शिमलाः राजधानी शिमला के ऐतिहासिक आइस स्केटिंग रिंक में स्केटिंग का रोमांच शुरू हो गया है. लंबे इंतजार के बाद गुरुवार को सीजन का पहला स्केटिंग सेशन हुआ. सुबह आठ से करीब दस बजे तक स्केर्ट्स ने शीशे पर फिसलने के रोमांच का आनंद लिया. पहले दिन दस के करीब बच्चे ही पहुंचे.
आइस स्केटिंग रिंक में स्केटिंग का रोमांच शुरू
जिला में तापमान में आई गिरावट के साथ ही आइस स्केटिंग रिंक में बर्फ लगभग रिंक के आधे से ज्यादा भाग में जम चुकी है. आइस स्केटिंग रिंक क्लब सदस्यों की ओर से बुधवार को स्केटिंग का ट्रायल किया गया. कोविड काल के चलते रिंक में दस वर्ष से कम और साठ साल से ज्यादा आयु वर्ग के लोगों को स्केटिंग की इजाजत नहीं है.
बच्चे उठा रहे स्केटिंग का लुत्फ
आइस स्केटिंग करने आये जानेव ओर सुहानी ने कहा कि वह पूरा वर्ष इस समय का इंतजार करते रहते हैं. सर्दी के इस मौसम में उन्हें स्केटिंग करने का बहुत आनंद आता है वह जमकर इन पलों का लुत्फ लेते हैं. उन्होंने कहा कि वह कई वर्षों से स्केटिंग करते हैं. साथ ही क्लब की ओर से आयोजित किए जाने वाली प्रतियोगिताओं में भी भाग लेते हैं, लेकिन इस वर्ष कोरोना के चलते प्रतियोगिताओं का आयोजन ना होने से उन्हें निराशा है.
आइस स्केटिंग के 100 वर्ष पूरे
वहीं, आइस स्केटिंग क्लब के कोषाध्यक्ष पंकज प्रभाकर ने कहा कि आज से स्केटिंग के सेशन शुरू हो गए हैं. उन्होंने कहा कि मौसम ने साथ दिया तो जल्द ही एक-दो दिनों में शाम के सेशन भी आरंभ कर दिए जाएंगे.
उन्होंने कहा कि इस वर्ष आइस स्केटिंग के 100 वर्ष पूरे हो गए हैं, लेकिन कोरोना काल के चलते किसी भी प्रकार की गतिविधियों का आयोजन नहीं किया जाएगा. उन्होंने कहा कि जब मौका मिलेगा उस समय 100 वर्ष का जश्न और अन्य खेलकूद गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा.
1920 में अंग्रेज अधिकारी ने किया था निर्माण
बता दें रिंक का निर्माण 1920 में अंग्रेज अधिकारी मिस्टर ब्लेसिंगटन ने किया था. यह साउथ ईस्ट एशिया में एकमात्र ओपन एयर स्केटिंग रिंक है. आजादी से पहले तक यहां पर केवल अंग्रेजों को ही आने की अनुमति थी. स्केटिंग रिंक से पहले यह टेनिस कोर्ट था.