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निरमंड के टिकरी मिल्क फेडरेशन चिलिंग प्लांट के बाहर दूध उत्पादकों का हल्ला बोल, की ये मांग

हिमाचल प्रदेश दूध उत्पादक संघ (HP Milk Producers Association) के आह्वान पर गुरुवार को दूध उत्पादकों की समस्याओं को लेकर आज निरमंड ब्लॉक के टिकरी कैंची में स्थित मिल्क फेडरेशन के चिलिंग प्लांट के बाहर प्रदर्शन किया. इस विरोध प्रदर्शन को हिमाचल दूध उत्पादक संघ के राज्य महासचिव देवकी नंद, किसान सभा निरमंड ब्लॉक के अध्यक्ष पूरण ठाकुर, जगदीश व दुर्गा नंद ने संबोधित किया.उन्होंने कहा कि आज के समय में दूध उत्पादकों को बहुत कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है.

Milk producers protest in Nirmand Rampur
निरमंड के टिकरी मिल्क फेडरेशन चिलिंग प्लांट पर दूध उत्पादकों का प्रदर्शन.
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Published : Feb 24, 2022, 5:41 PM IST

रामपुर: हिमाचल प्रदेश दूध उत्पादक संघ (HP Milk Producers Association) के आह्वान पर गुरुवार को दूध उत्पादकों की समस्याओं को लेकर आज निरमंड ब्लॉक के टिकरी कैंची में स्थित मिल्क फेडरेशन के चिलिंग प्लांट के बाहर प्रदर्शन किया गया. जिसमें अरसू, बड़ीधार, कोट, कोटि, डीम, जुआगी, चायल, सराहन, नोर व राहणू पंचायत के सैंकड़ों दूध उत्पादकों ने हिस्सा लिया.

इस विरोध प्रदर्शन को हिमाचल दूध उत्पादक संघ के राज्य महासचिव देवकी नंद, किसान सभा निरमंड ब्लॉक के अध्यक्ष पूरण ठाकुर, जगदीश व दुर्गा नंद ने संबोधित किया. उन्होंने कहा कि आज के समय में दूध उत्पादकों को बहुत कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है. दूध उत्पादकों को न तो दूध का उचित दाम मिल रहे हैं और न ही दूध की पेमेंट समय पर मिल रही है. दूध के दाम पानी से भी कम मिल रहे हैं. कई बार तो दूध की बाल्टियों को भी वापिस भेजा जा रहा है. जिससे कि इन परिवारों को अपने परिवार का पालन पोषण करना मुश्किल हो रहा है.

उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा दूध उत्पादकों के लिए (milk producers Protest in Rampur) कोई ठोस नीति नहीं बना रही हैं. बजट का भी अभाव है. जिससे कि पेमेंट मिलने का कोई निश्चित समय नहीं है. कभी-कभी तो पेमेंट दो माह बाद भी मिल रही है. जिससे कि इन पर दोहरी मार पड़ रही है. उन्होंने कहा कि दूध उत्पादक संघ ने कई बार दुग्ध उत्पादकों की समस्याओं को प्रदेश सरकार के सामने रखा है, लेकिन प्रदेश सरकार इनकी समस्याओं के प्रति गंभीर नहीं है. जिससे कि दूध आज पानी से भी सस्ता बिक रहा है.

उन्होंने कहा कि देश व प्रदेश में महंगाई लगातार बढ़ रही है. जिससे कि खाद्य वस्तुओं के अलावा पशुओं को मिलने वाले पशु आहार, फीड व दवाई के दाम भी बढ़े हैं. जिससे कि दूध को पैदा करने मे लागत भी बढ़ रही है. सरकार की गलत नीतियों के चलते किसानी व पशु पालन घाटे का सौदा बन रहा है. उन्होंने कहा कि 31 जनवरी को दूध उत्पादक संघ ने प्रदेश सरकार को 8 सूत्रीय मांग पत्र दिया है. जिसमें मुख्य रूप से दूध का दाम 40 रुपये प्रति लीटर दिया जाए.

