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आबकारी विभाग की कार्रवाई, मंडी के गलू स्थित शराब बोटलिंग प्लांट का लाइसेंस निलम्बित

आबकारी एवं कराधान विभाग के एक प्रवक्ता ने बताया कि मंडी जिले के गलू, जोगिन्द्रनगर स्थित बोटलिंग प्लांट का लाइसेंस निलम्बित कर दिया गया है. प्रवक्ता ने बताया कि गत कुछ समय में विभाग के अधिकारियों द्वारा प्रदेश में स्थित के बोटलिंग प्लांटों की चेकिंग के दौरान अनियमताओं के नौ मामले पकड़े गए हैं. इनमें जिला सिरमौर स्थित एक बोटलिंग प्लांट स्प्रिट भण्डारण से संबंधित अनियमितता पाए जाने पर विभाग द्वारा नियमानुसार कार्रवाई करते हुए प्लांट से 32.27 लाख रुपये का जुर्माना वसूला गया है.

गलू स्थित शराब बोटलिंग प्लांट
प्रतीकात्मक तस्वीर.
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Published : Jan 24, 2022, 8:07 PM IST

शिमला: आबकारी एवं कराधान विभाग के एक प्रवक्ता ने बताया कि मंडी जिले के गलू, जोगिन्द्रनगर स्थित बोटलिंग प्लांट का लाइसेंस निलम्बित कर दिया गया है. उन्होंने बताया कि गत 18 जनवरी, 2022 को आबकारी विभाग के अधिकारियों (liquor bottling plant) द्वारा इस बोटलिंग प्लांट का निरीक्षण किया गया और निरीक्षण के दौरान इसमें कुछ अनियमितताएं पाई गईं.

वहीं, आज 24 जनवरी, 2022 को इस बोटलिंग प्लांट के निदेशक का पक्ष सुनने के पश्चात आयुक्त राज्य कर एवं आबकारी, हिमाचल प्रदेश द्वारा प्लांट के लाइसेंस को निलम्बित कर दिया गया है और विभाग द्वारा नियमानुसार इस मामले में आगामी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी. उन्होंने कहा कि इस मामले में विभागीय अधिकारी को प्रथम दृष्टया दोषी मानते हुए निलम्बित कर दिया है और उनके विरूद्व भी आगामी अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा रही है.

प्रवक्ता ने बताया कि गत कुछ समय में विभाग के अधिकारियों द्वारा प्रदेश में स्थित के बोटलिंग प्लांटों की चेकिंग के दौरान अनियमताओं के नौ मामले पकड़े गए हैं. इनमें जिला सिरमौर स्थित एक बोटलिंग प्लांट स्प्रिट भण्डारण से संबंधित अनियमितता पाए जाने पर विभाग द्वारा नियमानुसार कार्रवाई करते हुए प्लांट से 32.27 लाख रुपये का जुर्माना वसूला गया है.

प्रवक्ता ने बताया कि जिला सोलन की एक इकाई पर भी कार्रवाई की गई और उसका लाइसेंस भी निलम्बित कर दिया गया है और रिकवरी के लिए नोटिस दिया गया है. इन सभी मामलों में विभागीय कर्मचारियों को प्रथम दृष्टया दोषी मानते हुए निलम्बित कर दिया गया है व इन सभी के विरूद्ध आगामी अनुशासनात्मक कार्रवाई अमल में जा रही है.

उन्होंने बताया कि हिमाचल प्रदेश में आबकारी राजस्व का संग्रहण कार्य राज्य कर एवं आबकारी विभाग द्वारा किया जाता है. विभाग राज्य की वित्तीय संरचना में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है और राज्य का अधिकांश राजस्व एकत्र करता है.

यह राजस्व विभाग द्वारा लागू किए गए विभिन्न आबकारी व कर अधिनियमों के अन्तर्गत जारी विभिन्न लाइसेंसों के माध्यम से आबकारी शुल्क के रूप में एकत्र किया जाता है. आबकारी विभाग द्वारा मदिरा निर्माण व मदिरा की थोक तथा खुदरा बिक्री के लिए विभिन्न प्रकार के लाइसेंस आवेदन पर नीलामी व निविदा द्वारा जारी किए जाते हैं.

विभाग के अधिकारी आबकारी अधिनियम के अन्तर्गत बनाये गए प्रावधानों और मानकों के अनुरूप आबकारी राजस्व को सुरक्षित करने के लिए समय-समय पर मासिक व त्रैमासिक आधार पर मदिरा के निर्माण एवं बिक्री से संबंधित सभी परिसरों का निरीक्षण करते हैं व किसी भी प्रकार की अनियमतताएं पाए जाने पर दोषियों के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जाती है.

