेश में उग्र आंदोलन शुरू करने की चेतावनी दी है.
बजट में पुरानी पेंशन बहाली की थी उम्मीद
न्यू पेंशन स्कीम कर्मचारी महासंघ के चंबा के सदस्य ओमप्रकाश आजाद ने कहा कि मुख्यमंत्री से बजट में पुरानी पेंशन बहाली की उम्मीद थी, लेकिन सरकार ने प्रदेश के कर्मचारियों को बजट से निराश किया.
सड़कों पर करेंगे उग्र प्रदर्शन
इसके चलते कर्मचारी 7 मार्च से शिमला के उपायुक्त कार्यालय के बाहर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं और सरकार से 20 मार्च से पहले सदन में पुरानी पेंशन बहाल करने की मांग कर रहे हैं. साथ ही यदि सरकार मांगें नहीं मानती है तो आने वाले समय में एमपीएस कर्मचारी परिवार के साथ सड़कों पर उतर कर उग्र प्रदर्शन करेगा.
सरकार ने मांगों को किया अनुसना
वहीं, हमीरपुर ब्लॉक के अध्यक्ष हाकम सिंह राणा ने कहा कि सरकार ने धोखे से पुरानी पेंशन खत्म की है. इसको लेकर कमर्चारी लंबे समय से संघर्ष कर रहे है, लेकिन सरकार मांगों को अनुसना कर रही है.
17 मार्च को पूरे प्रदेश में कर्मचारी मनाएंगे ब्लैक डे
उन्होंने कहा कि जब विधायक और सांसद को पेंशन मिल सकती है तो कर्मचारियों क्यों नहीं दी जा रही है. बीजेपी सरकार ने बहाल करने का आश्वासन दिया था, लेकिन तीन साल बीत जाने के बाद भी ये सरकार कोई बात नहीं कर रही है, जिसके चलते एपीएम संघ अपना उग्र आंदोलन शुरू करेगा. 17 मार्च को पूरे प्रदेश में कर्मचारी ब्लैक डे मनाएगा.
2004 में पुरानी पेंशन को खत्म
बता दें कि 2004 में पुरानी पेंशन को खत्म कर न्यू पेंशन स्कीम लागू की गई थी लेकिन 2009 में केंद्र ने नोटिफिकेशन जारी कर कर्मचारियो को राहत दी थी लेकिन हिमाचल सरकार उस नोटिफिकेशन को लागू नहीं कर रही है जिसके खिलाफ कर्मचारी लंबे समय से आंदोलन कर रहे हैं.
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