शिमलाः राजधानी शिमला के ऐतिहासिक आइस स्केटिंग रिंक में बर्फ जमने से स्केटर्स के चेहरे खिल गए हैं. बीते दिनों करीब 15 दिनों की कोशिश के बाद इसका सफल ट्रायल किया गया था. जिसके बाद स्केटिंग के सत्र नियमित रूप से शुरू कर दिए गए हैं. कोरोना काल के चलते जहां सभी लोगों को अपने घरों में रहना पड़ रहा था वहां अब इस एंडवेचर स्पोर्ट के लिए आइस स्केटिंग रिंक में स्केटर्स का तांता लगा हुआ है. पर्यटकों सहित स्थानीय लोग भी आइस स्केटिंग का मजा ले रहे हैं.
नन्हें स्केटर्स की भी उत्साहित
छात्रों में आइस स्केटिंग को लेकर खासा उत्साह देखने को मिल रहा है. आपको बता दें की शिमला के स्कूलों में पढ़ने वाले स्केटर्स को रिंक में आइस जमने और स्केटिंग सेशन चलने का बेसब्री से इंतजार रहता है. रिंक में स्केटिंग के लिए युवाओं के साथ-2 नन्हें स्केटर्स की भी तादाद देखने को मिलती है.
एशिया का पहला ओपन एयर रिंक
बता दें शिमला के लक्कड़ बाजार में स्थित आइस स्केटिंग रिंक एशिया का पहला ओपन एयर रिंक है जहां आज भी प्राकृतिक रूप से बर्फ जमाई जाती है. इस रिंक को 1920 में अंग्रेजों ने बनाया था. तब से लेकर हर साल यहां पर सर्दियों में प्राकृतिक रूप से बर्फ जमा कर स्केटिंग करवाई जाती है. इस वर्ष यानी 2020 में स्केटिंग रिंक अपने सौ साल पूरे कर लिए हैं. इस क्लब में इंडोनेशिया के मार्श टीटो , बेनजीर भुट्टो, राजीव गांधी, संजय गांधी और बॉलीवुड स्टार राजकुमार तक स्केटिंग कर चुके हैं.
कोरोना नियमों का रखा जा रहा ध्यान
कोरोना के चलते बच्चे और युवा काफी समय से घर में ही रह रहे थे. शहर में न ही कोई खेल गतिविधि चल रही थी न ही बाहर घूम पा रहे थे. अब स्केटिग शुरू होने के बाद बच्चों को घर से बाहर आकर खेल गतिविधियों में हिस्सा लेने का मौका मिलेगा. लॉकडाउन के दौरान पटरी से उतरी जिंदगी धीरे-धीरे ही सही रफ्तार पकड़ रही है लेकिन खतरा अभी टला नहीं है. जिसे देखते हुए रिंक में कोविड 19 से जुड़ी सावधानियों का ध्यान रखा जा रहा है.
कुल मिलाकर 2020 के आखिरी दिनों में शिमला के स्केटिंग रिंक की ये तस्वीरें दिल को सुकून पहुंचाने वाली हैं. सबकी दुआ बस इतनी है कि 2020 में जो कोरोना के चलते पूरी दुनिया पर संकट के जो बादल छाए रहे. वो नए साल के साथ छंट जाए.
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