शिमला: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के समक्ष एक दिलचस्प राजनीतिक मसला आया था. कांग्रेस विधायक और पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष जगत सिंह नेगी चाहते थे कि अदालत भाजपा नेता सूरत नेगी द्वारा किए जा रहे उद्घाटन व शिलान्यास कार्यक्रमों पर रोक लगाए (Jagat Negi objected to inauguration by Surat Negi) और उन्हें हटाए जाने का आदेश पारित करें. हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई के बाद सूरत नेगी को राहत दी और याचिका को खारिज कर दिया.
हाईकोर्ट की (Himachal High Court) न्यायाधीश न्यायमूर्ति सबीना व न्यायमूर्ति सुशील कुकरेजा की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई की थी. दरअसल, जगत सिंह नेगी ने अदालत से गुहार लगाई थी कि सूरत नेगी को उद्घाटन व शिलान्यास करने से रोका जाए. याचिका में आरोप लगाया गया था कि राज्य सरकार के वन निगम के उपाध्यक्ष सूरत सिंह नेगी जिला किन्नौर में एक के बाद एक परियोजनाओं के उद्घाटन व शिलान्यास कर रहे हैं. विधानसभा चुनाव नजदीक आ गए हैं और सूरत नेगी जनता में अपनी पैठ बनाने के लिए जल्दबाजी में विकास कार्यों का उद्घाटन कर रहे हैं.
याचिका में आरोप लगाया गया था कि प्रतिवादी सूरत सिंह नेगी वन निगम का उपाध्यक्ष होने के कारण इसके लिए सक्षम नहीं है. अदालत से गुहार लगाई गई थी कि सूरत सिंह नेगी ने जितने भी शिलान्यास किए हैं उन्हें हटाए जाने के आदेश दिए जाएं. यही नहीं, मांग की गई थी कि इन्हें हटाने का पूरा खर्चा सूरत सिंह नेगी से ही वसूला जाए. साथ ही सूरत नेगी को और उद्घाटन और शिलान्यास करने से रोका जाए. याचिका में ये भी मांग की गई थी कि सूरत नेगी के अवैध व अनधिकृत कार्य के लिए उन्हें दंडात्मक जुर्माना लगाया जाए. अदालत ने याचिका को खारिज करते हुए अपने निर्णय में कहा कि सूरत सिंह नेगी ने 28 सितंबर से 8 अक्टूबर तक विकास कार्यों का उद्घाटन और शिलान्यास कर दिया है. ऐसे में इन परिस्थितियों में मामले पर हस्तक्षेप करने का कोई आधार नहीं है.
ये भी पढ़ें: Yug Murder Case Shimla: 4 साल के युग हत्याकांड में दोषियों को फांसी की सजा पर 16 नवम्बर को सुनवाई