हिमाचल विधानसभा मानसून सत्र के दौरान वीरवार को कांग्रेस विधायक आशीष बुटेल ने नियम-62 के तहत पालमपुर विधानसभा क्षेत्र की स्वास्थ्य सुविधाओं पर सदन में प्रस्ताव लाया और पालमपुर अस्पताल में स्वास्थ्य सुविधाओं के खस्ता हाल होने के आरोप लगाए.
उन्होंने कहा कि पालमपुर अस्पताल एक महत्वपूर्ण अस्पताल है और यहां पर सभी विशेषज्ञ होने चाहिए, लेकिन यहां पर कई विशेषज्ञों के पद खाली पड़े हैं. उन्होंने कहा कि बाल रोग विशेषज्ञ का पद रिक्त होने के कारण यहां से 50 फीसदी गर्भवती महिलाओं को अन्य अस्पताल में रेफर कर दिया जाता है. अस्पताल में सर्जन के नहीं होने के कारण सर्जरी भी नहीं हो रही है. इसके साथ ही उन्होंने टांडा मेडिकल कॉलेज के खस्ता हाल का मामला भी उठाया तथा कहा कि यहां पर डायलिसिस नहीं हो रहा है तथा सिटी स्कैन की मशीन भी 7-8 माह से बंद पड़ी है.
वहीं स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. राजीव सैजल ने कहा कि सरकार चिकित्सा विशेषज्ञों का जल्द ही युक्तिकरण करेगी. इसके तहत यदि किसी चिकित्सा संस्थानों में एक से अधिक विशेषज्ञ लगे होंगे, तो उन्हें दूसरी जगह तैनात किया जाएगा. उन्होंने कहा कि 200 बिस्तरों वाले पालमपुर अस्पताल में प्रर्याप्त स्टॉफ था, लेकिन कोरोना संकट के कारण कुछ कर्मचारियों को वहां से टांडा अस्पताल को स्थानांतरित करना पड़ा. पालमपुर अस्पताल में चिकित्सकों के 34 पदों स्वीकृत है, जिसमें से 28 पद भरे हुए हैं औरमात्र 6 पद रिक्त हैं.
अस्पताल में वर्तमान में 18 विशेषज्ञ डॉक्टर कार्यरत है, जिसमें चर्म रोग, नाक-गला -कान, नेत्र, चर्म रोग व स्त्री रोग विशेषज्ञ 2-2, अस्थि रोग, रैडियोलॉजी, मनोचिकित्सक, कीटाणु विज्ञान