शिमला: दिवाली पर प्रतिबंध के बावजूद पटाखे फोड़े जाने के कारण उत्तर और मध्य भारत के कई भागों समेत राष्ट्रीय राजधानी में वायु गुणवत्ता बिगड़ी है. जिसके चलते दिवाली के अगले दिन दिल्ली में पिछले पांच साल में सबसे खराब वायु गुणवत्ता दर्ज की गई है.
वहीं, बात अगर हिमाचल प्रदेश की करें तो, यहां हवा अब भी दिल्ली, हरियाणा और पंजाब के मुकाबले काफी बेहतर और साफ है. हिमाचल में दिवाली पर केवल दो घंटे ही पटाखे जलाने की इजाजत थी. पहाड़ों की रानी शिमला शहर का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) सबसे साफ रहा है.
दिवाली पर हालांकि उद्योग बंद रहे, लेकिन आतिशबाजी के चलते प्रदूषण से हवा की गुणवत्ता मॉडरेट रही. बद्दी का एयर क्वालिटी एंडेक्स सबसे ज्यादा 165, पीएम-10 197 और पीएम 2.5 -29.11 रहा. बता दें कि औद्योगिक क्षेत्र बीबीएन में करीब तीन हजार छोटे बड़े उद्योग हैं. इन उद्योगों से निकलने वाले पार्टिकल हवा में मिल जाते हैं, जो हवा की गुणवत्ता पर सीधा प्रभाव डालते हैं.
हिमाचल में जिन-जिन शहरों में औद्योगिक गतिविधियां ज्यादा हैं, वहां पर प्रदूषण का स्तर ज्यादा है. सबसे खराब एयर क्वालिटी इंडेक्स सोलन के बद्दी, नालागढ़, कालाअंब, कांगड़ा के डमटाल, मंडी के सुंदरनगर, मनाली और अन्य शहरों का रहा. हालांकि पटाखे फोड़ने को लेकर सख्ती के चलते शहरों में प्रदूषण का स्तर कम दर्ज हुआ है. प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के अनुसार सूबे में शिमला में सबसे बेहतर एयर क्वालिटी इंडेक्स दर्ज किया गया है.
शहर | एयर क्वालिटी इंडेक्स |
बद्दी | 165 |
नालागढ़ | 110 |
पांवटा | 96 |
कालाअंब | 77 |
शिमला | 38 |
ऊना | 72 |
डमटाल | 53 |
मनाली | 50 |
सुंदरनगर | 46 |
परवाणू | 39 |
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