शिमला: हिमाचल सरकार में जल शक्ति, राजस्व मंत्री महेंद्र सिंह ने विधानसभा सत्र के सदन में (Himachal Vidhan Sabha monsoon session) प्राकृतिक आपदा पर चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि प्रदेश के अनेक ऐसे क्षेत्र हैं, जहां पहाड़ धूप में भी दरकते हैं. उन्होंने किन्नौर के विधायक द्वारा स्थानीय लोगों को प्रशिक्षण देने की सलाह पर भी सहमति जताई. उन्होंने कहा कि आजकल के मौसम में संभावित खतरे वाले स्थानों के समीप मशीनें खड़ी होनी चाहिए ताकि राहत और बचाव कार्य जल्द शुरू किया जा सके. उन्होंने कहा कि आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में और अधिक कार्य के लिए प्रदेश सरकार जल्द ही 800 करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट पर कार्य शुरू कर देगी. उन्होंने इस प्रोजेक्ट को अगले साल शुरू होने की उम्मीद जताई.
मंत्री महेंद्र सिंह ने कहा कि लाहौल-स्पीति और पांवटा का क्षेत्र बुरी तरह से (Mahender Singh Thakur on natural Disasters) सूखा ग्रस्त है. ऐसे में इन क्षेत्रों में फसल को भारी नुकसान पहुंचा है. उन्होंने कहा कि सूखा प्रभावित क्षेत्रों का आकलन करवाया जाएगा. इसके अलावा भारी बारिश और बाढ़ वाले क्षेत्रों का आकलन करवाकर केंद्र सरकार को रिपोर्ट भेजी जाएगी. ताकि प्रभावित लोगों को (natural Disasters in Himachal) जल्द से जल्द मुआवजा राशि प्रदान की जा सके.
कैबिनेट मंत्री ने (Minister Mahender Singh Thakur) कहा कि किन्नौर, चंबा, लाहौल स्पीति और शिमला जिले में प्राकृतिक आपदा की घटनाएं अधिक देखने को मिल रही है. ऐसे में जल विद्युत परियोजनाओं के लिए खनन और टनल निर्माण का प्रभाव भी हो सकता है. उन्होंने प्रदेश में वैज्ञानिक खनन पर अधिक ध्यान देने की बात कही. चौपाल के विधायक बलवीर वर्मा द्वारा सदन में नेरवा बाजार का मुद्दा उठाए जाने पर महेंद्र सिंह ने कहा कि नेरवा बाजार काफी घना क्षेत्र है. यहां चैनलाइजेशन का कार्य जल्द शुरू किया जाएगा ताकि आपदा से किसी प्रकार का नुकसान न हो.
आपदा प्रबंधन मैनुअल में संशोधन पर होगा विचार: राजस्व मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर ने कहा कि प्रदेश सरकार आपदा प्रबंधन मैनुअल में सुधार पर विचार करेगी. उन्होंने कहा कि आपदा राहत राशि के तहत मिलने वाली राशि बेहद कम है. इसमें सुधार की आवश्यकता है. चर्चा के दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों तरफ के सदस्यों ने राहत राशि बढ़ाने की मांग की.
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