शिमला: जिले में जंगली जानवरों का आतंक बढ़ता जा रहा है. जंगली जानवर अब रिहायशी इलाकों का रुख करने लगे हैं और इंसानों को अपना शिकार बना रहे हैं. दिवाली की रात राजधानी शिमला में इस तरह का मामला सामने आया है.
शहर के डाउन डेल कॉलोनी से एक छह साल के बच्चे को घर से तेंदुआ उठा ले गया. लोगों ने इसकी सूचना पुलिस और वाइल्ड लाइफ को दी. देर रात सर्च अभियान चलाया गया, लेकिन बच्चे का कोई सुराग नहीं मिला. डीएसपी कमल वर्मा ने बताया कि उनके पास शिकायत आई है. पुलिस बच्चे की तलाश कर रही है.
आपको बता दें कि राजधानी में इस तरह की यह पहली घटना नहीं है, जब घर से किसी बच्चे को तेंदुआ उठा कर ले गया हो. करीब दो महीने पहले भी शहर के कनलोग इलाके से एक आठ साल के बच्चे को तेंदुआ उठा ले गया था. काफी खोजबीन के बाद भी बच्चे का कोई पता नहीं चला था, फिर अगले दिन उसका शव मिला था. ऐसे में स्थानीय लोगों में डर का माहौल है.
राजधानी शिमला के संजौली, छोटा शिमला, समरहिल इलाकों में तेंदुए का दिखना आ बात हो गई है. आए दिन तेंदुआ लोगों के घरों के बाहर लगे सीसीटीवी कैमरों में कैद होता है. इस घटना के बाद लोगों में दहशत है. लोगों ने जिला प्रशासन और वन विभाग से तेंदुए को पकड़ने की मांग की है ताकि लोगों में फैली दहशत कम हो सके और इस तरह के हादसे दोबारा न हो.
इस संबंध में एसपी डॉ मोनिका ने बताया कि बच्चे की तलाश की जा रही है, अभी तक कोई सुराग नहीं मिला है. उन्होंने कहा कि पुलिस जंगलों में ढूंढ रही है. टीम वापस आने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है.
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