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हरियाणा सरकार ने पिंजौर सेब मंडी के दूसरे चरण के मास्टर प्लान को दी मंजूरी

पंचकूला जिले में एशिया की सबसे बड़ी एप्पल मार्केट यानि सेब मंडी बनने जा रही है. मंडी के दूसरे चरण के मास्टर प्लान को मंजूरी मिल गई है.

Pinjore apple market
पिंजौर सेब मंडी
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Published : Dec 12, 2020, 11:39 AM IST

चंडीगढ़/शिमला: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने पंचकूला जिले के पिंजौर में स्थापित की जा रही एशिया की सबसे बड़ी सेब मंडी के दूसरे चरण के लिए मास्टर प्लान को मंजूरी दे दी. ये मार्केट 175 करोड़ रुपये की लागत से 78.33 एकड़ भूमि पर विकसित की जा रही है. मुख्यमंत्री ने एक बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें हरियाणा के कृषि मंत्री जेपी दलाल के साथ कई अधिकारी भी उपस्थित रहे.

मुख्यमंत्री की ओर से इस अत्याधुनिक मार्केट के दूसरे चरण की मंजूरी के बाद अब निर्माण के लिए बोलियां आमंत्रित की जाएंगी. ये काम 96.53 करोड़ रुपये की लागत से किया जाएगा. पहले चरण का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है और एप्पल शेड, एप्पल शेड से सटे कार्यालय, एंट्री गेट, बाउंड्री वॉल सहित टॉयलेट कॉम्प्लेक्स का काम दिसंबर 2020 के अंत तक पूरा होने की उम्मीद है. परियोजना के पहले चरण पर लगभग 28.44 करोड़ रुपये खर्च होंगे.

बैठक में लिए गए निर्णय

बैठक में ये निर्णय लिया गया कि ऑपरेशन मॉडल के रूप में केंद्रीकृत नीलामी प्रक्रिया को अपनाया जाए, जो समय पर भुगतान, ट्रांसपेरेंट प्राइस डिस्कवरी, किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) में किसानों की लाई गई वस्तु का सही तोल सुनिश्चित करेगी. ये प्रक्रिया नई होने के कारण केंद्रीकृत नीलामी मॉडल में निजी ऑपरेटर के साथ-साथ हरियाणा राज्य कृषि और विपणन बोर्ड भी सहायता करेगा. ये भी तय किया गया कि शुरू में 50 दुकानों का निर्माण किया जाएगा और उन्हें मार्केट परिसर में आवंटित किया जाएगा. इसके अलावा दुकानों के लिए 50 प्लॉट भी बेचे जाएंगे.

विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) को मंजूरी देने के अलावा बैठक में ये भी बताया गया कि इंजीनियरिंग, प्रोक्योरमेंट एंड कंस्ट्रक्शन (ईपीसी) मोड पर दूसरे चरण के विकास के लिए रिक्वेस्ट-फोर-प्रपोजल की अनुमति दी गई है. मार्केट में कोल्ड/कंट्रोल्ड एटमॉस्फियर स्टोर्स, फ्रूट राइपनिंग सेंटर, पेट्रोल पंप/सीएनजी स्टेशन, होटल, ढाबा, पैक हाउस, पैकेजिंग यूनिट्स, ट्रेड सेंटर और वेस्ट मैनेजमेंट सिस्टम के लिए साइटों का पट्टों के आधार पर लंबी अवधि के लिए आवंटन किया जाएगा.

बागवानों में इस सब्जी मंडी को लेकर काफी उत्साह

बता दें कि हरियाणा में बन रही सब्जी मंडी से हिमाचल के बागवानों को काफी फायदा होगा. एक तरफ तो यह सब्जी मंडी हिमाचल बार्डर के साथ ही होगी. साथ ही बागवानों की किराए और समय में भी बचत होगी. ऐसे में बागवानों हो इस सब्जी मंडी को लेकर काफी उत्साह है.

पढ़ें: सिरमौर के एक पहलवान को बकरे ने बनाया लखपति

चंडीगढ़/शिमला: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने पंचकूला जिले के पिंजौर में स्थापित की जा रही एशिया की सबसे बड़ी सेब मंडी के दूसरे चरण के लिए मास्टर प्लान को मंजूरी दे दी. ये मार्केट 175 करोड़ रुपये की लागत से 78.33 एकड़ भूमि पर विकसित की जा रही है. मुख्यमंत्री ने एक बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें हरियाणा के कृषि मंत्री जेपी दलाल के साथ कई अधिकारी भी उपस्थित रहे.

मुख्यमंत्री की ओर से इस अत्याधुनिक मार्केट के दूसरे चरण की मंजूरी के बाद अब निर्माण के लिए बोलियां आमंत्रित की जाएंगी. ये काम 96.53 करोड़ रुपये की लागत से किया जाएगा. पहले चरण का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है और एप्पल शेड, एप्पल शेड से सटे कार्यालय, एंट्री गेट, बाउंड्री वॉल सहित टॉयलेट कॉम्प्लेक्स का काम दिसंबर 2020 के अंत तक पूरा होने की उम्मीद है. परियोजना के पहले चरण पर लगभग 28.44 करोड़ रुपये खर्च होंगे.

बैठक में लिए गए निर्णय

बैठक में ये निर्णय लिया गया कि ऑपरेशन मॉडल के रूप में केंद्रीकृत नीलामी प्रक्रिया को अपनाया जाए, जो समय पर भुगतान, ट्रांसपेरेंट प्राइस डिस्कवरी, किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) में किसानों की लाई गई वस्तु का सही तोल सुनिश्चित करेगी. ये प्रक्रिया नई होने के कारण केंद्रीकृत नीलामी मॉडल में निजी ऑपरेटर के साथ-साथ हरियाणा राज्य कृषि और विपणन बोर्ड भी सहायता करेगा. ये भी तय किया गया कि शुरू में 50 दुकानों का निर्माण किया जाएगा और उन्हें मार्केट परिसर में आवंटित किया जाएगा. इसके अलावा दुकानों के लिए 50 प्लॉट भी बेचे जाएंगे.

विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) को मंजूरी देने के अलावा बैठक में ये भी बताया गया कि इंजीनियरिंग, प्रोक्योरमेंट एंड कंस्ट्रक्शन (ईपीसी) मोड पर दूसरे चरण के विकास के लिए रिक्वेस्ट-फोर-प्रपोजल की अनुमति दी गई है. मार्केट में कोल्ड/कंट्रोल्ड एटमॉस्फियर स्टोर्स, फ्रूट राइपनिंग सेंटर, पेट्रोल पंप/सीएनजी स्टेशन, होटल, ढाबा, पैक हाउस, पैकेजिंग यूनिट्स, ट्रेड सेंटर और वेस्ट मैनेजमेंट सिस्टम के लिए साइटों का पट्टों के आधार पर लंबी अवधि के लिए आवंटन किया जाएगा.

बागवानों में इस सब्जी मंडी को लेकर काफी उत्साह

बता दें कि हरियाणा में बन रही सब्जी मंडी से हिमाचल के बागवानों को काफी फायदा होगा. एक तरफ तो यह सब्जी मंडी हिमाचल बार्डर के साथ ही होगी. साथ ही बागवानों की किराए और समय में भी बचत होगी. ऐसे में बागवानों हो इस सब्जी मंडी को लेकर काफी उत्साह है.

पढ़ें: सिरमौर के एक पहलवान को बकरे ने बनाया लखपति

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