शिमला: प्रदेश में कोराना लगातार अपना कहर बरपा रहा है. मंगलवार 1 दिसंबर को प्रदेशभर में कोरोना के कुल 709 मामले सामने आए हैं जबकि कोरोना के चलते मंगलवार को 21 लोगों की मौत हुई है. वैसे तो प्रदेश के हर जिले में कोरोना के मामले सामने आ रहे हैं लेकिन शिमला, मंडी और कांगड़ा में कोरोना मानो बेकाबू हो रहा है. खासकर शिमला में कोरोना की रफ्तार सबसे ज्यादा खौफ पैदा कर रही है.
आईजीएमसी में डॉक्टरों की छुट्टियां रद्द
कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल आईजीएमसी में डॉक्टरों की डेढ़ महीने की सर्दियों की छुट्टियां को रद्द कर दिया गया है. हर साल जनवरी-फरवरी के महीने में विशेषज्ञ डॉक्टरों व रेजिडेंट डॉक्टरों को डेढ़ महीने की छुट्टियां दी जाती थी, परंतु इस साल कोरोना के कारण यह छुट्टियां नहीं मिलेगी. हालांकि यह छुट्टियां अर्जित अवकाश के तौर पर ली जा सकेंगी.
कोरोना के बढ़ते मामलों के चलते फैसला
आईजीएमसी में कोरोना काल में डॉक्टरों व अन्य स्टाफ की काफी जरूरत है. रोजाना के कोरोना मामलों में इजाफा हो रहा है. कोविड वार्ड में भी डॉक्टरों की ड्यूटी लगाई जाती है, जिसके बाद उन्हें भी 14 दिन के लिए क्वारंटाइन किया जाता है. ऐसे में अगर छुट्टियां दी जाएगी, तो अस्पताल में स्टाफ की कमी होगी. इसको देखते हुए अस्पताल प्रशासन ने यह फैसला लिया है.
जानकारी अनुसार डॉक्टर विंटर वेकेशन में बारी-बारी से छुट्टियों पर जाते हैं, लेकिन इस बार छुट्टियों पर रोक लगाई गई है. यहां दूर-दराज से लोग इलाज करवाने के लिए आते हैं. डॉक्टरों के छुट्टियों पर रहने से अस्पताल में आने वाले मरीजों को परेशानी होती है. इन्हीं सब चीजों को देखते हुए ये फैसला लिया गया है.
छुट्टियां केवल अर्जित अवकाश के तौर पर ही ले पाएंगे
आईजीएमसी के प्रिंसिपल डॉ. रजनीश पठानिया ने बताया कि कोरोना के चलते सर्दियों की छुट्टियों को रद्द कर दिया गया है. सभी डॉक्टर छुट्टियां केवल अर्जित अवकाश के तौर पर ही ले पाएंगे.
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