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KVK Sharbo Kinnaur: बर्फबारी के बाद सेब के बगीचों में चिलिंग आवर की शुरुआत, लेकिन ऊंचाई वाले क्षेत्रों में अभी न करें प्रूनिंग

कृषि विज्ञान केंद्र शारबो किन्नौर (Krishi Vigyan Kendra Kinnaur Sharbo) के कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर अरुण नेगी (Agriculture scientist Dr Arun Negi) ने बताया कि बर्फबारी और बारिश के बाद सेब के बगीचों में चिलिंग आवर की (chilling hour in apple orchards) शुरुआत हुई है, लेकिन ऊंचाई वाले क्षेत्रों के बागवानों को अपने बगीचों में इस वक्त प्रूनिंग का कार्य आरंभ नहीं करना चाहिए.

Krishi Vigyan Kendra Kinnaur Sharbo
कृषि विज्ञान केंद्र शारबो किन्नौर
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Published : Dec 9, 2021, 4:35 PM IST

किन्नौर: कृषि विज्ञान केंद्र शारबो किन्नौर (Krishi Vigyan Kendra Kinnaur Sharbo) के कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर अरुण नेगी (Agriculture scientist Dr Arun Negi) ने रिकांगपिओ में जानकारी देते हुए बताया कि जिले में हुई बर्फबारी व बारिश सेब की फसल के लिए बेहद लाभदायक है और अब इस बर्फबारी व बारिश के बाद सेब के बगीचों में चिलिंग आवर (chilling hour in apple orchards) की शुरुआत हुई है.

उन्होंने बताया कि जिले के सभी बागवान अपने-अपने बगीचों में तौलिए व खाद डालने का कार्य अब आरंभ कर सकते हैं. उन्होंने बताया कि बागवानों को जहां तक संभव हो सके तो गोबर की खाद का ही उपयोग करना चाहिए और सेब के बगीचों में 10 वर्ष से ऊपर के पेड़ों में 100 किलोग्राम गोबर की खाद के साथ-साथ 2 किलोग्राम न्यूरो पोटाश व 1 किलोग्राम सिंगल सुपर फॉस्फेट डाल सकते हैं. इसके साथ ही बागवान पेड़ों के साथ जो क्यारियां बनाते हैं वे अंदर की तरफ न बनाएं ताकि पानी अंदर की तरफ जमा न हो सके.

वीडियो.
कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक डॉक्टर अरुण नेगी में कहा कि (KVK Sharbo Kinnaur) जिले के निचले क्षेत्रों के लोग पेड़-पौधों की कटाई छंटाई (प्रूनिंग) का कार्य (Apple Plant Pruning) आरंभ कर सकते हैं क्योंकि निचले क्षेत्रों में अब बगीचों में कटाई व छंटाई का समय शुरू हो चुका है. उन्होंने कहा कि जिले के ऊंचाई वाले क्षेत्रों के बागवानों को अपने बगीचों में इस वक्त प्रूनिंग का कार्य आरंभ नहीं करना चाहिए क्योंकि ऊंचाई वाले क्षेत्रों में सेब के पेड़ ठंड के कारण जम चुके हैं. ऐसे में कटाई व छंटाई के दौरान पेड़ों की टहनियां टूटने का खतरा बना रहता है.

ये भी पढे़ं :SOLAN MC MEETING: शहर के 17 वार्डों में लगाए जाएंगे 94 सीसीटीवी कैमरे, सोलन नगर निगम की बैठक में बनी सहमति

किन्नौर: कृषि विज्ञान केंद्र शारबो किन्नौर (Krishi Vigyan Kendra Kinnaur Sharbo) के कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर अरुण नेगी (Agriculture scientist Dr Arun Negi) ने रिकांगपिओ में जानकारी देते हुए बताया कि जिले में हुई बर्फबारी व बारिश सेब की फसल के लिए बेहद लाभदायक है और अब इस बर्फबारी व बारिश के बाद सेब के बगीचों में चिलिंग आवर (chilling hour in apple orchards) की शुरुआत हुई है.

उन्होंने बताया कि जिले के सभी बागवान अपने-अपने बगीचों में तौलिए व खाद डालने का कार्य अब आरंभ कर सकते हैं. उन्होंने बताया कि बागवानों को जहां तक संभव हो सके तो गोबर की खाद का ही उपयोग करना चाहिए और सेब के बगीचों में 10 वर्ष से ऊपर के पेड़ों में 100 किलोग्राम गोबर की खाद के साथ-साथ 2 किलोग्राम न्यूरो पोटाश व 1 किलोग्राम सिंगल सुपर फॉस्फेट डाल सकते हैं. इसके साथ ही बागवान पेड़ों के साथ जो क्यारियां बनाते हैं वे अंदर की तरफ न बनाएं ताकि पानी अंदर की तरफ जमा न हो सके.

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कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक डॉक्टर अरुण नेगी में कहा कि (KVK Sharbo Kinnaur) जिले के निचले क्षेत्रों के लोग पेड़-पौधों की कटाई छंटाई (प्रूनिंग) का कार्य (Apple Plant Pruning) आरंभ कर सकते हैं क्योंकि निचले क्षेत्रों में अब बगीचों में कटाई व छंटाई का समय शुरू हो चुका है. उन्होंने कहा कि जिले के ऊंचाई वाले क्षेत्रों के बागवानों को अपने बगीचों में इस वक्त प्रूनिंग का कार्य आरंभ नहीं करना चाहिए क्योंकि ऊंचाई वाले क्षेत्रों में सेब के पेड़ ठंड के कारण जम चुके हैं. ऐसे में कटाई व छंटाई के दौरान पेड़ों की टहनियां टूटने का खतरा बना रहता है.

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