प्रवक्ता ने बताया कि सरकारी राजस्व में किसी भी प्रकार का नुकसान न हो इसके लिए विभागीय अधिकारियों ने बीते कुछ महीनों में खुदरा एवं थोक दुकानों के निरीक्षण के दौरान अनियमताओं के कुल 151 मामले पकड़े हैं, जिनमें जिला कांगड़ा में मदिरा के थोक विक्रेताओं के दो मामले व जिला ऊना में एक मामला व जिला बिलासपुर में 01 मामला पकड़ा गया है, जिसमें विभाग द्वारा 8.62 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है और तीन लाइसेंस रद्द किए हैं और एक थोक विक्रेता के विरूद्व पुलिस में एफआईआर भी दर्ज करवाई गई है.

ये भी पढ़ें- ACHIEVEMENT: हिमाचल की बेटी श्रेया लोहिया को पीएम मोदी ने राष्ट्रीय बाल पुरस्कार 2022 से किया सम्मानित

शिमला: आबकारी एवं कराधान विभाग के एक प्रवक्ता ने बताया कि मंडी जिले के गलू, जोगिन्द्रनगर स्थित बोटलिंग प्लांट का लाइसेंस निलम्बित कर दिया गया है. उन्होंने बताया कि गत 18 जनवरी, 2022 को आबकारी विभाग के अधिकारियों (liquor bottling plant) द्वारा इस बोटलिंग प्लांट का निरीक्षण किया गया और निरीक्षण के दौरान इसमें कुछ अनियमितताएं पाई गईं.

वहीं, आज 24 जनवरी, 2022 को इस बोटलिंग प्लांट के निदेशक का पक्ष सुनने के पश्चात आयुक्त राज्य कर एवं आबकारी, हिमाचल प्रदेश द्वारा प्लांट के लाइसेंस को निलम्बित कर दिया गया है और विभाग द्वारा नियमानुसार इस मामले में आगामी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी. उन्होंने कहा कि इस मामले में विभागीय अधिकारी को प्रथम दृष्टया दोषी मानते हुए निलम्बित कर दिया है और उनके विरूद्व भी आगामी अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा रही है.

प्रवक्ता ने बताया कि गत कुछ समय में विभाग के अधिकारियों द्वारा प्रदेश में स्थित के बोटलिंग प्लांटों की चेकिंग के दौरान अनियमताओं के नौ मामले पकड़े गए हैं. इनमें जिला सिरमौर स्थित एक बोटलिंग प्लांट स्प्रिट भण्डारण से संबंधित अनियमितता पाए जाने पर विभाग द्वारा नियमानुसार कार्रवाई करते हुए प्लांट से 32.27 लाख रुपये का जुर्माना वसूला गया है.

प्रवक्ता ने बताया कि जिला सोलन की एक इकाई पर भी कार्रवाई की गई और उसका लाइसेंस भी निलम्बित कर दिया गया है और रिकवरी के लिए नोटिस दिया गया है. इन सभी मामलों में विभागीय कर्मचारियों को प्रथम दृष्टया दोषी मानते हुए निलम्बित कर दिया गया है व इन सभी के विरूद्ध आगामी अनुशासनात्मक कार्रवाई अमल में जा रही है.

उन्होंने बताया कि हिमाचल प्रदेश में आबकारी राजस्व का संग्रहण कार्य राज्य कर एवं आबकारी विभाग द्वारा किया जाता है. विभाग राज्य की वित्तीय संरचना में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है और राज्य का अधिकांश राजस्व एकत्र करता है.

यह राजस्व विभाग द्वारा लागू किए गए विभिन्न आबकारी व कर अधिनियमों के अन्तर्गत जारी विभिन्न लाइसेंसों के माध्यम से आबकारी शुल्क के रूप में एकत्र किया जाता है. आबकारी विभाग द्वारा मदिरा निर्माण व मदिरा की थोक तथा खुदरा बिक्री के लिए विभिन्न प्रकार के लाइसेंस आवेदन पर नीलामी व निविदा द्वारा जारी किए जाते हैं.

विभाग के अधिकारी आबकारी अधिनियम के अन्तर्गत बनाये गए प्रावधानों और मानकों के अनुरूप आबकारी राजस्व को सुरक्षित करने के लिए समय-समय पर मासिक व त्रैमासिक आधार पर मदिरा के निर्माण एवं बिक्री से संबंधित सभी परिसरों का निरीक्षण करते हैं व किसी भी प्रकार की अनियमतताएं पाए जाने पर दोषियों के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जाती है.

प्रवक्ता ने बताया कि सरकारी राजस्व में किसी भी प्रकार का नुकसान न हो इसके लिए विभागीय अधिकारियों ने बीते कुछ महीनों में खुदरा एवं थोक दुकानों के निरीक्षण के दौरान अनियमताओं के कुल 151 मामले पकड़े हैं, जिनमें जिला कांगड़ा में मदिरा के थोक विक्रेताओं के दो मामले व जिला ऊना में एक मामला व जिला बिलासपुर में 01 मामला पकड़ा गया है, जिसमें विभाग द्वारा 8.62 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है और तीन लाइसेंस रद्द किए हैं और एक थोक विक्रेता के विरूद्व पुलिस में एफआईआर भी दर्ज करवाई गई है.

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