शिमला: हिमाचल में लंपी वायरस का कहर (Lumpy virus in Himachal) थमने का नाम नहीं ले रहा है. रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश के आठ जिलों में कुल 18,461 पशु लम्पी वायरस से ग्रसित पाए गए हैं और 359 गौवंश की मौत हुई है. लंपी वायरसे को लेकर प्रदेश में करीब 2 लाख 59 हजार वैक्ससीन की आवश्यकता है. जबकि विभाग के पास अभी 42,608 वैक्सीन उपलब्ध है.
हिमाचल के पशुपालन मंत्री वीरेंद्र कंवर (Himachal Animal Husbandry Minister Virender Kanwar) ने सभी पशु पालकों से आग्रह किया है कि पशुओं में लम्पी चमड़ी रोग के लक्षण दिखते ही वे तुरंत नजदीकी पशु चिकित्सा संस्थान में संपर्क करें और बीमार पशुओं को अन्य स्वस्थ पशुओं से अलग रखें. पशुशाला और उसके आस-पास की जगह को कीटाणु और मक्खी-मच्छर मुक्त करने के लिए दवाइयों का छिड़काव (Virender Kanwar on Lumpy virus in Himachal) करें. इसके साथ ही उन्होंने लोगों से पशुओं को रोग प्रतिरोधी टीके लगवाने की अपील की है.
ग्रामीण विकास, पंचायतीराज, पशु पालन एवं मत्स्य पालन मंत्री वीरेंद्र कंवर ने बताया कि प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में गौवंश में लम्पी चमड़ी रोग फैलने की आशंका (animals infected with lumpi virus in himachal) को कम करने और इसे नियंत्रित करने के लिए प्रदेश सरकार ने पशु पालन विभाग के माध्यम से तेजी से कदम उठाए हैं. पशु पालन मंत्री ने बताया कि सभी प्रभावित जिलों में विभागीय अधिकारियों और कर्मचारियों की टीमें बनाई गई हैं.
मंत्री वीरेंद्र कंवर ने कहा कि प्रभावित क्षेत्रों के पांच किलोमीटर के दायरे में पशुओं का टीकाकरण किया जा रहा है और अभी तक 37,632 गायों को वैक्सीन लगाई जा चुकी है. यह प्रक्रिया निरंतर जारी है और पशुपालकों को जागरूक भी किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि सभी जिलों में रोगी पशुओं के उपचार के लिए पर्याप्त दवाइयां उपलब्ध हैं. वैक्सीन खरीदने के लिए 12 लाख रुपये की अतिरिक्त धनराशि भी जारी की गई है. विभाग के रोगव्यापिकी विंग के उपनिदेशक डॉ. अरुण सरकैक (मोबाइल नंबर 94180-44545) को राज्य स्तरीय नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है.
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