शिमलाः राजधानी में 120 पेड़ लोगों के घरों के लिए खतरा बने हुए है. वहीं, लोगों को बरसात में पेड़ों के गिरने का डर सता रहा है. लोग नगर निगम से इन पेड़ों को काटने की गुहार तो लगा रहे हैं, लेकिन इन पेड़ों को अभी तक नहीं काटा गया रहा है. निगम इन पेड़ों का निरीक्षण करने में जुटा है, जिसके बाद रिपोर्ट सरकार को सौंपी जाएगी.
सरकार से मंजूरी मिलने के बाद ही निगम इन पेड़ों को काट सकेगा. राजधानी में हर साल बरसात में घरों पर पेड़ों के गिरने के मामले सामने आते है. शहर में सभी वार्डों में खतरनाक पेड़ हैं. निगम की ओर से खतरनाक पेड़ों की शिनाख्त के लिए ट्री कमेटी का गठन भी किया है.
नगर निगम की महापौर हालांकि खुद ट्री कमेटी के साथ निरीक्षण कर रही है. वहीं, अब तक शहर में 140 पेड़ों को चिन्हित किया गया है. नगर निगम के उप-महापौर शेलेन्द्र चौहान का कहना है कि निगम की ओर सभी वार्डों के खतरनाक पेड़ों को चिन्हित किया जा रहा है और इन पेड़ों की सूची तैयार कर सरकार को मंजूरी के लिए भेजा जाएगा. जिसके बाद सरकार से मंजूरी मिलने के बाद ही इन पेड़ों को काटा जा सकता है.
शेलेन्द्र चौहान ने कहा कि शहर में निगम अपनी मर्जी से पेड़ नहीं काट सकता है. इसके लिए सरकार से मंजूरी लेना जरूरी है. उन्होंने कहा कि बरसात से पहले ही खतरा बने पेड़ों को काट दिया जाएगा.
बता दें कि बरसात में राजधानी में पेड़ों के गिरने का खतरा बना रहता है. बीते वर्ष भी नाभा सहित कई क्षेत्रों में घरों पर पेड़ गिरने से काफी नुकसान हुआ था, हालांकि लोग पहले से ही पेड़ों को काटने की मांग करते आ रहे हैं, लेकिन सरकार से पेड़ों को काटने की अनुमति नहीं मिल पा रही है.
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