दूध की पेमेंट हर महीने 10 तारीख से पहले दी जाए और पशु आहार पर सब्सिडी दी जाए. पशु आहार को डिपुओं के माध्यम से उपलब्ध करवाया जाए. पशु औषधालयों में खाली पद भरे जाएं. मिल्क फेडरेशन के बजट को 50 करोड़ किया जाए, सभी सोसायटी में दूध की गुणवत्ता को मापने के लिए टेस्टिंग मशीन दी जाए.

ये भी पढ़ें- सीएम जयराम का बयान: यूक्रेन में फंसे हिमाचलियों को लेकर विदेश मंत्रालय से संपर्क में सरकार

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रामपुर: हिमाचल प्रदेश दूध उत्पादक संघ (HP Milk Producers Association) के आह्वान पर गुरुवार को दूध उत्पादकों की समस्याओं को लेकर आज निरमंड ब्लॉक के टिकरी कैंची में स्थित मिल्क फेडरेशन के चिलिंग प्लांट के बाहर प्रदर्शन किया गया. जिसमें अरसू, बड़ीधार, कोट, कोटि, डीम, जुआगी, चायल, सराहन, नोर व राहणू पंचायत के सैंकड़ों दूध उत्पादकों ने हिस्सा लिया.

इस विरोध प्रदर्शन को हिमाचल दूध उत्पादक संघ के राज्य महासचिव देवकी नंद, किसान सभा निरमंड ब्लॉक के अध्यक्ष पूरण ठाकुर, जगदीश व दुर्गा नंद ने संबोधित किया. उन्होंने कहा कि आज के समय में दूध उत्पादकों को बहुत कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है. दूध उत्पादकों को न तो दूध का उचित दाम मिल रहे हैं और न ही दूध की पेमेंट समय पर मिल रही है. दूध के दाम पानी से भी कम मिल रहे हैं. कई बार तो दूध की बाल्टियों को भी वापिस भेजा जा रहा है. जिससे कि इन परिवारों को अपने परिवार का पालन पोषण करना मुश्किल हो रहा है.

उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा दूध उत्पादकों के लिए (milk producers Protest in Rampur) कोई ठोस नीति नहीं बना रही हैं. बजट का भी अभाव है. जिससे कि पेमेंट मिलने का कोई निश्चित समय नहीं है. कभी-कभी तो पेमेंट दो माह बाद भी मिल रही है. जिससे कि इन पर दोहरी मार पड़ रही है. उन्होंने कहा कि दूध उत्पादक संघ ने कई बार दुग्ध उत्पादकों की समस्याओं को प्रदेश सरकार के सामने रखा है, लेकिन प्रदेश सरकार इनकी समस्याओं के प्रति गंभीर नहीं है. जिससे कि दूध आज पानी से भी सस्ता बिक रहा है.

उन्होंने कहा कि देश व प्रदेश में महंगाई लगातार बढ़ रही है. जिससे कि खाद्य वस्तुओं के अलावा पशुओं को मिलने वाले पशु आहार, फीड व दवाई के दाम भी बढ़े हैं. जिससे कि दूध को पैदा करने मे लागत भी बढ़ रही है. सरकार की गलत नीतियों के चलते किसानी व पशु पालन घाटे का सौदा बन रहा है. उन्होंने कहा कि 31 जनवरी को दूध उत्पादक संघ ने प्रदेश सरकार को 8 सूत्रीय मांग पत्र दिया है. जिसमें मुख्य रूप से दूध का दाम 40 रुपये प्रति लीटर दिया जाए.

दूध की पेमेंट हर महीने 10 तारीख से पहले दी जाए और पशु आहार पर सब्सिडी दी जाए. पशु आहार को डिपुओं के माध्यम से उपलब्ध करवाया जाए. पशु औषधालयों में खाली पद भरे जाएं. मिल्क फेडरेशन के बजट को 50 करोड़ किया जाए, सभी सोसायटी में दूध की गुणवत्ता को मापने के लिए टेस्टिंग मशीन दी जाए.

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