शिमला: कोरोना संकट के बीच जरूरतमंदों की मदद के लिए कई लोग आगे आ रहे हैं. इसी कड़ी में जतोग छावनी परिषद प्रवासी मजदूर, दिहाड़ीदार की मदद के लिए आगे आई है. राजधानी शिमला के अन्य क्षेत्रों की तरह ही जतोग छावनी परिषद में भी काफी संख्या में गरीब और प्रवासी मजूदर रह रहे हैं. इन मजदूरों के पास न कोई काम और न ही राशन.
ऐसे जरूरतमंदों की मदद के लिए जतोग छावनी परिषद आगे आई है. छावनी में नेपाल, झारखंड, छत्तीसगढ़ से आए प्रवासी मजदूर अपना गुजर बसर कर रहे हैं, जिनका काम कोरोना वायरस के चलते बंद है. मजदूरों के पास दो वक्त का खाना भी नहीं है. ऐसे में इन लोगों को छावनी परिषद व यहां के स्थानीय लोगों द्वारा हर संभव मदद दी जा रही है.
छावनी परिषद ने गुरुवार को जरूरतमंद परिवारों को राशन सामग्री दी. जिसमें 4 किलोग्राम आटा, 3 किलोग्राम चावल, चने व मलका की दाल, तेल, हल्दी, नमक आदि खाद्य सामाग्री जरूरतमंद परिवारों के बीच वितरित किया गया.
जतोग छावनी परिषद के मुख्य अधिषासी अधिकारी दिवांशु चौधरी ने बताया कि जरूरतमंदों की सहायता के लिए ये पहल की गई है. छावनी परिषद के सदस्यों व ब्रिगेडियर आर सुदंरम ने निर्णय लिया कि हर जरूरतमंदों की सहायता की जाएगी. इस दौरान 200 से अधिक मजदूर वर्ग व जरूरतमंद परिवारों को आवश्यक खाद्य सामग्री दी गई.
छावनी परिषद के स्वास्थ्य एवं सफाई निरीक्षक मंजीत कुमार राणा ने बताया कि यहां कई मजदूर वर्ग ऐसे भी हैं जिनके पास आधार कार्ड नहीं है, उन्हें भी राशन मुहैया करवाया गया. इस अवसर पर जतोग छावनी परिषद के उप प्रधान करूनजीत सिंह व सदस्य सारिका मित्त सहित छावनी परिषद के कर्मचारियों ने भी सहयोग दिया.
श्रमिकों ने कहा कि कोरोना की वजह से उनके पास न राशन है और न कोई काम. ऐसे में छावनी परिषद ने उनकी मदद की है. श्रमिकों ने मदद के लिए छावनी परिषद का आभार भी जताया.
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