किन्नौर: कृषि विज्ञान केंद्र शारबो किन्नौर (Krishi Vigyan Kendra Kinnaur Sharbo) के कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर अरुण नेगी (Agriculture scientist Dr Arun Negi) ने रिकांगपिओ में जानकारी देते हुए बताया कि जिले में हुई बर्फबारी व बारिश सेब की फसल के लिए बेहद लाभदायक है और अब इस बर्फबारी व बारिश के बाद सेब के बगीचों में चिलिंग आवर (chilling hour in apple orchards) की शुरुआत हुई है.
उन्होंने बताया कि जिले के सभी बागवान अपने-अपने बगीचों में तौलिए व खाद डालने का कार्य अब आरंभ कर सकते हैं. उन्होंने बताया कि बागवानों को जहां तक संभव हो सके तो गोबर की खाद का ही उपयोग करना चाहिए और सेब के बगीचों में 10 वर्ष से ऊपर के पेड़ों में 100 किलोग्राम गोबर की खाद के साथ-साथ 2 किलोग्राम न्यूरो पोटाश व 1 किलोग्राम सिंगल सुपर फॉस्फेट डाल सकते हैं. इसके साथ ही बागवान पेड़ों के साथ जो क्यारियां बनाते हैं वे अंदर की तरफ न बनाएं ताकि पानी अंदर की तरफ जमा न हो सके.
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