शिमलाः हिमाचल की जयराम सरकार द्वारा विधानसभा में पेश किए गए बजट को जहां बीजेपी ने प्रदेश के विकास को नई उड़ान का राही बताया है. वहीं, कांग्रेस ने इस बजट को आंकड़ो का मायाजाल करार दिया है. कांग्रेस का आरोप है कि बजट में किसान, बागवानों और कर्मचारियों सहित अन्य वर्ग का कोई राहत नहीं दी गई है.
कांग्रेस अध्यक्ष कुलदीप राठौर ने कहा कि जयराम सरकार का ये बजट मात्र औपचारिकता भर है. बजट में न कोई दिशा है और न ही दशा. बजट में राजस्व बढ़ाने की कोई इंतजाम नहीं है और किसानों व बागवानों की भी पूरी तरह से अनदेखी की गई है.
कुलदीप राठौर ने कहा कि इस बजट से प्रदेश को कोई भला नहीं होने वाला है. प्रदेश घोर आर्थिक तंगी से गुहार रहा है और सरकार अपने खर्चे चलाने के लिए कर्ज पर निर्भर है. ऐसे में बजट से प्रदेश का भला करने की उम्मीद तक करना व्यर्थ है.
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राठौर ने कहा कि प्रदेश की विकास दर में गिरवाट से साफ है कि कृषि बागवानी में उत्पादन घट रहा है. ये सब इन क्षेत्रों की उपेक्षा का ही नतीजा है. इस साल के बजट में भी किसान व बागवानों के लिए कोई विशेष अधिमान नही दिया गया है.
पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए बजट में कुछ नही
वहीं, कांग्रेस राजीव गांधी पंचायती विभाग के राज्य समन्वयक दीपक राठौर ने कहा कि जयराम सरकार के इस बजट में भी किसान बागवानों को प्रोत्साहित करने के लिए कोई भी योजना नही लाई गई है. पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए बजट में कुछ नही है.
सरकार आर्थिक रूप से संपन्न करने के लिए कुछ नहीं और हर महीने सरकार कर्ज पर कर्ज ले रही है. सरकार इन्वेस्टर्स मीट करके निवेश लाने के दावे करती है, लेकिन इन्वेस्टर्स मीट के चार महीने बाद भी जमीन पर कुछ नहीं हुआ है और अब एक और इन्वेस्टर्स मीट करने जा रही है.
उन्होंने कहा कि सरकार पंचायतीराज को सुदृढ़ करने के बजाय उन्हें शक्तिहीन कर रही है जबकि सरकार को पंचायतों को वितीय शक्तियां देनी चाहिए, जिससे रोजगार के अवसर पैदा हो सकते है.
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